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जींद जिप चुनाव: 22 में से 19 सदस्यों ने डाले वोट, मत पेटी सील, हाईकोर्ट के फैसले पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, जींद : जिला परिषद की प्रधान पदमा सिंगला के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को डीआरडीए काफ्रेंस रूम में मतदान हुआ। कुल 22 पार्षद मतदान के लिए मीटिंग में मौजूद रहे। इनमें से 19 पार्षदों ने वोट डाला, जबकि प्रधान पदमा सिंगला और उनके गुट के सतीश पहलवान व विनोद सैनी ने मतदान नहीं किया। प्रधान पदमा ने बुधवार की मीटिंग के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, जिस पर 25 अक्टूबर को सुनवाई है। मतपेटी को सील करके ट्रेजरी के लॉकर रूम में रखवा दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर ही प्रशासन अगली कार्रवाई करेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Oct 2018 03:18 PM (IST)Updated: Wed, 03 Oct 2018 03:18 PM (IST)
जींद जिप चुनाव: 22 में से 19 सदस्यों ने डाले वोट, मत पेटी सील, हाईकोर्ट के फैसले पर होगी कार्रवाई
जींद जिप चुनाव: 22 में से 19 सदस्यों ने डाले वोट, मत पेटी सील, हाईकोर्ट के फैसले पर होगी कार्रवाई

जागरण संवाददाता, जींद : जिला परिषद की प्रधान पदमा सिंगला के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को डीआरडीए काफ्रेंस रूम में मतदान हुआ। कुल 22 पार्षद मतदान के लिए मीटिंग में मौजूद रहे। इनमें से 19 पार्षदों ने वोट डाला, जबकि प्रधान पदमा सिंगला और उनके गुट के सतीश पहलवान व विनोद सैनी ने मतदान नहीं किया। प्रधान पदमा ने बुधवार की मीटिंग के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है, जिस पर 25 अक्टूबर को सुनवाई है। मतपेटी को सील करके ट्रेजरी के लॉकर रूम में रखवा दिया है। हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर ही प्रशासन अगली कार्रवाई करेगा।

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पिछले महीने 16 सितंबर को 26 में से 20 जिला पार्षदों ने प्रशासन को प्रधान पदमा सिंगला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए प्रशासन को शपथ पत्र दिए थे। इस पर प्रशासन ने 4 सितंबर को अविश्वास प्रस्ताव पर मीटिंग बुला ली थी। लेकिन उस दिन डीसी के चंडीगढ़ जाने के कारण प्रशासन ने बैठक को स्थगित कर दिया था। प्रशासन ने 25 सितंबर को दोबारा 3 अक्टूबर को मीटिंग बुला ली। इसके खिलाफ प्रधान पदमा सिंगला ने हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया। पदमा ने अपनी याचिका में कहा कि हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 के तहत अविश्वास प्रस्ताव पर एक बार मीटिंग बुलाने के बाद उसे स्थगित नहीं किया जा सकता। इसलिए प्रशासन दोबारा मीटिंग नहीं बुला सकता। उस दिन 11 बजे तक कोई पार्षद मतदान करने नहीं आया, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव तो उसी दिन गिर गया था। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर 25 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। अब सब कुछ हाइकोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। हाईकोर्ट का फैसला पदमा के पक्ष में आता है तो 3 अक्टूबर के मतदान का कोई औचित्य नहीं रहेगा। यदि हाइकोर्ट 3 अक्टूबर की मीटिंग को मान्य करता है तो मतगणना कराई जाएगी। बुधवार को मतदान में 19 पार्षदों ने हिस्सा लिया, लेकिन प्रधान पदमा सिंगला ने विश्वास जताया कि कुछ सदस्यों ने उसके पक्ष में क्रॉस वोटिंग की है।


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