Move to Jagran APP

अनमोल है ऑक्सीजन, पौधों व फूलों से महक रहा मनोचिकित्सक के घर की छत व आंगन

कोरोना महामारी की वजह से हमें ऑक्‍सीजन की कीमत का पता चल गया है। ऑक्‍सीजन के लिए अब हर कोई गंभीर हो गया। पेड़ पौधों की तरफ हर किसी का ध्‍यान जा रहा है। यमुनानगर के मनोचिकित्सक के घर की छत व आंगन कुछ ऐसे में पौधों से महक रहा।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 05:23 PM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 05:23 PM (IST)
अनमोल है ऑक्सीजन, पौधों व फूलों से महक रहा मनोचिकित्सक के घर की छत व आंगन
सावनपुरी में मनोचिकित्सक डा. दिव्य मंगला का घर।

यमुनानगर, [राजेश कुमार]। सावनपुरी में मनोचिकित्सक डा. दिव्य मंगला के घर को देखकर लगता है कि यह प्रकृति के बसा है। घर के लॉन से छत तक जहां भी नजर दौड़ाओ वहां पौधे व फूल ही नजर आते हैं। इनका आंगन पौधों व फूलों की खुशबू से महका हुआ है। घर पर 200 से अधिक पौधे गमलों में लगे हैं। जिस कारण पूरे परिवार को हर समय स्वच्छ व शुद्ध हवा मिलती रहती है। करीब 15 साल से घर में इसी तरह से हरियाली बरकरार है। जो हर किसी को यही संदेश दे रही है कि आप भी घर में इसी तरह पौधे लगाकर न केवल आॅक्सीजन ले सकते हैं बल्कि पर्यावरण को हराभरा रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

loksabha election banner

घर में कई तरह के पौधे 

डा. दिव्य मंगला ने घर में बोनसाई, तुलसी ब्लैक व ग्रीन, स्नेक प्लांट, ऐरेका पाम, एलोविरा, पाइकस, आम, शहतूत, नाशपाती, आलू बुखारा, अनार, अमरूद, चीकू, आडू, नींबू, हरी मिर्च, जीरा, टमाटर और प्याज, पुदीना सहित फूल के पौधे लगाए हुए हैं। करीब 15 साल से उनकी दिनचर्या पौधों की देखभाल करना है। सुबह करीब पांच बजे उठ जाते हैं। दो घंटे तक पौधों की देखभाल करते हैं। पौधों में फव्वारों से पानी देना। उनमें खाद आदि डालना। खाद भी देशी ही होती है। पौधों के बीच रह कर स्वस्थ जीवन का जो अहसास होता है।

पौधों व फूलों के बीच झूले का आनंद

घर के लॉन में रखे पौधों व फूलों के गमलों के बीच उन्होंने झूला भी लगा रखा हैं। बच्चों के अलावा वह खुद भी समय निकाल कर झूलों पर रोज झूलते हैं और खुश रहते हैं। इतना ही नहीं इनके बीच ही प्रतिदिन सुबह परिवार के साथ योग भी करते हैं। इसके बाद जरूरी काम निपटा कर अस्पताल में मरीजों को देखते हैं। मनोचिकित्सक होने के कारण अस्पताल में विभिन्न तरह के मरीज आते हैं। परंतु मरीजों के बीच में हमेशा प्रसन्नचित रहते हैं। तनाव को खुद पर कभी हावी नहीं होने देते।

स्वभाव में बदलाव लाते हैं पौधे 

डा. दिव्य मंगला का मानना है कि शहर में रहते हुए घर में हरियाली का होना बहुत जरूरी है। हरियाली हमारे स्वभाव में बदलाव लाते हैं। पौधों की हरियाली व रंग बिरंगे फूल हमारी सोच को सकारात्मक बनाते हैं। वर्तमान में विशेष कर कोरोना संक्रमण के दौर में तो यह और भी ज्यादा जरूरी हो गया है कि हर घर में अधिक से अधिक पौधे हों। पौधे घर और परिवार का हिस्सा बनेंगे तो हमारा जीवन ज्यादा सुरक्षित रह सकेगा।

दैनिक जागरण की मुहिम को सराहा 

दैनिक जागरण द्वारा शुरू की गई अनमोल है ऑक्‍सीजन अभियान की भी सराहना की। डा. मंगला ने कहा कि यह अभियान बहुत अच्छा है। इससे लोगों का पौधों के प्रति लगाव बढ़ेगा। पौधे लगेंगे तो आॅक्सीजन भी बढ़ेगी। कोरोना के इस मुश्किल वक्त में जहां ऑक्सीजन के लिए मारामारी चल रही है, ऐसे वक्त में दैनिक जागरण अनमोल है ऑक्सीजन अभियान चलाकर लोगों को अपने घर में शुद्ध ऑक्सीजन देने वाले पौधे लगाने के प्रति प्रेरित कर रहा है। युवा पीढ़ी को पर्यावरण से जोड़ने के लिए आज जागरूकता की बहुत अधिक जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.