International Day of Families 2020 : एक ऐसा परिवार, जिसकी तीन पीढि़यां समाज व राष्ट्र की सेवा के प्रति सतत समर्पित
विरमानी परिवार प्रवाहित कर रहा संस्कारों की अविरल त्रिवेणी। समाज व राष्ट्र की सेवा के प्रति सतत समर्पित तीन पीढिय़ांं। पिता सेवानिवृत्त शिक्षक बेटा व पोता आयुर्वेदिक चिकित्सक।
पानीपत/करनाल, [पवन शर्मा]। मा भ्राता भ्रातरं द्विक्षन्, मा स्वसारमुत स्वसा, सम्यन्च: सव्रता भूत्वा वाचं वदत भद्रया...। अथर्ववेद का यह श्लोक कहता है कि भाई-बहन सहित परिवार में सभी एक-दूसरे का आदर-सम्मान करते हुए एकमत से प्रत्येक कार्य और भद्रभाव से परिपूर्ण संभाषण करें। करनाल के विरमानी परिवार की त्रिवेणी रूपी तीन पीढिय़ों में प्रवाहित संस्कारों की अविरल धारा समाज के समक्ष यही उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। कोरोना से जंग में योद्धा की माङ्क्षनद दायित्व निर्वहन कर रहे इस परिवार का स्पष्ट अभिमत है कि संस्कारों की आदर्श शिक्षा पर ही राष्ट्र की नींव टिकी है। इसीलिए वे संयुक्त परिवार की अवधारणा में न केवल प्रबल विश्वास करते हैं बल्कि, हर किसी को इसके प्रति सचेत करने में भी भरपूर योगदान देते हैं।
यह परिवार कोरोना से जंग में जी-जान से जुटा है। हर सुबह सब सदस्य एक साथ आकर राष्ट्र और समाज की सेवा का संकल्प दोहराते हैं। इसके बाद सब अपना अपना दायित्व निभाने निकल जाते हैं। परिवार के मुखिया ओमप्रकाश विरमानी सेवा भारती के प्रांतीय कार्यालय प्रमुख हैं तो उनके पुत्र डॉ. मनोज विरमानी की गिनती देश के प्रमुख आयुर्वेदिक चिकित्सकों में होती है। उन्होंने ही करीब ढाई दशक पूर्व उत्तर भारत में सबसे पहले पंचकर्म चिकित्सा की शुरुआत की थी। परिवार दिवस की पूर्व संध्या पर डॉ. मनोज ने बताया कि समाज की मजबूती व देश की वास्तविक प्रगति के लिए संयुक्त परिवार रूपी संस्था नितांत आवश्यक है। उन्होंने माता-पिता से जो कुछ सीखा, वही अगली पीढ़ी तक पहुंचा रहे हैं। संस्कारों की यह ²ढ़ श्रृंखला कभी टूटने न पाए, ईश्वर से बस यही प्रार्थना है।
पूरा परिवार कोरोना योद्धा
पहली पीढ़ी
परिवार के मुखिया 76 वर्षीय ओमप्रकाश विरमानी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी है। सेवा भारती के प्रांतीय कार्यालय प्रमुख होने के नाते वह पूरे प्रदेश में संस्था के प्रकल्पों की देखरेख करते हैं। अकेले करनाल में ही उनके प्रयासों से घर-घर में बीस हजार से अधिक मास्क बनाए गए। विशेष पहलू यह रहा कि यह कार्य उन्होंने हर घर को सौंपा, जिसके तहत परिवार के सभी सदस्य शामिल हुए और सभी ने अपने अपने स्तर पर मास्क बनाने में योगदान किया। इसी तरह लॉकडाउन के पहले दिन से अब तक जरूरतमंदों तक बड़े पैमाने पर राशन पहुंचाया गया तो पुलिस कर्मचारियों, अधिकारियों, चिकित्सकों, सफाई के महायोद्धाओं के सम्मान की मुहिम चलाने मेंं भी उनका मार्गदर्शन रहा। इस दौरान पत्नी 72 वर्षीय कमलेश उनके साथ सक्रिय सहभागी रहीं।
दूसरी पीढ़ी
सेवानिवृत्त राजकीय शिक्षक एवं क्लस्टर प्रमुख ओमप्रकाश के पुत्र डॉ. मनोज विरमानी इन दिनों कोरोना योद्धाओं और विशेषत: सफाई के महायोद्धाओं को नमन करने की मुहिम छेड़े हुए हैं। डॉ. मनोज की पत्नी डॉ. पूनम विरमानी भी चिकित्सक हैं और सामान्य प्रसूति कराने में उन्हें विशेषज्ञता प्राप्त है। वह पूरी तरह सुरक्षित प्रसूति कराती हैं और लॉकडाउन के दौरान भी सेवा का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए यह दंपती कई महिलाओं की सुरक्षित डिलीवरी करा चुका है।
तीसरी पीढ़ी
परिवार की तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व कर रहे युवा चिकित्सक डॉ. गोपेश विरमानी भी लॉकडाउन में सोशल मीडिया पर नियमित लाइव सेशन के जरिए आयुर्वेद चिकित्सा से संक्रमण रोकने के प्रति जागरुकता विकसित कर रहे हैं। डॉ. गोपेश की बहन और परिवार की सबसे छोटी सदस्य मेधा भी यथा नाम तथा गुण की तर्ज पर होनहार स्केटर के रूप में राष्ट्रीय फलक पर तेजी से अलग पहचान बना रही है और इन दिनों वह भी अपने दोस्तों के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए मास्क तैयार करने से लेकर युवाओं को फिटनेस के मंत्र देने में सक्रिय भागीदारी निभा रही है।
ये भी पढ़ें: सड़क हादसे ने लील ली तीन की जान, बाइक सवार पति-पत्नी और पौत्र की मौत
ये भी पढ़ें: शराब माफिया का मुफीद ठिकाना बन चुका ये शहर, खाकी से लेकर खादी की बड़ी भूमिका
ये भी पढ़ें: बेखौफ लूट का खेल, पूर्व विधायक के साझीदार का गुर्गा ले गया शराब की पेटियां
ये भी पढ़ें: जिंदगी की जद्दोजहद में जोखिम को न्योता दे रहे प्रवासी, पार कर रहे यमुना
ये भी पढ़ें: कैथल में एक सप्ताह बाद मिले दो कोरोना पॉजिटिव, पिता और दो साल की बेटी संक्रमित
ये भी पढ़ें: नशे की वजह से बिखर गया परिवार, बड़े ने सोते समय छोटे भाई को मार डाला
ये भी पढ़ें: Liquor Scam पूर्व विधायक ने अपने ही सील गोदाम से चोरी करवाई थी शराब, सतविंद्र राणा गिरफ्तार
पानीपत की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें