जिले में साढ़े पांच हजार बच्चे-किशोरों में खून की कमी
जिले में तकरीबन पांच हजार बच्चे-किशोरों में 12 ग्राम से भी कम खून की कमी पाई गई है। इनमें 156 बच्चे तो आंगनबाड़ी केंद्रों के हैं। करीब 147 बच्चे गंभीर एनीमिक मिले हैं।
By Edited By: Published: Thu, 11 Apr 2019 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 11 Apr 2019 09:49 AM (IST)
जागरण संवाददाता, पानीपत : जिले में तकरीबन पांच हजार बच्चे-किशोरों में 12 ग्राम से भी कम खून की कमी पाई गई है। इनमें 156 बच्चे तो आंगनबाड़ी केंद्रों के हैं। करीब 147 बच्चे गंभीर एनीमिक मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक मात्र 16 फीसद का ही इलाज हुआ है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए हुए हैं। इनके अलावा तीन साल से पांच साल के बच्चों के लिए जिले में 1048 आंगनबाड़ी केंद्र भी हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर और स्कूल हेल्थ टीम स्कूल और विद्यालयों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर, रिपोर्ट तैयार करती है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में विभाग ने 552 बच्चे ऐसे चिन्हित किए जिनके रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा छह ग्राम से भी कम होने (अति एनीमिक) की आंशका थी। इन्हें सिविल अस्पताल स्थित डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर में रेफर किया गया तो 147 कंफर्म हुए। इनमें से मात्र 13 स्वस्थ हुए, बाकी का इलाज चल रहा है। इनके अलावा 7,722 बच्चे-किशोर एनीमिक चिह्नित हुए, इनमें से 4, 298 कंफर्म हुए और मात्र 824 का इलाज हुआ। एनीमिया के लक्षण : -चक्कर आना -थकान होना -त्वचा का पीला पड़ना -सीने में दर्द -तलवे और हथेलियों का ठंडा पड़ना -लगातार सिर में दर्द -शरीर में तापमान की कमी -आंखों के नीचे काले घेरे
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