अंबाला की आइओसीएल बंद होने की कगार पर, लेह लद्दाख तक तेल होता सप्लाई
सरकार को सलाना 2132 करोड़ का टैक्स देने वाली अंबाला की आइओसीएल डिपो अब बंद होने की कगार पर है। 1982 में खुली आइओसीएल से ईधन हरियाणा पंजाब लेह लद्दाख में सेना को ईधन जाता था।
पानीपत/अंबाला, [दीपक बहल]। केंद्र और राज्य सरकार को सालाना 2132 करोड़ रुपये का टैक्स अदा करने वाला इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड का अंबाला डिपो अब बंद होने की कगार पर है। साल 1982 में अंबाला में आइओसी की नींव रखी गई, जिसके चलते अंबाला भी सुर्खियों में आ गया। मथुरा रिफाइनरी से पाइपलाइन के माध्यम से इस आइओसी में तेल आता है, जो हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, लेह लद्दाख में सप्लाई होता है। यहां तक कि एयरफोर्स के विमानों के लिए विशेष तेल और आर्मी के लिए ईंधन भी इसी आइओसी से सप्लाई होता रहा है।
पाकिस्तान के बालाकोट में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी अंबाला के इस डिपो को रविवार को भी खोला गया और ईंधन सप्लाई किया गया। अब यह आइओसीएल का अंबाला डिपो बंद होने के कगार पर है, क्योंकि पेट्रोलियम मंत्रालय ने इसे बंद करने का फैसला ले लिया है। जिस समय आइओसीएल का अंबाला डिपो खोला गया था, उस समय भले ही यहां आबादी नहीं थी, लेकिन अब आइओसी के आसपास घनी आबादी ही नहीं थी, जबकि अब यह इलाका आबाद हो चुका है।
हाईकोर्ट में लीज़ अवधि बढ़ाने को लेकर लड़ाई
अंबाला छावनी नगर परिषद ने आइओसीएल का अंबाला डिपो की लीज़ 90 साल के लिए तीन-तीन चरणों में बढ़ा रखी थी। सन 2010 में लीज़ खत्म हो गई, जिसके बाद आइओसीएल और नगर परिषद के बीच पत्राचार चला, लेकिन नगर परिषद ने लीज़ नहीं दी। जिस जमीन पर आइओसीएल बना है, वह हरियाणा सरकार की है। हरियाणा सरकार भी चाहती है कि आइओसी आबादी के कारण शिफ्ट हो जाए। आइओसीएल के अधिकारियों ने लीज़ अवधि न बढ़ाने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में लीज़ बढ़ाने की मांग की गई है। आइओसी का तर्क है कि यहां पर मथुरा और पानीपत रिफाइनरी की पाइपलाइन आ रही है, जिसके माध्यम से तेल पंजाब व हिमाचल जा रहा है। इस मामले की सुनवाई 13 अक्तूबर 2020 को होनी है।
विस्फोट के बाद सुर्खियों में आया अंबाला
जयपुर में आबादी के बीच चल रहे इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) में सन 2009 में विस्फोट हुआ था, जिसमें 11 लोगों की मौत हुई थी। इसी कारण आबादी में चल रहे देश भर के आइओसी शिफ्ट करने का केंद्र सरकार ने निर्णय लिया था। अंबाला के आइओसी को भी शिफ्ट किया जाना है। इससे पहले अंबाला छावनी के बारह क्रास रोड पर भी एक पेट्रोलियम डिपो था, जिसे पहले ही शिफ्ट किया जा चुका है।
रोजगार का संकट, सड़कों पर उतरे टैंकर मालिक
अंबाला का आइओसी बंद होने से पहले ही मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में नया टर्मिनल खोलने की मंजूरी दे दी। अंबाला से जो सप्लाई हिमाचल जाती थी, उसे ऊना के टर्मिनल में शिफ्ट कर दिया गया, जबकि जो पंजाब जाती थी, उसे संगरूर के टर्मिनल में शिफ्ट किया जा चुका है। करीब 400 टैंकर यहां से विभिन्न राज्यों के लिए रवाना होते थे। टैंकर मालिक और चालक व क्लीनर सहित करीब 1500 परिवार इसी आइओसी पर निर्भर थे। अब यह आइओसी बंद होने की सूचना पर पिछले दो दिनों से चालकों ने हड़ताल कर दी है। बृहस्पतिवार को भी चालकों ने तेल नहीं भरा। अब यहां से हरियाणा के कुछ पंपों पर ही तेल सप्लाई हो रहा है। लेकिन हड़ताल के चलते यह सप्लाई भी पानीपत रिफाइनरी से जोड़ दी गई।
विधानसभा में भी उठा चुके हैं विज मामला
प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज लंबे समय से आइओसी शिफ्टिंग को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। विधानसभा में भी अनिल विज ने आइओसी का मामला उठाया था। इसके बाद मामला केंद्र सरकार तक पहुंचा, जिसके बाद इसे शिफ्टिंग की प्रक्रिया अमल में लाई गई। अब आइओसी बंद होने के कगार पर है, जिसको लेकर विपक्ष हड़ताली टैंकर चालकों से बात करने पहुंच रहे हैं।
24 घंटे पहरे पर रहता है आइओसी
आइओसी में सुरक्षा की दृष्टि से 24 घंटे पुलिस का पहरा रहता है। यहां पर पुलिस की चौकी बनी है, जिसमें तैनात कर्मचारी चौबीस घंटे ड्यूटी पर रहते हैं। यहां तक कि रात को एक पीसीआर आइओसी के बाहर तैनात रहती है।
हरियाणा सरकार के हिस्से में आता है 500 करोड़ का टैक्स
अंबाला में आइओसी सरकार की आमदनी का जरिया रहा है। केंद्र और राज्य सरकार दोनों को करोड़ों रुपये टैक्स के मिलते हैं। यह आइओसी सालान कुल 2132 करोड़ रुपये टैक्स देता है, जबकि इस में से 1650 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के हिस्से में जाता है। इसके अलावा 482 करोड़ रुपये का टैक्स राज्य सरकार के हिस्से में आता है।