एचएसजीपीसी हरियाणा में शुरू करेगी गुरमुख विद्यालय, तैयार होंगे ग्रंथी और कीर्तन जत्थे
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (HSGPC) ने सभी गुरुघरों का प्रबंधन संभालने के बाद शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए रोडमैप बनाया। अब हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी गुरमुख विद्यालय शुरू करेगी। वहीं भावी योजना और परियोजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।
कैथल, [पंकज आत्रेय]। सुप्रीम कोर्ट के हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक्ट-2014 की वैधता बरकरार रखने के फैसले के बाद कमेटी अपनी कार्ययोजना पर आगे बढ़ चली है। कमेटी के प्रधान जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने प्रदेश भर में घूम कर सैद्धांतिक तौर पर गुरुघरों का प्रबंधक लोकल समितियों को संभलवाना शुरु कर दिया है। साथ ही भावी योजना और परियोजनाओं पर भी विचार किया जा रहा है।
कैथल में दादूवाल ने घोषणा की कि अब प्रदेश में धर्म प्रचार के साथ-साथ शिक्षा व स्वास्थ्य पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा के लिए संस्कृत विद्यालयों की तर्ज पर प्रदेश में गुरमुख विद्यालय खोले जाएंगे, जिनमें पंजाबियत के साथ सिख धर्म के बारे में शिक्षा दी जाएगी। इनमें ग्रंथी सिंह, पाठी सिंह, कथावाचक और कीर्तन सिंह तैयार होंगे। साथ ही आइएएस कोचिंग सेंटर भी खोले जाएंगे।
कैथल में गुरुद्वारा मंजी साहिब मेंं सिख संगत के बीच जत्थेदार बलजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश के 52 गुरुद्वारे कमेटी के एक्ट के अधीन हैं। सबसे पहले संवैधानिक तरीके से इनका प्रबंधन अपने हाथों में लिया जा रहा है। उन्होंने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंद्र सिंह धामी से अपील की कि वह खुद यहां आएं और हरियाणा कमेटी को जिम्मेदारी संभलवा कर जाएं।
एसजीपीसी के दो सदस्य हरियाणा कमेटी में लिए जाएं और इसी तरह हरियाणा कमेटी के दो सदस्यों को एसजीपीसी में लिया जाए। इससे आपस में भाईचारा बना रहेगा। दादूवाल ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के बैनर तले किसी भी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं किया जाएगा। व्यक्तिगत रूप से कोई भी कर सकता है।
एसजीपीसी लेती थी चार फंड, अब बंद
जत्थेदार दादूवाल ने बताया कि एचएसजीपीसी गुरुद्वारा साहिबान से दो तरह का फंड लेती है, जिसमें धर्म प्रचार फंड और दसवंद शामिल है। इसके विपरीत यहां से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी इन दो के अलावा पंथक भलाई और विद्या फंड सहित चार लेती रही। अब उसे कोई फंड नहीं दिया जाएगा। वह डेढ़ से दो सौ करोड़ रुपये सालाना तक फंड ले जाती थी। अब यह पूरा फंड शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ गुरुघरों के रखरखाव और प्रबंधन पर खर्च किया जाएगा।
वार्डबंदी कर वोट बनाए जाएंगे
एचएसजीपीसी प्रधान ने कहा कि कमेटी को आगे किस तरह से चलाना है, यह अब प्रदेश सरकार का काम है। जब तक नई कमेटी नहीं बन जाती है, तब तक मौजूदा एडहाक कमेटी कामकाज देखती रहेगी। उन्होंने बताया कि सरकार के साथ मिलकर हरियाणा कमेटी ने अब वार्ड बंदी करनी है। नए वोट भी बनाए जाएंगे। इसके बाद सरकार के आदेशानुसार ही नई कमेटी का गठन किया जा सकता है। कमेटी में कुल 40 सदस्य हैं।