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एचएसजीपीसी के अध्‍यक्ष दादूवाल ने कहा, बादल ले जा रहे थे हरियाणा के गुरुद्वारों की 60 प्रतिशत राशि

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्‍यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल जींद पहुंचे। उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि हरियाणा के सिखों ने लंबी कानूली लड़ाई जीती है। साथ ही आरोप लगाया कि बादल परिवार पर भी निशाना साधा।

By JagranEdited By: Anurag ShuklaPublished: Sat, 24 Sep 2022 04:55 PM (IST)Updated: Sat, 24 Sep 2022 04:55 PM (IST)
एचएसजीपीसी के अध्‍यक्ष दादूवाल ने कहा, बादल ले जा रहे थे हरियाणा के गुरुद्वारों की 60 प्रतिशत राशि
हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्‍यक्ष दादूवाल।

जींद, जागरण संवादाता। हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीपीसी) के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल ने शनिवार को जींद के धमतान साहिब व गुरुद्वारा तेगबहादुर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हरियाणा के सिखों ने लंबी कानूनी लड़ाई जीती है। इससे पहले हरियाणा की गुरुद्वारों से होने वाली कमाई का 60 प्रतिशत हिस्सा बादल ले जाते थे। अब यह राशि हरियाणा के गुरुद्वारों के विकास के साथ-साथ यहां शिक्षा व अन्य क्षेत्र में ढांच मजबूत करने पर खर्च की जाएगी।

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बादल परिवार पर साधा निशाना

गुरुद्वारा तेगबहादुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दादूवाल ने कहा कि पूरे हरियाणा से 150 से 200 करोड़ रुपये का बजट होता है। बादल परिवार इस बजट का 60 प्रतिशत तक अपने साथ ले जाते थे। बादल परिवार द्वारा हरियाणा के गुरुद्वारों की अनदेखी के चलते हरियाणा के सिख लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि हरियाणा के गुरूद्वारों का प्रबंधन भी एचएसजीएमसी करे।

कहा, ऐतिहासिक है ये फैसला

उन्होंने कहा कि पहले हरियाणा में कुछ गुरुद्वारों का प्रबंध ही एचएसजीपीसी देख रही थी जबकि अन्य 48 गुरुद्वारों का प्रबंध शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (एसजीपीसी) संभाले हुए थी। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पक्ष में जो फैसला दिया है उसे हरियाणा ही नहीं विदेशों तथा पंजाब के सिखों में खुशी की लहर है। यह फैसला ऐतिहासिक है और हरियाणा के सिखों की जीत ही।

कहा, बादल परिवार से मिली मुक्ति

उन्‍होंने कहा, एसजीपीसी द्वारा हरियाणा के गुरुद्वारों के लिए कुछ नहीं किया गया। यहां के कर्मचारियों को वेतन तक नहीं दिया गया। सारा पैसा वो पंजाब लेकर चले जाते थे। उन्होंने पदभार संभालते ही कर्मचारियों के वेतन बढाए। हरियाणा के सिखों और गुरुद्वारों को बादल परिवार से मुक्ति मिल गई है। उन्होंने कहा कि जब हरियाणा, पंजाब व हिमाचल अलग-अलग राज्य बन चुके हैं तो गुरुद्वारों को अलग करने में बादल परिवार परेशान क्यों है। उन्हें यह फैसला मानना चाहिए और शांति के साथ गुरुद्वारों की सेवा एचएसजीपीसी को देनी चाहिए।

झींडा द्वारा मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगने पर नहीं कोई आपत्ति

दादूवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें चुनाव के माध्यम से प्रधान की जिम्मेदारी मिली है। मुख्यमंत्री से मिलने का अधिकार सभी को है। जो लोग मिलना चाहते हैं वे मिलें। यहां गुरुद्वारों पर कब्जा करने का नहीं सेवा करने का मुद्दा है। ऐसे में जब भी चुनाव होते हैं लोग तय करेंगे किसको प्रधान बनाना है। गुरूद्वारा प्रबंधनों को लेकर हरियाणा में कोई गुटबाजी नहीं है। कुछ लोग गुमराह कर रहे हैं। अगर पूर्व प्रधान जगदीश झींडा मुख्यमंत्री से मिले हैं तो इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है। क्योंकि हर किसी को मुख्यमंत्री से मिलने का अधिकार है।


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