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बुनकरों ने दिलाई हैंडलूम नगरी को पहचान, अब संकट में यहां का उद्योग

बुनकरों की लगातार कमी के चलते पानीपत हैंडलूम नगरी की पहचान हथकरघा उद्योग संकट के दौर से गुजर रही है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 10:51 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 10:53 AM (IST)
बुनकरों ने दिलाई हैंडलूम नगरी को पहचान, अब संकट में यहां का उद्योग
बुनकरों ने दिलाई हैंडलूम नगरी को पहचान, अब संकट में यहां का उद्योग

पानीपत, [महावीर गोयल]। पानीपत को हैंडलूम नगरी की पहचान विश्वभर में यहां के मेहनतकश बुनकरों ने दिलाई। अब इनकी संख्या दिनोंदिन कम होती जा रही है। जिससे हथकरघा उद्योग संकट में है। अस्सी के दशक में पानीपत में लाखों बुनकर काम करते थे। वर्तमान में इनकी संख्या हजारों में रह गई है। 

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हथकरघा उद्योग का स्थान पावरलूम व शटल लैस उद्योग लेता जा रहा है। पावरलूम में मशीन पर काम होता है। हथकरघा के रूप में शहर के पहचान बनी रहे इसके लिए बुनकर सेवा केंद्र ने कमर कसी है। बुनकर सेवा केंद्र अब पूरे शहर के बुनकरों का रजिस्ट्रेशन करवा रहा है। बुनकरों को सस्ता धागा, मुद्रा लोन, बीमा आदि की सुविधाएं दिलाने के लिए बुनकर कार्ड बनाए जा रहे हैं। इन बुनकर कार्ड के आधार पर उन्हें सुविधाएं मिलेंगी। 

16 हजार बुनकर पंजीकृत 
पानीपत में अब तक 16 हजार बुनकर पंजीकृत हुए हैं। जबकि 2500 बुनकरों के फार्म भरे जा चुके हैं। 16 हजार बुनकरों में से 2000 को बुनकर कार्ड दिया जा चुका है। इन बुनकरों को पासबुक भी दी जा रही है। यार्न पास बुक के माध्यम से बुनकर सस्ता धागा खरीद कर सकेंगे। पहले बुनकरों के नाम पर धागा उद्योगों को दिया जाता था। अब बुनकरों को सीधे सुविधा देने के उद्देश्य से पास बुक दी जा रही है। इसके माध्यम से बुनकर अपनी जरूरत का धागा नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट से खरीद सकता है। 

वर्क शैड उपलब्ध कराए जा रहे 
बुनकरों को बढ़ावा देने के लिए वर्क शेड भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके लिए बुनकर को मुद्रा लोन की सुविधाएं भी दी जा रही है। बुनकरों को बीमा योजना में भी कवर किया जा रहा है।  

किया जा रहा सर्वे
पूरे शहर में सर्वे किया जा रहा है। जिसमें 16 हजार बुनकर का पंजीयन किया जा चुका है। 2500 फार्म भरे गए हैं। डिजाइन से लेकर खड्डी, वर्कशैड, सस्ता धागा, मुद्रा ऋण के साथ-साथ तैयार माल को बेचने की सुविधा भी बुनकरों को दी जा रही है। बुनकर सेवा केंद्र ट्रेड फेयर में बुनकरों को स्टॉल उपलब्ध करवा रहा है ताकि वह अपना माल वहां बेच सके।
लालता प्रसाद, निदेशक बुनकर सेवा केंद्र, पानीपत 

बुनकरों का भविष्य उज्जवल 
पानीपत में बुनकरों का भविष्य उज्जवल है। उन्हें हर तरह की सहायता दी जा रही है। उद्यमी भी इसके लिए आगे आ रहे हैं। बुनकरों को रोजगार की कोई समस्या नहीं है। वे स्वयं का व्यवसाय खड़ा कर सकते हैं।
रमेश वर्मा, हैंडलूम निर्यात मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन, पानीपत

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