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ट्रांसफर है गहना, गुड वर्क से मिलते नए अवसर : एडीसी प्रीति

आइएएस अधिकारियों के लिए ट्रांसफर गहने के समान होता है। किसी जगह कार्यकाल अधिक होने स

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 09:21 AM (IST)Updated: Mon, 04 Mar 2019 09:21 AM (IST)
ट्रांसफर है गहना, गुड वर्क से मिलते नए अवसर : एडीसी प्रीति
ट्रांसफर है गहना, गुड वर्क से मिलते नए अवसर : एडीसी प्रीति

आइएएस अधिकारियों के लिए ट्रांसफर गहने के समान होता है। किसी जगह कार्यकाल अधिक होने से ज्यादा लोगों से जुड़ाव हो जाता है। गुड वर्क करने का अवसर मिलता है। पद की मर्यादा और सेवाकाल में जिम्मेदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करना सबसे बड़ी चुनौती है। पानीपत में ज्वाइन करने के बाद यहां पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने पर विशेष फोकस रहेगा। पदभार संभालने के बाद दैनिक जागरण के ब्यूरो प्रभारी अरविन्द झा ने अतिरिक्त उपायुक्त प्रीति का साक्षात्कार लिया। प्रस्तुत है बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :-

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प्रश्न : आइएएस बनने की प्रेरणा कहां से मिली?

उत्तर : समाज सबसे बड़ी प्रेरणा देता है। डॉक्टर भाई से प्रेरणा मिली। आइएएस जैसी देश के सर्वश्रेष्ठ नौकरी में आकर माता-पिता का सपना साकार किया।

आइएएस अधिकारियों के लिए ट्रांसफर गहने के समान होता है। कार्यकाल किसी जगह अधिक होने से ज्यादा लोगों से जुड़ाव हो जाता है। गुड वर्क करने का अवसर मिलता है। पद की मर्यादा और सेवाकाल में जिम्मेदारी से कर्तव्यों का निर्वहन करना सबसे बड़ी चुनौती है। पानीपत में ज्वाइन करने के बाद यहां पंचायती राज व्यवस्था को सशक्त बनाने पर विशेष फोकस रहेगा। पदभार संभालने के बाद दैनिक जागरण के ब्यूरो प्रभारी अरविन्द झा ने अतिरिक्त उपायुक्त प्रीति का साक्षात्कार लिया। प्रस्तुत है बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :- प्रश्न : आइएएस बनने की प्रेरणा कहां से मिली?

उत्तर : समाज सबसे बड़ी प्रेरणा देता है। डॉक्टर भाई से प्रेरणा मिली। आइएएस जैसी देश के सर्वश्रेष्ठ नौकरी में आकर माता-पिता का सपना साकार किया।

प्रश्न : आइएएस जॉब में चार साल का अनुभव आप ले चुकी हैं। यह सफर कैसा रहा?

उत्तर : ढाई साल ट्रेनिग में बीत गए। जब से पब्लिक फेश बनी हूं जैसा सोचा था वैसा ही पाया। प्रशासनिक जॉब से पूरी संतुष्टि है। प्रश्न : प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर को अलग नजरिये से देखा जाता है। इसका सकारात्मक और नकारात्मक क्या है?

उत्तर : ट्रांसफर को हतोत्साहित मूड में नहीं लेना चाहिए। लोगों को हर जगह अवसर की आवश्यकता है। ज्यादा समय तक अवसर मिलने पर अच्छा कार्य किया जा सकता है। प्रश्न : प्रथम पोस्टिग के बाद एडीसी के रूप में अब जिम्मेदारियां बदल गई हैं?

उत्तर : प्रत्येक पद की चुनौती और जिम्मेदारी होती है। एसडीएम के पद पर रहकर बहुत कुछ सीखने का अवसर मिला। पब्लिक डीलिग सीखी। अब एडीसी के पद पर पब्लिक और फाइनेंशियल डीलिग में सामंजस्य बिठा कर काम करने का मौका मिलेगा। प्रश्न : एडीसी पद के प्रथम कार्यकाल में किस चीज पर आप फोकस करेंगी?

उत्तर : पंचायती राज एक्ट पर फोकस रहेगा। ताकि सरपंच और पंच जिम्मेदारी महसूस कर सकें। सरकार की विकेन्द्रीकरण पॉलिसी को अक्षरश: लागू कराने का प्रयास रहेगा। प्रश्न : आरटीए पद को भ्रष्टाचार से जोड़ा जाता है। आप उसे किस तरह से लेंगी?

उत्तर : रोडवेज ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों की बैठक लेकर अपनी मंशा बता देंगे। भ्रष्टाचार किसी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। उन पर विश्वास कर एक मौका देंगे। सुपरवाइजरी का रोल अच्छी तरह से निभाएंगे। प्रश्न : युवा पीढ़ी को क्या प्रेरणा देंगी। खासकर बेटियों के लिए?

उत्तर : जीवन की चुनौतियों को पढ़ाई से दूर कर सकते हैं। बेटियां जितना हो सके पढ़ें। देश का जिम्मेदार नागरिक बनकर अपना कर्तव्य निभाएं। प्रश्न : आपकी हॉबी क्या है?

उत्तर : म्यूजिक सुनना। खासकर ट्रेडिशनल गाने पसंद हैं। पुस्तक पढ़ने का भी मुझे शौक है। परिचय :

नाम : प्रीति

निवासी : बहादुरगढ़

जन्म तिथि : 13 अक्टूबर 1991

आइएएस परीक्षा उत्तीर्ण : 2015

प्रथम पोस्टिग : एसडीएम नूंह


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