देश का पहला 18 दिवसीय International Geeta Festival 2019 सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री इवेंट, मिलेगा ये दर्जा
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 को प्लास्टिक फ्री इवेंट का दर्जा मिलेगा। जल्द ही इसके लिए प्रमाणपत्र भी जारी होगा।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2019 को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री इवेंट का दर्जा मिलेगा। अपने आप में यह देश का पहला इतना मेगा इवेंट होगा, जो 18 दिन तक चला और जिसमें लाखों लोग पहुंचे।
महोत्सव को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री इवेंट बनाने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग से ग्रीन अर्थ संगठन की पांच टीमें लगी रही। संगठन को यह सफलता 2010 से लगातार चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के बाद मिली है। दैनिक जागरण समाचार पत्र भी लगातार पाठकों को पॉलीथिन से फैलने वाली कैंसर जैसी बीमारियों को लेकर जागरूक करता आ रहा है।
23 नवंबर से 10 दिसंबर तक चला महोत्सव
ब्रह्मसरोवर के तट पर लगने वाला अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 23 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चला है। इस महोत्सव में गत वर्ष 40 लाख पर्यटक पहुंचे थे। इस बार केडीबी प्रशासन की ओर से संख्या और अधिक होने का दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं महोत्सव को लेकर लगाए जाने वाले शिल्प और क्राफ्ट मेले में 800 के लगभग स्टाल सजते हैं। इसके साथ ही 100 के लगभग फूड स्टाल भी लगाए जाते हैं। यह अपने आप में एक मिसाल है कि सैकड़ों फूड स्टाल सजने पर भी एक भी प्लास्टिक के चम्मच, कटोरी और थर्मोकॉल का उपयोग नहीं हुआ है।
15 सदस्यों की पांच टीमों ने किया दिन रात काम
ग्रीन अर्थ संस्था के पदाधिकारी डॉ. नरेश भारद्वाज ने कहा कि आइजीएम 2019 को सिंगल यूज प्लास्टिक फ्री इवेंट घोषित करने के लिए वह लगातार 2010 से प्रयासरत हैं। इस बार शिल्पकारों और अन्य दुकानदारों को जागरूक करने के लिए 15 सदस्यों की पांच टीमों का गठन किया गया। इस टीम ने एक-एक स्टाल पर जाकर लोगों को जागरूक किया। इसके लिए बाकायदा पंफ्लेट बांटे गए और कपड़े के बने 150 बैनर महोत्सव में लगाए गए। इस अभियान को जिला प्रशासन का भी सहयोग मिला और वह कामयाब रहे।
थर्ड पार्टी से करवाया वेरीफिकेशन
इसके लिए गुरुग्राम की एक एजेंसी से थर्ड पार्टी वेरीफिकेशन करवाया गया। इस एजेंसी ने सर्वे के बाद संतुष्टि जताई और इसे सफल बताया है। जल्द ही इसके लिए सत्यापन पत्र जारी कर दिया जाएगा।
पूर्वी घाट पर 87 हजार पॉलीथिन से तैयार कछुआ से किया जागरूक
लोगों को पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के लिए पर्यावरण प्रेमियों की ओर से 87 हजार से अधिक पॉलीथिन से कछुआ तैयार कर रखा गया है। गिनीज बुक आफ वल्र्ड रिकार्ड के लिए तैयार किए गए इस कछुए के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया गया है।