आजादनगर के तीन पार्कों में 100 हरे पेड़ों पर चली कुल्हाड़ी
आजादनगर के तीन पार्कों में करीब 100 हरे भरे पेड़ काट दिए गए हैं। पेड़ काटने के बारे में वन विभाग को सूचित नहीं किया गया। हरियाली को नुकसान पहुंचाने से शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है।
जागरण संवाददाता, पानीपत : आजादनगर के तीन पार्कों में करीब 100 हरे भरे पेड़ काट दिए गए हैं। पेड़ काटने के बारे में वन विभाग को सूचित नहीं किया गया। हरियाली को नुकसान पहुंचाने से शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। जिला प्रशासन, वन विभाग और नगर निगम के अधिकारी पेड़ों पर आरी चलवाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
आजादनगर में ज्वालाजी, भगवती और बालाजी पार्क हैं। इन पार्कों में 10-12 दिन पहले हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की गई। ऑक्सीन देने वाले पेड़ों को काट कर ठूंठ कर दिया गया। बालाजी और भगवती पार्क में देखरेख न होने से पेड़ सूखते जा रहे हैं।
एनजीटी ने बंद करवाई फैक्ट्रियां
पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सरकार और संस्थाएं पौधरोपण अभियान चलाती हैं। वन विभाग की तरफ से हजारों पेड़ लगाने के दावे किए जाते हैं। प्रदूषण का स्तर बढ़ जाने पर एनजीटी के आदेश पर पानीपत के उद्योग लगभग एक माह तक बंद रहे। 4000 की जिम्मेदारी एक पेड़ पर
पर्यावरण विशेषज्ञों के मुताबिक प्रदूषित शहर पानीपत में हरे भरे पेड़ों की हालत बहुत खराब होती जा रही है। एक पेड़ एक दिन में चार लोगों को पर्याप्त ऑक्सीजन दे सकता है। पेड़ों की कमी के चलते स्थिति यह है कि अब एक पेड़ पर 4000 लोगों से अधिक की जिम्मेदारी है। बेंच, दीवार और झूले टूटे
विधानसभा चुनाव से पहले करोड़ों रुपये की लागत से शहर के पार्को में व्यायामशाला बनाई गई। भगवती पार्क में ट्यूबवेल बोरिग के लिए दीवार तोड़ी गई और एक झूला उखाड़ा गया। 15 दिन बीतने के बाद भी न दीवार बनी और न ही झूला दोबारा लगा। ज्वालाजी पार्क में सभी बेंच टूटी पड़ी हैं। पार्क की हालत भी खस्ता है। वर्जन :
पेड़ काटने का मामला संज्ञान में नहीं
पार्षद पति जसमेर ने बताया कि सभी पार्कों के आसपास के लोगों ने पेड़ों की छंटाई की थी। ज्वालाजी पार्क में पेड़ों के काटने की जानकारी नहीं है। वह इस बारे में जांच कर प्रशासन को अवगत कराएंगे।