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11 पौधों की कांवड़ लाए शिक्षक, सिठाना के शिव मंदिर में किया पौधरोपण

रजापुर के राजकीय स्कूल के जेबीटी टीचर ओमबीर जांगड़ा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नई पहल करते हुए पौधा कांवड़ उठाई।

By JagranEdited By: Published: Fri, 10 Aug 2018 08:11 AM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 08:11 AM (IST)
11 पौधों की कांवड़ लाए शिक्षक, सिठाना के शिव मंदिर में किया पौधरोपण
11 पौधों की कांवड़ लाए शिक्षक, सिठाना के शिव मंदिर में किया पौधरोपण

जागरण संवाददाता, पानीपत :

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रजापुर के राजकीय स्कूल के जेबीटी टीचर ओमबीर जांगड़ा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए नई पहल करते हुए पौधा कांवड़ उठाई। वह 11 पौधों की कांवड़ लेकर आए। उन्होंने असंध रोड स्थित प्राइवेट नर्सरी से पौधों की कांवड़ नौ किलोमीटर दूर गांव सिठाना स्थित शिव मंदिर में चढ़ाई। यहीं पर पौधरोपण कराया।

ओमबीर जांगड़ा ने बृहस्पतिवार को असंध रोड स्थित नर्सरी से अमरूद, नींबू, अशोका, फाइक्स और बेलपत्र के 11 पौधों की कांवड़ उठाई। तिरंगा से सजी कांवड़ को पैदल सिठाना गांव के शिव मंदिर में लेकर पहुंचे। उन्होंने यहां पर ग्राम पंचायत सरपंच सतपाल ¨सह और ग्रामीणों के सहयोग से पौधरोपण किया। बुधवार को डाक कांवड़ियों को देखकर मन में आया विचार : ओमबीर जांगड़ा ने बताया कि वह बुधवार को छुट्टी के बाद अपने घर वापस आ रहे थे। तब उन्होंने पौधों की कांवड़ लाने का फैसला लिया। उनका प्रयास है कि युवा वर्ग इससे प्रभावित होकर पर्यावरण के क्षेत्र में आगे आए। रिश्तेदारों और संगे संबंधियों को पौधे करते हैं गिफ्ट : ओमबीर जांगड़ा ने बताया कि वह मूल रूप से चरखी-दादरी के फतेहगढ़ गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने पांच जनवरी 2011 को शिक्षा विभाग में जेबीटी टीचर के रूप में ज्वाइन किया था। पहला स्टेशन महमूदपुर गांव रहा। उनके अध्यापक जयपाल उनसे पौधरोपण कराकर उनके नाम, रोल नंबर और क्लास का बोर्ड लगवाते थे। उन्हीं यादों को ताजा कर 2012 में पौधरोपण अभियान शुरू किया। पर्यावरण पर साहित्य और रागिनी लिख चुके हैं। 2016 में सरकार ने रेवाड़ी से वन चेतना यात्रा रवाना की थी। उनकी रागिनी को कार्यक्रम में शामिल किया गया था। तत्कालीन डीसी चंद्रशेखर खरे ने उनको पुरस्कृत किया। 4 अक्तूबर, 2016 में जींद में वन्य सुरक्षा सप्ताह में मुख्यमंत्री के मंच से रागिनी की प्रस्तुति दी थी। वह अपने रिश्तेदार या नजदीकी को खुशी के अवसर पर उनको पौधा गिफ्ट कर खुद पौधरोपण कराते हैं।


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