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ढहाए ढाबे, मंत्रियों से सिफारिश पर अफसर बोले, मेरी मशीन बंद होने को नहीं चलती

पानीपत में बारिश की तरह बिना सीएलयू के चल रहे ढाबों को ढहाने को मशीन चली। किसी को सामान निकालने का अवसर नहीं मिला। मंत्रियों के फोन के बावजूद कार्रवाई नहीं रुकी।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 03:51 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 03:51 PM (IST)
ढहाए ढाबे, मंत्रियों से सिफारिश पर अफसर बोले, मेरी मशीन बंद होने को नहीं चलती
ढहाए ढाबे, मंत्रियों से सिफारिश पर अफसर बोले, मेरी मशीन बंद होने को नहीं चलती

पानीपत, जेएनएन। एक तरफ मूसलधार बारिश हो रही थी, दूसरी तरफ ताबड़तोड़ मशीन चल रही थी। ये मशीन ढाबों को ढहा रही थी। जिला नगर योजनाकार की टीम ने बारिश के बावजूद भी अपना काम नहीं रोका। एक ढाबे की जमीन के मालिक ने कार्रवाई रुकवाने के लिए सिफारिश करते हुए प्रदेश सरकार के दो मंत्रियों को भी फोन मिला दिया।

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जिला नगर योजनाकार अधिकारी से कहा कि फोन पर बात कर लें। अफसर ने फोन नहीं सुना। साफ साफ कह दिया कि मेरी मशीन बंद होने के लिए नहीं चलती। ये नहीं रुकेगी। मामला पानीपत का है। जीटी रोड पर अवैध रूप से बनाए गए चार ढाबों को ढहा दिया गया।

Encroachment

हाईवे पर जिन ढाबों ने चैंज ऑफ लैंड यूज यानी सीएलयू सर्टिफिकेट नहीं ले रखा, उनको नोटिस दिया गया था। समय अवधि पूरी होने पर डीटीपी की टीम पुलिस बल के साथ ढाबों पर कार्रवाई करने के लिए पहुंच गई। सुबह से ही बारिश चल रही थी। सभी के हाथ में छाते थे। ढाबों मालिकों को उम्‍मीद थी कि कम से कम बारिश के दिन तो कार्रवाई नहीं होगी। पर जिस तरह से आसमान से पानी बरस रहा था, उसी तरह से मशीन का पंजा भी बरस पड़ा। पट्टीकल्याणा में स्‍टार ढाबा, 70 माइल स्‍टोन सहित चार ढाबों को गिराया गया।

ट्रांसफर का डर नहीं

जिला नगर योजनाकार अधिकारी हैं ललित कुमार। इससे पहले स्‍वर्ण महल होटल को सील कर चुके हैं। अब तक सील नहीं खुली है। बारिश के बीच भी जब कार्रवाई करने और फोन नहीं सुनने पर कहा कि उन्‍हें ट्रांसफर का डर नहीं। जहां जाएंगे, कानून और नियमों की पालना कराएंगे।

इन्‍होंने किया था फोन

70 माइल स्‍टोन ढाबे की बिल्डिंग को मदन कुमार ने लीज पर दिया हुआ है। जब उन्‍हें पता चला कि डीटीपी की टीम आई हो तो वे बारिश के बीच ही मौके पर पहुंचे। ढाबा चलाने वालों के साथ कहा कि कम से कम सामान निकालने का समय तो दो। अफसरों ने कहा कि इतने दिन से नोटिस दिया हुआ है, तब क्‍यों नहीं सामान निकाला। मदन कुमार ने ओमप्रकाश यादव और बनवारीलाल को फोन किया। डीटीपी से कहा कि मंत्री जी लाइन पर हैं, बात कर लें। इस पर डीटीपी ने फोन सुनने से इन्‍कार कर दिया। कहा कि मेरी मशीन बंद होने के लिए नहीं चलती।


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