अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी के नोबेल पुरस्कार पर सेमिनार में विस्तार से बताया
एसडी पीजी में अर्थशास्त्र विभाग ने एक दिवसीय सेमिनार कराया। इसमें भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत विनायक बनर्जी को इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिलने के बारे में विस्तार से बताया गया
जागरण संवाददाता, पानीपत : एसडी पीजी में अर्थशास्त्र विभाग ने एक दिवसीय सेमिनार कराया। इसमें भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत विनायक बनर्जी को इस साल का अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिलने के बारे में विस्तार से बताया गया। यह सम्मान उनकी पत्नी इश्तर डूफलो और माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से मिला है।
कॉलेज के प्रधान डॉ. एसएन गुप्ता और प्राचार्य डॉ. अनुपम अरोड़ा ने सेमिनार का शुभारंभ किया। प्राचार्य डॉ. अनुपम अरोड़ा ने कहा कि यह पुरस्कार नोबेल फाउंडेशन ने स्वीडन के विज्ञानी अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया था। नोबेल पुरस्कार शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है।
अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1968 से हुई। भारत की 9 महान हस्तियां अब तक नोबेल पुरस्कार से अलंकृत हो चुकी हैं। अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. हरविदर जोधका ने कहा कि अभिजीत और उनकी पत्नी डूफलो ने ऐसे शोध किए जो वैश्विक गरीबी से लड़ने की क्षमता में काफी सुधार करते हैं। मात्र दो दशकों में इनके नए शोध ने अर्थशास्त्र के विकास को बदल दिया। अब यह रिसर्च का एक उत्कृष्ट क्षेत्र बन गया है। इस मौके पर प्रो. रेखा गुप्ता, प्रो. शीला अहलावत, प्रो. पारुल मिश्रा, डॉ. एसके वर्मा और दीपक मित्तल मौजूद रहे।