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पौराणिक तीर्थ दशाश्वमेध है अश्वमेघ यज्ञ का गवाह, श्रद्धालुओं में है काफी मान्यता

हरियाणा के कैथल की धरती धार्मिक रूप से काफी ज्‍यादा मायने रखती है। यहां पर सीवन गांव है। इसकी ऐतिहासिक मान्‍यता है। यहां ऐतिहासिक प्राचीन दशाश्वमेध तीर्थ एवं मंदिर अश्वमेघ यज्ञ का गवाह है। पर्व तीज-त्योहार के अवसर पर श्रद्धालु यहां आते हैं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Thu, 03 Dec 2020 10:08 AM (IST)Updated: Thu, 03 Dec 2020 10:08 AM (IST)
पौराणिक तीर्थ दशाश्वमेध है अश्वमेघ यज्ञ का गवाह, श्रद्धालुओं में है काफी मान्यता
ऐतिहासिक प्राचीन दशाश्वमेध तीर्थ एवं मंदिर अश्वमेघ यज्ञ का गवाह।

पानीपत/कैथल, जेएनएन। कैथल के गांव सीवन ऐतिहासिक मान्यता है। सीवन जिला मुख्यालय से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर कस्बा में सरकारी अस्पताल के समीप स्थित ऐतिहासिक प्राचीन दशाश्वमेध तीर्थ एवं मंदिर अश्वमेघ यज्ञ का गवाह रहा है। यह यह तीर्थ कभी सीवन नगर की शान हुआ करता था। परंतु अब बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी है। जिस पर महिला घाट अलग से तथा पुरुष घाट अलग से बने हुए थे। पर्व, तीज-त्योहार के अवसर पर श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना के बाद सरोवर में स्नान करते थे, लेकिन वर्तमान में सरकार और जिला प्रशासन की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 

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बता दें कि इस तीर्थ की देखरेख ठाकुर द्वार तीर्थ एवं मंदिर कमेटी की ओर से की जाती है। कई बार सरकार से तीर्थ व मंदिर की हालत सुधारने के लिए ग्रांट की मांग की गई। लेकिन सरकार की ओर से कोई इतजाम ना होने पर कमेटी ने स्वयं ही काम आरंभ करवा दिया। इसके साथ ही मंदिर के साथ कुछ एकड़ जमीन भी है, जिसकी देखरेख मंदिर कमेटी की ओर से ही की जा रही है।

मंदिर में यह है स्थापित

मंदिर में बाबा ध्यान दास, बाबा प्रेम दास, रघुनाथ की चरण पादुका, श्री राम, लक्ष्मन, सीता, शालिग्राम दास पंच मुखी हनुमान की प्राचीन मूर्ति, शिवालय, काली माता का मंदिर इस मंदिर की शोभा बढ़ा रहा है। मंदिर में एक चार फुट की विष्णु भगवान अलौकिक मूर्ति थी जिसे पसीना आता था। कई वर्ष पहले वह मूर्ति मंदिर से चोरी हो गई थी। मंदिर के शिवालय में शिव भगत कावड़ियों द्वारा गोमुख व हरिद्वार से लाया जल चढ़ाया जाता है। मंदिर में मन से मागी मुराद पूरी होती है। समय समय पर हवन यज्ञ व भंडारे लगाए जाते हैं। मंदिर कमेटी ने मंदिर में निर्माण तो करवा दिया है सरकार निकास का कार्य कर मंदिर का रास्ता ऊंचा उठा कर साफ करेगी तो आने जाने वालों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सुधार की है जरुरत, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

ग्रामीण बृजमोहन ने बताया कि वर्तमान में ऐतिहासिक प्राचीन दशाश्वमेध तीर्थ में सुधार की काफी जरुरत है। लंबे प्रयासों के बाद जिला अस्पताल का रोड होने के कारण सड़क तो बन गई, लेकिन तीर्थ के दोनों तरफ गंदगी का आलम है। जिस कारण यहां आने वाले श्रद्धालुओं और आस-पास के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। यहां पर ग्राम पंचायत की ओर से भी हर बार इसमें सुधार लाने के दावे किए जाते हैं। परंतु इसका सुधार नहीं हो पाता है। यही कारण काफी मान्यता होने के बावजूद इसकी जानकारी अन्य लोगों को नहीं मिल पाती है।


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