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सी फार्म के घोटाले की खुलेंगी परतें, व्यापारी से अधिकारी तक इसमें शामिल Panipat News

153 करोड़ के सी फार्म घोटाले की पुलिस जांच शुरू हो गई है। केस की फाइलें मांगी गई हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच और केस दर्ज करने के आदेश दिए गए थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 01:42 PM (IST)
सी फार्म के घोटाले की खुलेंगी परतें, व्यापारी से अधिकारी तक इसमें शामिल Panipat News
सी फार्म के घोटाले की खुलेंगी परतें, व्यापारी से अधिकारी तक इसमें शामिल Panipat News

पानीपत, जेएनएन। 153 करोड़ के सी फार्म घोटाले की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने अब मामले से संबंधित फाइल लेने के लिए आबकारी आयुक्त चंडीगढ़ सहित उप आबकारी कराधान आयुक्त पानीपत को पत्र लिखा है। मामले की जांच डीएसपी मुख्यालय सतीश कुमार वत्स कर रहे हैं। 

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 आबकारी कराधान विभाग में 153.38 करोड़ के सी फार्म घोटाले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी। इस पर आबकारी कराधान अधिकारी(ईटीओ) देविक शर्मा, इंस्पेक्टर इंद्रावती और रिकॉर्ड में दर्शाए मालिक गोङ्क्षवद शर्मा के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया गया। केस दर्ज होने के बाद मामले की जांच के लिए डीएसपी मुख्यालय को जांच अधिकारी नियुक्त किया जा चुका है। 

उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम की विपिन इंटरप्राइजेज के खिलाफ 17 फरवरी 2018 को सी फार्म चोरी में मुकदमा दर्ज किया था। प्राथमिक जांच में सामने आया कि इस फर्म का लिंक पारस इंटरप्राइजिज पानीपत के मालिक तरुण कुमार निवासी दयालपुर सेरपुर नॉर्थ इस्ट दिल्ली से भी है। इसको इस फर्म से फार्म दिए गए हैं। विभागीय अधिकारियों ने जांच की तो यह फर्म फर्जी मिली। फर्म का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराते वक्त दिया गया मोबाइल नंबर गोविंद शर्मा का मिला। इसी मोबाइल से 41 और फर्म वेट एक्ट में ऑनलाइन रजिस्टर्ड कराई थी।   पारस इंटरप्राइजेज ने 2016-17 में प्रदेश से 18.89 करोड़ और राज्य से बाहर की 3.45 करोड़ रुपये की खरीद घोषित की। उन्होंने आगे 18.56 करोड़ की बिक्री दिखाई। पारस इंटरप्राइजेज ने 2017-18 में पहले तिमाही की रिटर्न में 9.67 करोड़ खरीद राज्य और 49.65 करोड़ दूसरे प्रदेशों से खरीद करना दिखाई। कुल बिक्री 9.69 करोड़ दिखाई। इससे जुड़ी फार्मों ने इनपुट क्रेडिट टैक्स (आइटीसी) का क्लेम करते समय पाया कि उन्होंने रिटर्न नहीं भरी। इसके आधार पर 17.33 करोड़ का आइटीसी क्लेम ले भी लिया।    

ईटीसी कार्यालय की जीएसटी की जांच के बाद 4 अक्टूबर 2018 को जांच रिपोर्ट पेश की। इसमें सामने आया कि पारस इंटरप्राइजेज ने फर्जी तरीके से फर्म रजिस्ट्रेशन कराई। ईटीओ देविक शर्मा और इंस्पेक्टर इंद्रावती की इसमें मिलीभगत सामने आई। विभाग ने पारस इंटरप्राइजिज के खिलाफ पानीपत के थाना चांदनी बाग में मुकदमा दर्ज करा दिया था। ईटीओ देविका शर्मा और इंस्पेक्टर इंद्रावती की विभागीय जांच चल रही थी। जांच में सामने आया कि ईटीओ देविक शर्मा ने पकड़े जाने के डर से 153.38  करोड़ के सी फार्म रद कर दिए। वहीं डीलर ने कोई टैक्स नहीं जमा कराया। पारस इंटरप्राइजिज ने इस तरह अधिकारियों के साथ मिलकर सरकार को 30.06 करोड़ के राजस्व की चपत लगाई। 

 जांच शुरू कर दी गई है। केस से संबंधित रिकार्ड व फाइलों के लिए आबकारी कराधान आयुक्त पर उप आबकारी कराधान आयुक्त को पत्र लिखा गया। फाइल आने के बाद स्टडी की जाएगी। उसके बाद अगली कार्रवाई होगी।

सतीश कुमार वत्स,  डीएसपी मुख्यालय, पानीपत। 

राजस्व खुफिया निदेशालय की छापेमारी में फंसे व्यापारियों का भरनी होगी ड्यूटी  

उधर, चीन से फ्लैनो कंबल, 3 डी चादर आयात करने वाले व्यापारियों को अब दिल्ली तलब किया गया है। इन व्यापारियों से 10 फीसद ड्यूटी भरवाने के लिए कहा गया है। सोमवार को पानीपत के आठ व्यापारियों के घरों, दुकानों पर डीआरआइ ने छापेमारी की थी। कुछ व्यापारी बुधवार को दिल्ली मुख्यालय में गए थे। कुछ अब बृहस्पतिवार को जाएंगे। पोर्ट पर इन व्यापारियों के 50 कंटेनर रोके गए हैं, जिनमें बिल कम बनवाकर कस्टम ड्यूटी चोरी की जा रही थी। सूत्रों के अनुसार अब तक पानीपत में 450 कंटनेर आ चुके हैं। पिछले कंटेनर का माल भी बिक चुका है। उन पर ड्यूटी की वसूली पर भी डीआरआइ का जोर है। 


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