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गीता के परिजनों को नहीं ढूंढ सकी जम्मू कश्मीर सरकार

जागरण संवाददाता, पानीपत : पाकिस्तान से भारत आई गीता के परिजनों को जम्मू-कश्मीर की सरकार नह

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Jul 2017 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jul 2017 03:01 AM (IST)
गीता के परिजनों को नहीं ढूंढ सकी जम्मू कश्मीर सरकार
गीता के परिजनों को नहीं ढूंढ सकी जम्मू कश्मीर सरकार

जागरण संवाददाता, पानीपत : पाकिस्तान से भारत आई गीता के परिजनों को जम्मू-कश्मीर की सरकार नहीं ढूंढ सकी। बिहार का जनार्दन महतो परिवार उसको अपनी बेटी मान रहा था लेकिन उनका डीएनए मैच नहीं हुआ था। फिलहाल वह इंदौर में मूक बधिर संस्था के घर में रह रही है। एडवोकेट मोमिन मलिक ने बिहार, गुजरात, पंजाब और गुजरात सरकार को परिजनों को ढूंढने के लिए पत्र लिखा था। उनमें से जम्मू कश्मीर सरकार का जवाब आया है।

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मूक बधिर गीता पाकिस्तान के अहदी सेंटर में रह रही थी। उसको भारत लाने में एडवोकेट मोमिन मलिक ने अहम भूमिका अदा की थी। उन्होंने पाकिस्तान के कराची जाकर वूमेन राईट कोर्ट में वर्ष 2015 में याचिका दायर की थी। जस्टिस अहमद सबा ने 9 मई, 2015 को पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया कि अगर गीता भारत की बेटी है तो उसे सकुशल हिंदुस्तान भेजने में सहयोग करे।

मोमिन मलिक ने पत्रकारों को बताया विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सहयोग से सितंबर 2015 में गीता वापस भारत आ गई थी। उसने बिहार के रहने वाले जनार्दन महतो परिवार को अपने परिजनों के रूप में पहचाना था लेकिन उसका डीएनए मैच नहीं हुआ। मलिक ने वर्ष 2015 में गीता के परिजनों को ढूंढने के लिए बिहार, जम्मू कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात सरकार को पत्र लिखा था। मलिक बताया कि दो वर्ष बाद जम्मू कश्मीर पुलिस के आइजी सीआइडी ने जवाब भेजा है कि पाकिस्तान सीमा के साथ लगते भारत के एरिया में गीता के परिजनों की तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चला।


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