मन की बात, बेटी की आवाज सुनने को पड़ोसी के घर से लाए 50 इंच की एलईडी
सपने वो नहीं जो नींद में आते हैं..सपने वो जो सोने नहीं देते। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का यह संदेश गांव महराणा की बेटी कृतिका के दिमाग में घर कर गए हैं। कक्षा सात में थी पिता विनोद कुमार (अब स्वर्गीय) की दिल्ली स्थित एक अस्पताल में बाइपास सर्जरी चल रही थी। चिकित्सकों को काम करते देख ठान लिया था कि उसकी मंजिल यही है। 24 जुलाई को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सवाल पर भी कृतिका ने बेहिचक कहा कि सर मुझे डाक्टर बनना है। मां सरोज भी बेटी के हौसलों को पंख देना चाहती है।
पानीपत, जेएनएन। सपने वो नहीं जो नींद में आते हैं..सपने वो जो सोने नहीं देते। पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का यह संदेश गांव महराणा की बेटी कृतिका के दिमाग में घर कर गया है। कक्षा सात में थी, पिता विनोद कुमार (अब स्वर्गीय) की दिल्ली स्थित एक अस्पताल में बाईपास सर्जरी चल रही थी। चिकित्सकों को काम करते देख ठान लिया था कि उसकी मंजिल यही है। 24 जुलाई को मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सवाल पर भी कृतिका ने बेहिचक कहा कि सर मुझे डाक्टर बनना है।
मां सरोज भी बेटी के हौसलों को पंख देना चाहती है। शहर से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर बसा लगभग चार हजार की आबादी का गांव है महाराणा। कृतिका नांदल का यूं तो एक मंजिला, पक्का बना हुआ है। पहली नजर में ही घर की हालत बता देती है कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। बैठकनुमा कमरे में 10-12 लोग बैठे हैं, दो युवक 50 इंच के एलईडी टीवी को उतारकर ले जा रहे हैं।
पूछने पर बताया कि मन की बात प्रोग्राम देखने के लिए पड़ोस के घर से मंगाया था। कृतिका नांदल से मन की बात कार्यक्रम पर बात हुई तो बताया कि 24 जुलाई को केंद्रीय विद्यालयों के डिप्टी डायरेक्टर एसएस चौहान घर आए, बताया कि मन की बात कार्यक्रम में हरियाणा से आपका चयन हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आपसे बात करेंगे, एपिसोड को मानेसर में रिकॉर्ड किया जाएगा। यह सुनकर मेरा हाल सातवें आसमान पर उड़ने जैसा था। परिवार में एकदम हलचल मच गई थी। सबसे अधिक खुशी दादा रघुवीर सिंह और मां सरोज को हुई। उस समय विषय को गुप्त रखना था, इसलिए ज्यादा हो-हल्ला नहीं किया।
बात करने से पहले नर्वस थी, पीएम ने हेलो बोला तो मैं खुशी से उछल पड़ी थी। पूरे गांव, रिश्तेदारों-परिचितों ने एपिसोड को देखा है, तमाम बधाइयां मिल रही हैं। डीसी धर्मेंद्र सिंह, एसडीएम दलबीर सिंह, पानीपत ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा, ग्रामीणों व रिश्तेदारों की शुभकामनाओं से हौसला बढ़ाया है। मोदी को बताया सहज पीएम कृतिका ने कहा, मैंने प्रधानमंत्री जी से मात्र ढाई मिनट बात की। उन्होंने जिस सहज भाव से बात की तो मुझे लगा कि परिवार के किसी बड़े से बात कर रही हूं। बिल्कुल भी झिझक नहीं हुई।
कृतिका ने कहा कि पीएम की त्वरित निर्णय लेने की क्षमता मुझे आकर्षित करती है। इसलिए पसंद हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृतिका ने कहा कि नरेंद्र मोदी जैसा व्यक्ति दूसरा कोई पीएम होगा, कहा नहीं जा सकता। जेएंडके से धारा 370 हटाना, तीन तलाक पर पाबंदी, कोरोना महामारी पर सूझबूझ से नियंत्रण, मित्र देशों की मदद से चीन और पाकिस्तान को टक्कर देता उनकी कूटनीति को दर्शाता है। यातायात के साधन बढ़ें बेटियों का गांव की फिरनी को लांघकर शहर तक पढ़ने जाने में क्या दिक्कतें आती हैं? इस पर कृतिका ने कहा कि दूसरे जिलों-राज्यों की तरह पानीपत में भी अपना करियर बनाना बेटियों के लिए चुनौती है। लड़कियों से कहूंगी कि अपने लक्ष्य पर फोकस रखें। सरकार गांवों से शहर तक यातायात के साधन बेहतर कर दे तो बहुत सी दिक्कतें स्वत: खत्म हो जाएंगी।
मां सरोज को नहीं मिली नौकरी
कृतिका की मां सरोज नर्सरी टीचर्स ट्रेनिंग (एनटीटी)और जूनियर बेसिक टीचर्स (जेबीटी) का कोर्स कर चुकी है। नौकरी के खूब प्रयास किए, नाकाम रही। इस बात का उसे मलाल भी है। अब बेटी के डाक्टर बनने और बेटे वंश की पढ़ाई पर फोकस कर लिया है। सरोज ने कहा कि बेटी नीट की परीक्षा में बैठे और पास हो, यह सपना है। प्रदेश सरकार से कुछ मदद मिले तो राह आसान हो जाए।
स्कूल में आधी फीस माफ
प्रिंसिपल के मुताबिक पिता की मौत के बाद कृतिका का परिवार आर्थिक तंगी से घिर गया था। मां सरोज ने फीस में छूट के लिए आवेदन किया था। कृतिका की पढ़ाई में रुचि देख स्कूल प्रबंधन ने 50 फीसद माफ करने में देर नहीं लगाई थी। मन की बात में प्रधानमंत्री से बात कर उसने स्कूल का मान बढ़ाया है। स्कूल की सीनियर सुपरवाइजरी हेड अमिता सिंह ने भी उसे बधाई दी है।