Move to Jagran APP

यमुनानगर में पहले भी आग ने मचाया तांडव, इस बार चार लील गई मौत

यमुनानगर में वीरवार को आग ने जमकर तांडव मचाया। तीन बच्‍चे सहित चार लोगों की मौत हो गई। इससे पहले भी यमुनानगर में आग की घटनाओं से हाहाकार मचा है। एल्युमीनियम फैक्ट्री में आग की वजह से 12 कर्मी झुलस गए थे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 05:40 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 05:40 PM (IST)
यमुनानगर में पहले भी आग ने मचाया तांडव, इस बार चार लील गई मौत
यमुनानगर में आग की वजह से चार की मौत।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। यमुनानगर में आग पहले भी कई बार तांडव मचा चुकी है। इस बार भी सिटी सेंटर के पास लगी आग से तीन बच्चों सहित चार लोगों की जान चली गई। दमकल विभाग के अधिकारी कहते है कि सर्दी के सीजन में आग की घटनाओं में कमी आ जाती है, लेेकिन यह घटना बहुत ही दुखद है। सबसे ज्यादा जिले में प्लाईवुड यूनिटों में आगजनी की घटनाएं होती है। क्योंकि चेंबर हिट होने पर लकड़ी में आग फैल जाती है। गर्मी के सीजन में हर तीन दिन में एक या दो फैक्ट्री में आगजनी होती है।

loksabha election banner

12 लोगों की जान पर बन गई थी

16 सिंतबर 2019 को यमुनानगर के औद्योगिक क्षेत्र में एल्युमीनियम फैक्ट्री के सिलेंडर के कारण आग लग गई है। जिसमें फैक्ट्री में काम करने वाले 12 कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। आग बुझाने के प्रयास में फैक्ट्री संचालक का बेटा भी झुलस गया था। आसपास के लोगों ने किसी तरह से झुलसे लोगों को अस्पताल में पहुंचाया था। साथ ही दमकल विभाग के कर्मचारियों ने मौके से गैस के 10 सिलेंडर हटवाए थे। अन्यथा यहां और भी बड़ा हादसा हो जाता। बाद में अस्पताल में दाखिल एक की मौत हो गई थी।

छह दुकानों में लगी थी शार्ट सर्किट से आग

17 अप्रैल 2021 को पुराने हाईवे पर शार्ट सर्किट से ट्रक रिपयेरिंग की छह दुकानों में आग लग गई थी। छह गाड़ियों ने कई घंटों के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक 10 लाख से अधिक का नुकसान हो गया था। इस दौरान करीब 10 लाख रुपये के नुकसान का अंदेशा है। इन सभी दुकानों में ट्रक रिपेयरिंग का कार्य होता है। इस दौरान यहां पर अफरा तफरी मच गई थी। दुकानदार कुलवंत सिंह, गुरविंद्र, ऋषिपाल, सुखविंद्र का आगजनी से ज्यादा नुकसान हुआ था।

आढ़ती व मुंशी झुलस गए थे

12 अप्रैल को बिलासपुर थाना क्षेत्र में रणजीतपुर अनाज मंडी में दिन में भीषण आग लग गई थी। जिससे 10 हजार क्विंटल से ज्यादा गेहूं की बोरियां व अनाज जल गया है। दस्तावेज बचाने के प्रयास में आढ़ती अनिल कुमार, मुंशी माेनू, मुंशी असलम, अनिल और रामकुमार आग में झुलस गए थे। इसके अलावा आढ़तियों की छान, चार बाइक, जनरेटर, पंखे व अन्य सामान जल गया था। तेज हवा के कारण तीन घंटे तक आग ने खूब तांडव मचाया था। ज्यादा समस्या इसलिए आई थी कि वहां पर दमकल विभाग की गाड़ी नहीं थी।

दो अक्टूबर को नगर निगम के सामने आजाद नगर निवासी मित्रसेन की फल में दुकान में आग लग गई थी। इससे दुकानदार का काफी नुकसान हुआ था। दुकान का इस्तेमाल दुकानदार गोदाम के तौर पर किया करता था। आग पड़ोसियों के यहां तक पहुंच गई थी।

डाक्टर की जान भी चली गई थी आग से 

लाकडाउन में दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ डाक्टर वीनेश सैनिटाइजर की बोतल भर रहे थे। सैनिटाइजर उनके ऊपर गिर गया। सिगरेट पीते हुए उनके कपड़ों में आग लग गई। उसकी चीख पुकार सुनकर परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसी तरह से आग को शांत किया और उपचार के लिए अस्पताल में दाखिल करवाया। उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। डाक्टर वीनेश के पिता भी डाक्टर है। यह घटना सभी के बीच में काफी दिनों तक चर्चा का विषय बनी रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.