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International Day of Disabled Persons: हादसे के बावजूद हरविंदर ने नहीं मानी हार, बने 'अर्जुन', राष्‍ट्रपति से मिला पुरस्‍कार

International Day of Disabled Persons तीन दिसंबर को विश्‍व विकलांगता दिवस है। दिव्‍यांगता की वजह से कई लोग हार मान लेते हैं तो कुछ ऐसे होते हैं तो जो मुकाम हासिल कर दुनिया में पहचान बनाते हैं। अर्जुन अवार्डी तीरंदाज हरविंदर सिंह उनमें से एक हैं। पढ़े संघर्ष की कहानी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 08:02 PM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 09:58 AM (IST)
International Day of Disabled Persons: हादसे के बावजूद हरविंदर ने नहीं मानी हार, बने 'अर्जुन', राष्‍ट्रपति से मिला पुरस्‍कार
अभ्यास सत्र में अर्जुन अवार्डी हरविंदर सिंह।

कैथल, [पंकज आत्रेय]। अर्जुन अवार्डी तीरंदाज हरविंदर सिंह। पैरालिंपिक में तीरंदाजी में देश को पहला मेडल दिलाने वाले हरियाणा के कैथल जिले के गांव अजीत नगर के सुपूत। कुछ समय पहले तक शहर के लोग भी इनसे वाकिफ नहीं थे। वह जानते थे कि दिव्यांगता के कारण लोगों के तानों से जो व्यथा मिली है, उसका जवाब सफलता की बड़ी लकीर खींचकर ही दिया जा सकता है। अब लोग प्रशंसा करते नहीं थकते।

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महज डेढ़ साल की उम्र में बुखार में डाक्टर के गलत इंजेक्शन के कारण हरविंदर की एक टांग का विकास रुक गया। होश संभाला तो कोई दया भाव से देखता तो कोई मजाक उड़ाता। मेधा ेके धनी हरविंदर को अर्जुन की तरह चुनौतियों के लाक्षागृह से गुजरना पड़ा। तीरंदाजी के प्रशिक्षण के दौरान वे महीनों अपने परिवार से मिलते नहीं थे। प्रशिक्षण के बीच साल 2018 में उनकी मां हरभजन कौर की मौत हो गई। एक समय कड़ी मेहनत के बाद भी टीम में चयन न होने के कारण खेल छोडऩे का मन बना लिया था। तब कोच जीवनजोत ने श्रीकृष्ण की तरह राह दिखाई। दोबारा अभ्यास शुरू करने के बाद पहले ही साल में नेशनल स्तर की प्रतियोगिता में मेडल हासिल किया था।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से अर्जुन पुरस्कार ग्रहण करते तीरंदाज हरविंदर सिंह।

इसी हौसले के परिणामस्वरूप टोक्यो पैरालिंपिक में पैरा आर्चरी रिकर्व इवेंट में कांस्य पदक देश की झोली में डाला। उन्हें हाल ही में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने अर्जुन पुरस्कार से अलंकृत किया है। इसके अलावा वर्ष 2018 में इंडोनेशिया में तीसरे एशियन पैरा आर्चरी रिकर्व इवेंट में स्वर्ण पदक जीता।

जब पीएम मोदी ने की थी तारीफ

पैरालिंपिक में मेडल जीतकर आने के बाद दिल्‍ली में आयोजित कार्यक्रम में पीएम नरेन्‍द्र मोदी से तीरंदाज हरविंदर की मुलाकात हुई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने पूछा था कि आप पढ़ाई और खेल दोनों कैसे साथ कर रहे हैं। अगर कोई पढ़ाई करता है तो खेल नहीं पता और खेलता है तो पढ़ाई नहीं कर पाता। तब हरविंदर ने कहा था कि खेल में उनकी पढ़ाई का बराबर योगदान है।


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