काम की खबर, ऑनलाइन ठगी के नए-नए तरीके, कहीं आप भी न फंस जाएं ठगों के इस जाल में
ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ठग नए-नए तरीके इजाद करके ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। हर रोज ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
पानीपत/जींद, जेएनएन। अगर आप जागरूक और सावधान नहीं हैं तो ठगों के जाल से नहीं बच सकते हैं। ठगों ने ऑनलाइन ठगी का नया-नया तरीका निकाला है। प्रोफेशनल लोगों, कर्मचारियों व अधिकारियों को झांसा देकर इनके अकाउंट से लाखों रुपये निकाले जा रहे हैं। जींद में प्रत्येक माह करीब 50 लोग आनलाइन ठगी का शिकार हो रहे है।
लोगों की थोड़ी सी लापरवाही से मिनटों में खातों को खाली कर रहे है। गिरोह के यह लोग पुलिस के पकड़ में भी नहीं आ पाते, क्योंकि जिस नंबर से लोगों के पास कॉल करते हैं वह फर्जी आईडी पर जारी किए हुए होते हैं।
पिछले दिनों ने सफीदों थाना पुलिस ने गिरोह के तीन सदस्यों को काबू किया था। यह आरोपित डेबिट कार्ड का क्लोन तैयार करके खातों से राशि निकालते थे। गिरोह के लोग करीब 200 के करीब वारदातों को अंजाम देते थे।
इस तरह वारदात को देते अंजाम
ठग गिरोह लोगों के पास कॉल करता है और विश्वास में लेने के बाद उनका केवाइसी अपटेड करने, एटीएम बंद होने, लाटरी लगने आदि के नाम पर बरगलाकर ओटीपी प्राप्त कर लेता हैं। साथ ही उनके बैंक खातों से रुपये पेटीएम व अन्य वालेट में ट्रांसफर कर लेते हैं। इसके अलावा सहायता के नाम पर कार्ड लेकर उसे बदल लेते हैं और बाद में उस डेबिट कार्ड के माध्यम से राशि को निकाल लेते हैं।
बातों-बातों में उलझा रहे लोग
पुलिस के अनुसार ठगी करने वाले शातिर प्रोफेशनल हैं। कभी ये कस्टमर केयर से फोन करके एटीएम कार्ड रिन्यू करने की बात कहते हैं तो कभी कॉल सेंटर से फोन करके नौकरी का झांसा देते हैं। शातिर इतने चतुर हैं कि बातों-बातों में वे बैंक की सारी डिटेल हासिल कर लेते हैं। लोगों को फोन पर ज्यादा देर तक उलझाकर रखते हैं ताकि इनके अकाउंट को हैक कर सकें। जब उनका खाता हैक हो जाता है और नकदी को दूसरे खातों में भेज देते हैं। जब तक व्यक्ति समझता है तब तक उसके साथ ठगी हो चुकी होती है।
कोड स्कैन करवाकर निकाले 50 हजार
श्याम नगर निवासी सुनील गिरधर ने शहर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी मां सरोज ने पटियाला चौक स्थित पीएनबी में खाता खुलवाया हुआ है। 12 सितंबर को उसके मोबाइल फोन पर किसी व्यक्ति का फोन आया और उसने अपनी पहचान बैंक अधिकारी के तौर पर बताया। आरोपित ने बताया कि उनके खाते को अपडेट करना है और फोन पर ही कुछ जानकारी देनी होगी। इसके बाद आरोपित ने उसके मोबाइल पर एक कोड भेजा और उसको स्कैन करने के लिए कहा। जब उसने कोड को स्कैन किया तो कुछ ही देर बाद उसके बैंक खाते से 10 हजार रुपये निकलने का मैसेज आया। थोड़ी ही देर में खाते से 50 हजार रुपये निकल गए। जब इस बारे उससे बात की तो उसने बताया कि आपके रुपये वापस आ जाएंगे। बाद में उसको पता चला कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है।
इस तरीके से बचे ठगी से
-डेबिट, क्रेडिट और एटीएम कार्ड किसी से शेयर न करें।
-खरीदारी के वक्त कार्ड अपने सामने स्वाइप करें, पिन खुद ही डालें, लिमिट्स को कम रखें, एसएमएस अलर्ट को चालू रखें।
-ट्रांजेक्शन गड़बड़ी पर बैंक को लिखित में शिकायत दें। इसमें किसी भी तरह की देरी न करें।
-स्टेटमेंट को हर तीन दिन में जांचे। नेट पर कार्ड के जरिए पेमेंट केवल वेबसाइट पर करें।
-अपने मोबाइल वॉलेट का चयन सावधानी से करें। नियम और शर्तें जरूर पढ़ें, इंटरनेट पर वॉलेट के कस्टमर रिव्यू पढ़ें।
-मोबाइल एप को सुरक्षित जगह से डाउनलोड करें, जैसे कि प्ले स्टोर।
मिड-डे-मील वर्कर के खाते से निकाले साढ़े 32 हजार
गांव ढाठरथ निवासी महिला राजबाला ने बताया कि वह गांव के ही सरकारी स्कूल में मिड डे मील वर्कर है। पिछले दिनों उनकी खेत की जमीन के ठेके की राशि आई थी। उसके बाद उसने ओरिएटल बैंक ऑफ कॉमर्स में खुलवाए हुए खाते में राशि को अपने बैंक खाते में जमा करवा दिया था। उसके बाद एक जुलाई को मोबाइल फोन पर मैसेज आया कि उसके बैंक खाते से 25 हजार रुपए निकाले गए हैं, जबकि उसका डेबिट कार्ड उसके पास था। उनके पास कोई फोन आया और न ही उसने किसी को अपना ओटीपी नंबर बताया। फिर अगले दिन 2 जुलाई को फिर उसके बैंक खाते से अज्ञात व्यक्ति ने साढ़े 7 हजार रुपए निकाल लिए गए।
साइबर ठग गिरोह की घटनाएं बढ़ी हैं। अधिकतर ठगी की घटनाएं ओटीपी नंबर पूछकर या ऑनलाइन सामान बेचने का झांसा देकर हो रही है। ठगी की घटनाओं को सुलझाने के लिए स्पेशल साइबर टीम बनाई जाएगी। ठगी से बचने के लिए लोगों को भी जागरूक होने की जरूरत है। फोन पर किसी को डेबिट कार्ड या खाते से संबंधित जानकारी न दे।
-अजीत शेखावत, एएसपी जींद