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अस्पताल की खुली पोल..छत से टपक रहा था पानी, कोविड गाइडलाइन का नहीं पालन

हरियाणा स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर (एचएसएचआरएस) हर वर्ष सरकारी चिकित्सीय फैसिलिटी केंद्रों के लिए कायाकल्प पुरस्कारों की घोषणा करता है। मंगलवार को रोहतक से चार सदस्यीय स्टेट टीम निरीक्षण करने सिविल अस्पताल पहुंची।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 08:39 AM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 08:39 AM (IST)
अस्पताल की खुली पोल..छत से टपक रहा था पानी, कोविड गाइडलाइन का नहीं पालन
अस्पताल की खुली पोल..छत से टपक रहा था पानी, कोविड गाइडलाइन का नहीं पालन

जागरण संवाददाता, पानीपत : हरियाणा स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर (एचएसएचआरएस) हर वर्ष सरकारी चिकित्सीय फैसिलिटी केंद्रों के लिए कायाकल्प पुरस्कारों की घोषणा करता है। मंगलवार को रोहतक से चार सदस्यीय स्टेट टीम निरीक्षण करने सिविल अस्पताल पहुंची। नेशनल क्वालिटी इंश्योरेंस सर्टिफिकेट (एनक्वास) की चेक लिस्ट अनुसार निरीक्षण किया तो पोल खुल गई। छत से पानी टपकता और ओपीडी ब्लाक में भीड़ देख टीम ने सुधार की सीख दी।

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माइक्रोबायोलाजिस्ट डा. अरुण, मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. मनोज, क्वालिटी कंसल्टेंट इंदू, प्रशासनिक सहायक यशपाल टीम में शामिल रहे। टीम ने सबसे पहले आणविक प्रयोगशाला (कोविड लैब) का निरीक्षण किया और व्यवस्था को संतोषजनक बताया। वार्ड-शौचालयों, गहन चिकित्सा यूनिट (आइसीयू) का निरीक्षण किया तो कई जगह दिशा-निर्देशों का कागज चस्पा किया गया था। टीम ने असंतोष प्रकट करते हुए कहा कि यह फट जाएगा, विनाइल शीट (प्लास्टिक का नोटिस बोर्ड) लगी होनी चाहिए। ओपीडी ब्लाक में मरीज-तीमारदार कोविड-19 गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे थे।

टीम सदस्यों ने कहा कि अतिरिक्त गार्ड लगाए जाने चाहिएं। इमरजेंसी, ओपीडी और रेडियोलाजी वार्ड के बाहर वाहन खड़ा देख पार्किंग व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए। टीम सदस्यों ने कहा कि छोटी खामियों से कायाकल्प पुरस्कार की दौड़ में पिछड़ सकते हैं। बायोवेस्ट मैनेजमेंट का करें पालन

टीम सदस्यों ने कहा कि मेडिकल बायोवेस्ट की नई गाइडलाइन को पढ़ें और पालन करें। आइसोलेशन वार्ड से वेस्ट इकट्ठा करने के लिए डबल लेयर बैग या दो बैग इस्तेमाल किए जाएं। इससे संक्रमण का खतरा कम हो जाएगा। वेस्ट को कैटेगरी के हिसाब से ही डस्टबिन में रखें, रोजाना निस्तारण होना चाहिए। वेस्ट की ट्राली को एक प्रतिशत सोडियम हाइप्रो-क्लोराइट साल्यूशन से कीटाणुरहित किया जाए। ग्लव्स को रि-यूज भी किया जा सकता है। ये रिकार्ड भी देखा

दमकल विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र। बायोवेस्ट मैनेजमेंट कंपनी से अनुबंध। लिफ्ट में दुर्घटना को लेकर बीमा पालिसी और पंजीकरण प्रमाण पत्र। जनरेटर सहित अन्य उपकरणों के संबंध में प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से ओके सर्टिफिकेट और वार्डों का रिकार्ड। सफाई कर्मियों से जुटाई जानकारी

टीम सदस्यों ने निरीक्षण के दौरान चिकित्सकों से बातचीत में परहेज बरता। नर्सिंग स्टाफ और सफाई कर्मियों से अधिक जानकारी जुटाई। मेडिकल बायोवेस्ट को कैसे पैक करते हो, फर्श पर पोछा लगाते समय किस मात्रा में केमिकल डाला जाता है, हैंडवाश कैसे करना चाहिए जैसे सवाल पूछे। प्रथम पुरस्कार 50 लाख रुपये

हरियाणा स्टेट हेल्थ रिसोर्स सेंटर (एचएसएचआरएस) चेक लिस्ट अनुसार निरीक्षण रिपोर्ट पर अंक प्रदान करता है। 100 अंकों में से 70 अंक जरूरी हैं, तभी पुरस्कार सूची में अस्पताल का नाम शामिल किया जाता है। प्रथम आने वाले अस्पताल को 50 लाख रुपये का पुरस्कार मिलता है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में सिविल अस्पताल, पानीपत नौवें स्थान पर रहा था। 2020-21 में आठ अन्य जिलों के साथ तीसरे स्थान पर रहा था, अंबाला बाजी मार ले गया था। पानीपत के हिस्से में मात्र तीन लाख रुपये आए थे। अब आएगी नेशनल टीम

डिप्टी एमएस डा. अमित पोरिया ने बताया कि टीम ने कुछ अच्छे सुझाव दिए हैं, सुधार कराया जाएगा। टीम ने निरीक्षण के बाद व्यवस्था को लगभग बेहतर बताया है। अब भविष्य में नेशनल टीम निरीक्षण के लिए आनी है। इससे पहले सब दुरुस्त कर लेंगे।


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