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कातिल मां ने फैलायी बांहें तो बच्चे नहीं मिले गले, देख भावुक हुए लोग

करनाल जिला जेल अधीक्षक के कार्यालय में बुधवार को यह दृश्य देख वहां मौजूद लोगों की आंखें भी भर आईं।

By Ankit KumarEdited By: Published: Thu, 02 Mar 2017 02:47 PM (IST)Updated: Thu, 02 Mar 2017 03:18 PM (IST)
कातिल मां ने फैलायी बांहें तो बच्चे नहीं मिले गले, देख भावुक हुए लोग
कातिल मां ने फैलायी बांहें तो बच्चे नहीं मिले गले, देख भावुक हुए लोग
पानीपत, [राजसिंह पाल]। तीन साल बाद अपने मासूम बच्चों को सामने देख मां की आंखों से आंसू फूट पड़े। वह बांहें फैलाकर उन्हें गले लगाने के लिए आगे बढ़ी लेकिन बच्चे पीछे हट गए। उनकी आंखों से भी आंसुओं का सैलाब बह रहा था लेकिन ममतामयी मां में उन्हें पिता की कातिल भी दिख रही थी। बच्चे रोते रहे, पर गले नहीं मिले। 
करनाल जिला जेल अधीक्षक के कार्यालय में बुधवार को यह दृश्य देख वहां मौजूद लोगों की आंखें भी भर आईं। पानीपत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने उम्रकैद की काट रही महिला से उसके बच्चों को मिलाने का पहला प्रयास किया था। प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम मोहित अग्रवाल के मुताबिक परढ़ाना निवासी मंजू ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर पति बिजेंद्र की हत्या कर दी थी। अदालत ने तीनों को उम्रकैद की सुनाई। करीब तीन साल से करनाल जेल में बंद मंजू को अपने बच्चों की चिंता हुई। उसने जेल की शिकायत पेटी में जेल अधीक्षक के नाम पत्र डाला था। पत्र में उसने अपने तीनों बच्चों के कुशलक्षेम की जानकारी देने तथा उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी। यह पत्र करनाल के सीजेएम के पास पहुंचा। उन्होंने आवश्यक कार्रवाई के लिए पानीपत के सीजेएम मोहित अग्रवाल को भेज दिया। मोहित ने इसराना थाना पुलिस को तीनों बच्चों की जानकारी हासिल करने व उन्हें पेश करने के आदेश दिए। 
अपने दादा के साथ तीनों बच्चे (15 वर्षीय बेटी, 10 व सात वर्ष के पुत्र) बुधवार को सीजेएम कार्यालय पहुंचे। सीजेएम सभी को लेकर करनाल जेल के अधीक्षक कक्ष में पहुंचे। वहां मंजू को बुलवाया गया। उसने बच्चों को गले लगाने के लिए बांहें फैलाई परंतु बच्चे पीछे हट गए। बच्चों ने मां से कहा कि आप हमारे पिता की कातिल हो। हमें आपसे नहीं मिलना। 
नम हो गईं आंखें
इसके बाद मां और बच्चों की आंखों में आंसुओं का समुद्र उमड़ पड़ा तो वहां मौजूद अन्य लोगों की आंखें भी नम हो गईं। सीजेएम की मानें तो मां और बच्चे एक-दूसरे का चेहरा देखकर कुछ पल के लिए ही सही, खुश दिखाई दिए। मां से बच्चों को मिलाने की दोबारा कोशिश की जाएगी। मां बच्चों को गले लगाकर पश्चाताप करना चाहती थी, लेकिन बच्चों ने मां के गले लगने से इन्कार कर दिया। बच्चों की मनोस्थिति समझी जा सकती है। वह अपने पिता को खो चुके हैं। कानूनी तौर पर हम जो प्रयास कर सकते थे, वो किये। बच्चों और मां, दोनों को समझाया भी गया।

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