कितने कदम चले, कितना है रक्तचाप, बता रहे हैं गैजेट्स
टेक्नोलॉजी का दौर है। घर में कसरत करें पार्क-सड़क पर टहलें डिजीटल गैजेट्स ने फिटनेस को आसान बना दिया है। इंटरनेट-स्मार्ट फोन भी गाइड की तरह काम कर रहे हैं। योग एरोबिक्स की वीडियो युवाओं को खूब भा रही हैं। घरों में डिजिटल गैजेट्स रखे दिख जाएंगे।
जागरण संवाददाता, पानीपत
टेक्नोलॉजी का दौर है। घर में कसरत करें, पार्क-सड़क पर टहलें, डिजीटल गैजेट्स ने फिटनेस को आसान बना दिया है। इंटरनेट-स्मार्ट फोन भी गाइड की तरह काम कर रहे हैं। योग, एरोबिक्स की वीडियो युवाओं को खूब भा रही हैं। घरों में डिजिटल गैजेट्स रखे दिख जाएंगे।
फिटनेस के प्रति सजग युवा चैलेंज देने वाले एप को खूब डाउनलोड कर रहे हैं। ऐप में आपको 7 महीनों तक हर रोज 7 मिनट का चैलेंज दिया जाएगा। पूरा करने के लिए आपको एक कुर्सी और दीवार की जरुरत होगी। एप में बताया जाता है कि एक दिन एक्सरसाइज नहीं करना यानि जीवन का एक दिन कम करने जैसा है। पूरे माह एक्सरसाइज नहीं करने से पहले किया वर्कआउट शून्य हो जाता है। 500 प्रकार की वर्कआउट वीडियो महिलाओं की पहली पसंद है। वीडियो देख आप 10 मिनट से 1 घंटे तक का वर्कआउट चुन सकते हैं। ट्रेनर और डॉक्टरों के परामर्श को भी शामिल किया गया है। योग गुरु रामदेव, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी, बिपाशा बसु का योग सिखाने वाला वीडियो आसानी से मिल जाता है।
फ्री लैटिक्स, नाइकी प्लस, डेली बर्न, डेली योग जैसे फिटनेस एप मोबाइल फोन के प्ले स्टोर से डानलोड किए जा रहे हैं। रक्तचाप की जांच के लिए डिजीटल बीपी ऑपरेटर, शरीर का तापमान जांच के लिए थर्मामीटर, शुगर जांच के लिए ग्लूकोमीटर, सांस के रोगी नेब्युलाइजर तक घरों में दिखने लगे हैं। वर्जन :
टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना बुरी बात नहीं है। फिटनेस एप के जरिए रूटीन को बैलेंस करना आसान हो जाता है। रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहता है। इतना जरूर कि एप-वीडियो में बताई बातों पर आंखें मूंदकर विश्वास न करें। डॉक्टर, फिजियोथैरेपिस्ट, योग गुरू और डाइटीशियन से परामर्श जरूर लें।
डॉ. अमित कुमार, एमओ-शहरी स्वास्थ्य केंद्र-सेक्टर 25।