आइएनएस रणवीर में हुए विस्फोट में शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचा पानीपत, अंतिम यात्रा में उमड़ा सैलाब
आइएनएस रणवीर में हुए विस्फोट में तीन नौसेना कर्मियों में पानीपत के कृष्ण कुमार थे। उनका पार्थिव शरीर आज पानीपत के गांव सुताना पहुंचा। सीएम मनोहर लाल ने ट्वीटर पर दी श्रद्धांजलि। टारपीडो इंचार्ज थे कृष्ण कुमार। अंतिम दर्शन को सैलाब उमड़ा।
थर्मल, (पानीपत), जागरण संवाददाता। एक ही परिवार में दूसरा भाई भी सेना में देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया। मुंबई में नौसेना के डाकयार्ड में युद्धपोत आइएनएस रणवीर में हुए विस्फोट में नौसेना के जिन तीन कर्मियों की मौत हुई थी, उनमें कृष्ण कौशिक पानीपत के रहने वाले थे। मास चीफ पीटी आफिसर (एमसीपीओ) कृष्ण कुमार कौशिक पानीपत के ब्लाक मतलौडा के गांव सुताना के रहने वाले थे। वह शिप पर एंटी सबमरीन टारपीडो इंचार्ज थे। उनके बड़े भाई विष्णु दत्त भारतीय सेना में सूबेदार थे। वर्ष 2002 में असम में तैनाती के दौरान वह भी शहीद हो गए थे। कृष्ण की शहादत पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने ट्वीटर पर संवेदना व्यक्त करते हुए नमन किया है। उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए दोपहर को गांव लाया गया।
शहीद कृष्ण का परिवार विशाखापत्तनम में रहता था। हादसा मुंबई में हुआ है। कृष्ण का परिवार गांव लौट आया है। पार्थिव शरीर वीरवार को गांव सुताना पहुंचा। पैतृक गांव सुताना में ही राजकीय सम्मान के साथ शहीद कृष्ण कुमार कौशिक को अंतिम विदाई दी गई। जैसे ही कृष्ण के शहीद होने की सूचना गांव पहुंची, हर आंख नम हो गई। ग्रामीण नम आंखें लिए परिवार को सांत्वना देते रहे। ग्रामीण सतीश कौशिक, मास्टर रमेश, प्रवीन, पूर्व सरपंच रामकरण व कर्मवीर ने जागरण को बताया कि कृष्ण कुमार जब भी गांव आते, सभी से मिलते। उनके गांव का लाल देश सेवा में शहीद हुआ है। उनके खोने का दुख है, शहादत पर गर्व भी है।
दादा ने सिखाया, फौज में जाना है, सुबह चार बजे उठाते थे
सुताना का पूरा कौशिक परिवार ही देश सेवा को समर्पित है। शहीद कृष्ण कौशिक के भतीजे श्रीदत्त कौशिक ने दैनिक जागरण को बताया कि उनके दादा गोपीचंद कौशिक भारतीय सेना में सूबेदार थे। दादा परिवार के बच्चों को रोजाना सुबह चार बजे उठाकर दौड़ लगवाते थे। वे कहते थे, देश की सेना में भर्ती होकर सेवा करो। उन्हीं की वजह से परिवार के अधिकतर सदस्य सेना में ही हैं। गोपीचंद ने सेना के बाद हरियाणा पुलिस में सेवाएं दी। हरियाणा पुलिस में हेड कांस्टेबल सेवानिवृत्त हुए। कुछ वर्ष पहले उनका देहांत हुआ।
एयरफोर्स की तैयारी कर रहा बेटा
बड़े बेटे विष्णु दत्त सेना में सूबेदार थे। असम में शहीद हुए। विष्णु दत्त के बड़े बेटे 32 वर्षीय श्रीदत्त कौशिक मर्चेंट नेवी में हैं। छोटे बेटे 30 वर्षीय रघु दत्त भारतीय सेना में कैप्टन हैं। इस समय उनकी पोस्टिंग जम्मू में है। विष्णु दत्त के बाद छोटे भाई सुभाष शास्त्री राजकीय स्कूल भादड़ में हेडमास्टर हैं। सुभाष के बेटे लव कौशिक मर्चेंट नेवी में हैं। सबसे छोटे भाई थे कृष्ण कौशिक। उनकी पत्नी कविता गृहिणी हैं। बेटी अनुराधा चेन्नई स्थित एक बैंक में कार्यरत है। बड़ा बेटा 32 वर्षीय अभिषेक कौशिक बीबीए के बाद एयरफोर्स की तैयारी कर रहा है। छोटा बेटा अमन कौशिक यूटीआइ भोपाल में बीटेक द्वितीय वर्ष का छात्र है।
भतीजे की शादी में आना था गांव
श्रीदत्त कौशिक ने बताया कि अप्रैल 2021 में चाचा सुभाष की दो बेटियों की शादी थी। उस समय पूरा परिवार गांव सुताना में इकट्ठा हुआ था। वह छुट्टी लेकर गांव आए हैं। छोटे भाई रघु दत्त की 20 फरवरी को शादी है। चाचा कृष्ण कुमार को भी गांव आना था। 30 जनवरी की उनका टिकट बनवा दिया था। सबको खुशी थी कि शादी के बहाने परिवार को इकट्ठा होने का मौका मिलेगा। उससे पहले ही इतना बड़ा दुखद हादसा हो गया।