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2132 करोड़ टैक्स देने वाला आइओसी डिपो बंदी के कगार पर

दीपक बहल अंबाला केंद्र और राज्य सरकार को सालाना 2132 करोड़ रुपये का टैक्स अदा करने

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Aug 2020 06:39 AM (IST)Updated: Fri, 21 Aug 2020 06:39 AM (IST)
2132 करोड़ टैक्स देने वाला आइओसी डिपो बंदी के कगार पर
2132 करोड़ टैक्स देने वाला आइओसी डिपो बंदी के कगार पर

दीपक बहल, अंबाला:

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केंद्र और राज्य सरकार को सालाना 2132 करोड़ रुपये का टैक्स अदा करने वाला इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आइओसी डिपो) अब बंद की कगार पर है। सन 1982 में अंबाला में आइओसी डिपो की नींव रखी, जिसके चलते अंबाला भी सुर्खियों में आया। मथुरा रिफाइनरी से पाइपलाइन से तेल आता है, जो हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख तक सप्लाई होता है। एयरफोर्स विमानों के लिए विशेष तेल और आर्मी के लिए ईंधन भी यहां से सप्लाई होता है। पाकिस्तान के बालाकोट में की सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी अंबाला के इस डिपो को से ईंधन सप्लाई किया था। अब यह बंद होने के कगार पर है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसे बंद करने का फैसला लिया है। हाईकोर्ट में लीज अवधि बढ़ाने के लिए लड़ाई

अंबाला छावनी नगर परिषद ने आइओसी डिपो की लीज 90 साल के लिए तीन-तीन चरणों में बढ़ा रखी थी। सन 2010 में लीज खत्म हुई। इसके बाद आइओसी और नगर परिषद के बीच पत्राचार चला, लेकिन नगर परिषद ने लीज नहीं दी। जिस जमीन पर आइओसी डिपो बना है, वह हरियाणा सरकार की है। हरियाणा सरकार भी चाहती है कि आइओसी डिपो आबादी के कारण शिफ्ट हो जाए। याचिका में लीज बढ़ाने की मांग की गई है। आइओसी का तर्क है कि यहां पर मथुरा और पानीपत रिफाइनरी की पाइपलाइन आ रही है, जिसके माध्यम से तेल पंजाब और हिमाचल जा रहा है। इस मामले की सुनवाई 13 अक्टूबर 2020 को होनी है। विस्फोट के बाद सुर्खियों में आया अंबाला

जयपुर में आबादी के बीच चल रहे इंडियन ऑयल कार्पोरेशन (आइओसी) में सन 2009 में विस्फोट हुआ था, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई थी। इसी कारण आबादी में चल रहे देश भर के आइओसी डिपो शिफ्ट करने का केंद्र सरकार ने निर्णय लिया था। अंबाला के डिपो को भी शिफ्ट किया जाना है। इससे पहले अंबाला छावनी के बारह क्रास रोड पर भी एक पेट्रोलियम डिपो था, जिसे पहले ही शिफ्ट किया जा चुका है। 1650 करोड़ रुपये केंद्र के हिस्से में

अंबाला में आइओसी डिपो सरकार की आमदनी का जरिया रहा है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों को करोड़ों रुपये टैक्स के मिलते हैं। यह आइओसी डिपो सालाना कुल 2132 करोड़ रुपये टैक्स देता है, जबकि इस में से 1650 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के हिस्से में जाता है। इसके अलावा 482 करोड़ रुपये का टैक्स राज्य सरकार के हिस्से में आता है।


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