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नाभा जेल ब्रेक में पाक के हाथ के संकेत, कैराना था महफूज ठिकाना

नाभा जेल से आतंकियों को भगाने में मददगार एक युवक को यूपी के कैराना क्षेत्र में पकड़ जाने से पूरे मामले में पाकिस्‍तान के हाथ होने के संकेत मिल रहे हैं। यहां आइएसआइ की पकड़ रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Mon, 28 Nov 2016 11:10 AM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2016 11:46 AM (IST)
नाभा जेल ब्रेक में पाक के हाथ के संकेत, कैराना था महफूज ठिकाना

पानीपत, [विजय गाहल्याण]। पंजाब के पटियाला जिले की नाभा जेल से आतंकियों के भागने की घटना में पाकिस्तान में ठिकाना बनाए आतंकियों का हाथ हो सकता है। इसका शक आतंकियों कोे भगाने में मददगार रहे युवक के उत्तर प्रदेश के कैराना क्षेत्र में पकड़े जाने से मजबूत हुई है। ऐसी आशंका पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने भी जताई है। पानीपत से सटे कैराना में पाकिस्तानी आतंकी शरण पाते रहे हैं। कैराना में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की जड़ें गहरी रही हैं।

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आइएसआइ का एजेंट इकबाल काना भी कैराना क्षेत्र का था और करीब 15 साल पहले पाकिस्तान भाग गया था। वह वहां से भारत में नकली नोट सप्लाई करता था और आइएसआइ के लिए कैराना में एजेंट तैयार करता रहा है। उसके खिलाफ पानीपत के थाना चांदनी बाग में नकली नोट का मामला दर्ज है।

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परमिंदर के साथ बरामद कार में रखे हथियार।

कैराना अवैध हथियारों की भी मंडी से जाना जाता है। दो साल पहले भी दिल्ली पुलिस को जांच में संदिग्ध नंबरों की लोकेशन एक दर्जन से ज्यादा बार कैराना में मिली थी। विदेशी नंबरों को इंटरनेशनल रोमिंग में लाने के साथ-साथ एसटीडी नंबरों को भी कैराना और आसपास इस्तेमाल किया जाता रहा है। लश्कर-ए-तैयबा के मेवात मॉड्यूल के अब्दुल सुभान का जलालाबाद के जमीरुल इस्लाम और कुल्हेडी के लियाकत से कनेक्शन का रास्ता कैराना से ही होकर गुजरा था।

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दिल्ली की तरफ भी भाग सकते हैैं आतंकी

रविवार को खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के प्रमुख आंतकी हरमिंदर सिंह उर्फ मिंटू व उसके तीन साथी किसी गाड़ी से दिल्ली या फिर रोहतक की तरफ भागने की आशंका जताई गई थी और इसकी पुष्टि सोमवार सुबह मिंटू की दिल्ली में गिरफ्तारी से हाे गई।

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पुलिस की गाड़ी को टक्कर मारकर भागने में सफल रहे थे आतंकी

कैथल : नाभा जेल से फरार हुए आतंकियों के लिए जब तक पंजाब पुलिस की चेतावनी पर कैथल पुलिस हरकत में आती, आशंका है कि आतंकी हरियाणा की सरहद में दाखिल हो चुके थे। पुलिस को अब तक मिली जानकारी के मुताबिक वे कैथल-पटियाला रोड से गांव कुलतारण से होते हुए नेशनल हाईवे 65 पर आए और गांव क्योड़क में पुलिस नाके पर पुलिस की गाड़ी को टक्कर मारते हुए भाग निकले।

वे अगले नाके तक नहीं पहुंचे। क्योंकि उन्हें पता था कि पुलिस की गाड़ी को टक्कर मारने के बाद आगे के नाके पर भारी पुलिस बल होगा। कैथल पुलिस के अनुसार आतंकी क्योडक, ढांडा से होकर फॉच्यूर्नर गाड़ी से गुजरे। आशंका जताई जा रही है कि इसके बाद वे कुरुक्षेत्र से करनाल, जीटी रोड से यमुना नाका पार कर यूपी पहुंच गए।

अगर ये रूट है तो आतंकियों की गाड़ी बसताड़ा या फिर पानीपत के टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिख सकती है। ताऊ देवीलाल पार्क, लघु सचिवालय व 10-10 किलोमीटर की दूरी पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन्हें भी पुलिस खंगाल रही है। इसके अलावा आतंकियों का असंध रोड से यमुना नाके का भी रूट हो सकता है।

चार गाडिय़ों में भागे थे, दो बरामद

बताया जाता है कि कैथल के ढांड रोड पर स्थित गांव सोलूमाजरा से देर शाम मिली काले रंग वरना गाड़ी भी आतंकियों की ही थी। इसकी पुष्टि हो गई है। मधुबन से बम निरोधक दस्ते को बुलवाकर कार खोली गई। उसमें से पंजाब पुलिस की कई वर्दी, बैल्ट, कैप और बैज बरामद हुए हैं। कार में आगे एक दूसरी के ऊपर दो नंबर प्लेट लगी हुई हैं।


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