Facebook फ्रेंड के साथ हिस्ट्रीशीटर भतीजे ने चाचा को उतारा मौत के घाट, मारी गोली Panipat News
करनाल में फेसबुक फ्रेंड के साथ मिलकर हिस्ट्रीशीटर भतीजे ने चाचा को गोली मार दी। इसके बाद पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार करा पुलिस को चकमा दिया।
पानीपत/करनाल, जेएनएन। घोघड़ीपुर में एक सप्ताह पहले दिनदहाड़े हुए बिजेंद्र हत्याकांड को उसके भतीजे रणदीप मान ने ही अपने एक फेसबुक फ्रेंड विशु मान के साथ अंजाम दिया था। उसी ने पुलिस को चकमा देने के लिए पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार भी कराया और फिर राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ फरार हो गया।
करीब 20 दिन पहले आरोपित भतीजे और दोस्त ने मिलकर शराब पी और तभी हत्या की साजिश रची। उसके बाद वह मौके की तलाश में रहने लगा था। इसका एक सप्ताह बाद ही पुलिस ने राज खोला तो सब हैरान रह गए। पुलिस ने आरोपित भतीजे रणदीप मान को कार सहित काबू कर लिया है। वह पैसे खत्म होने के बाद चित्तौडग़ढ़ से घर लौटा था, तो सूचना के आधार पर पुलिस ने मूनक रोड पर छापेमारी कर रविवार को उसे दबोच लिया। दूसरा आरोपित अभी फरार है, जिस पर कई मामले दर्ज हैं। वह हिस्ट्रीशीटर बताया जा रहा है।
इस तरह सुलझी गुत्थी
हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने पर सोमवार को डीएसपी हेडक्वार्टर वीरेंद्र सैनी ने सीआइए वन कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि भतीजे रणदीप मान ने चाचा बिजेंद्र मान की हत्या डेढ़ एकड़ जमीन के लिए की थी। वह उस जमीन को हथियाना चाहता था। आरोप है कि बिजेंद्र मान ने अपने हिस्से की काफी जमीन पहले बेच दी थी और अब बाकी डेढ़ एकड़ पर भी कालोनी काटना चाहता था। भतीजे ने पुलिस पूछताछ में माना है कि वह यह जमीन हथियाना चाहता था, जिसके लिए हत्याकांड को अंजाम दिया।
विशु की यमुनानगर पुलिस को भी तलाश
डीएसपी ने बताया कि रणदीप मान ने दोस्त विशु के साथ चाचा की हत्या की। विशु पर अलग-अलग थानों में हत्या, लूट, छीनाझपटी आदि के कई मामले दर्ज हैं। फिलहाल यमुनानगर पुलिस को भी उसकी तलाश है। उसे जल्द काबू कर लिया जाएगा। आरोपित भतीजे रणदीप मान को सोमवार को अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 24 फरवरी तक रिमांड पर लिया गया है। इस दौरान उससे फरार दोस्त और वारदात में उपयोग किए गए हथियार के बारे में पूछताछ की जाएगी।
रिश्तों का कत्ल : डेढ़ एकड़ जमीन पड़ गई चाचा-भतीजे के रिश्ते पर भारी
जिन रिश्तों पर पूरा समाज टिका है, वे ही लालच के आगे बौने पडऩे लगे हैं। इसी लालच में गांव घोघड़ीपुर में चाचा और भतीजे के रिश्ते पर डेढ़ एकड़ जमीन भारी पड़ गई। जमीन बेचने से खफा भतीजे में चाचा के प्रति इतनी नफरत भर गई कि उसने रिश्ते का भी कत्ल कर दिया। चाचा को ठिकाने लगाने के लिए उसने हिस्ट्रीशीटरसे हाथ मिला लिया। दोनों ने पहले शराब पी और फिर चाचा को ठिकाने लगा दिया। हत्या इतनी बेरहमी से की गई कि आरोपित दम तोडऩे तक गोलियां बरसाते रहे।
पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार कराकर हुआ फरार\
सीआइए वन इंस्पेक्टर दीपेंद्र राणा के अनुसार बिजेंद्र हत्याकांड के आरोपित रणदीप मान ने पुलिस को गुमराह करने का भरसक प्रयास किया। पहले वह हत्याकांड को अंजाम देकर दोस्त के साथ गाड़ी में सवार होकर फरार हो गया। फिर कुछ देर बाद शव के पास पहुंच गया और पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार भी कराया। उसने ही हत्या में मधुबन थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई। काबू किए जाने के बाद पुलिस ने पूछताछ की तो सच्चाई उगल दी।
भतीजे पर ही टिकती रही सुई
एसपी एसएस भौरिया के आदेश पर सीआइए वन को हत्याकांड की जांच सौंपी गई। इंस्पेक्टर दीपेंद्र राणा के नेतृत्व में नरेश कुमार और उनकी टीम ने गुत्थी सुलझाने के लिए अलग-अलग एंगल से जांच की। कई लोगों से पूछताछ के बावजूद शक की सुई हर बार भतीजे रणदीप मान और प्रॉपर्टी विवाद पर टिकती रही। गांव व आसपास चर्चा में परिवार के ही किसी व्यक्ति के इसमें शामिल होने की आशंका जताई जा रही थी।
गांव का नंबरदार है रणदीप
आरोपित रणदीप ने पुलिस को शिकायत में बताया था कि वह गांव का मौजूदा नंबरदार है। उसके पिता रविंद्र की 2010 में मौत हो चुकी है जबकि चाचा बिजेंद्र अविवाहित था। उसके पास सात एकड़ जमीन थी। उसने साढ़े पांच एकड़ जमीन बेच दी थी और बाकी डेढ़ एकड़ जमीन पर वह कालोनी काटना चाहता था। वह अक्सर गांव से बाहर चंडीगढ़ रहता था। यहां आता तो अपने फार्म हाउस पर ही रहता था। वह पांच दिन से गांव आया हुआ था, जिसकी करीब साढ़े दस बजे गोली मारकर कार सवार बदमाशों ने हत्या कर दी। वहीं पकड़े जाने के बाद आरोपित ने माना कि जमीन हथियाने के लिए ही उन्होंने चाचा की हत्या की है। इसमें उसका दोस्त विशु भी शामिल है, जिससे फेसबुक पर दोस्ती हुई थी।
बिजेंद्र को याद कर रहा गांव
बिजेंद्र मिलनसार प्रवृति की वजह से सबका चहेता था। उसके पास करीब साढ़े पांच एकड़ जमीन थी। इसमें साढ़े पांच एकड़ जमीन उसने बेच दी थी और डेढ़ एकड़ जमीन पर कॉलोनी काटने की प्लाङ्क्षनग थी। इसी सिलसिले में वह गांव आया था। जमीन की निशानदेही कराने के लिए उसने बुधवार को पटवारी को बुलवाया हुआ था। हत्या के बाद से ही पूरा गांव बिजेंद्र को याद कर रहा है।