तेज रफ्तार ओवरलोड होने से पलटी बस, पेड़ से न टकराती तो होता दिल दहलाने वाला हादसा Panipat News
छाजपुर पुलिया के पास तेज रफ्तार ओवरलोड बस बेकाबू होकर पलट गई। बस पलटते हुए पेड़ से जा टकराई और रूक गई। वरना हादसा काफी दर्दनाक होता।
पानीपत, जेएनएन। पानीपत-हरिद्वार मार्ग पर ओवरलोड बस छाजपुर पुलिया के पास पलट गई। इसमें दो यात्रियों की मौत हो गई। जबकि कंडक्टर सहित छह लोग घायल हो गए। इनमें से दो घायलों को पीजीआइ रोहतक रेफर कर दिया है। पुलिस ने क्रेन की मदद से बस उठाकर शव बाहर निकाले। हादसे के बाद आरोपित चालक फरार हो गया।
सवारियों का कहना है कि हादसे के समय बस तेज रफ्तार और ओवरलोड थी। बस उत्तर प्रदेश परिवहन प्राधिकरण की ओरसे पानीपत से शामली रूट पर रजिस्टर्ड थी। बस शामली की ओर जा रही थी। छाजपुर से निकलकर ड्रेन से पहले मोड़ पर पहुंची तो सड़क किनारे गड्ढों में पलटकर पेड़ से टकरा गई। इससे दरवाजे के पास खड़े लोग नीचे दब गए। क्रेनों की मदद से बस को सीधा कर दबे यात्रियों को निकाला।
दो की मौत, छह घायल
डॉक्टर ने पहल सिंह (68) निवासी छाजपुर और जगदीश निवासी चरथावल मुज्फ्फरनगर को मृत घोषित कर दिया। परिचालक संजय शामली, दीपकराज चंद निवासी शामली, आसी निवासी गाजियाबाद और मोहित निवासी बागपत सहित छह लोगों को चोटें आई हैं।
लग गया जाम, रूट डायवर्ट
घटनास्थल पर डीएसपी राजेश फोगाट, डीएसपी बिजेंद्र ङ्क्षसह भी मौके पर पहुंचे। पानीपत से हरिद्वार रोड पर हादसे के बाद क्रेन की मदद से बस को उठाने के दौरान वाहनों को रोका गया। इससे इस मार्ग पर लंबा जाम लग गया। जाम से निपटने के लिए पुलिस ने शामली की तरफ से आने वाले वाहनों को डायवर्ट करके निकाला।
ऊपर से नीचे भरी थीं सवारियां : संगीता
करनाल के गांव बाहरी से बिराल जा रही संगीता के मुताबिक बस में सभी सीटों पर सवारियां थीं, इसके अलावा लोग छत पर भी सवार थे। सवारी पूरी होने की बात कहने के बावजूद चालक और परिचालक ने लोगों को बैठाया। उसके बेटों का टिकट भी पूरा काटा और दोनों के एक ही सीट पर बैठा दिया। हादसे के वक्त बस स्पीड में थी। कोई कुछ समझ पाता। इससे पहले ही बस पलट गई। अगले दरवाजे के साथ खड़े यात्री नीचे दब गए। अंदर सवारियां भी एक-दूसरे पर गिरी।
परिवार को देख जान में जान आई
करनाल के चौहरा से परिवार सहित कांधला रिश्तेदार के घर जा रहे बानूद्दीन ने बताया कि वह बीच की सीट पर बैठे थे। बस पलटी तो सभी एक-दूसरे के ऊपर जा गिरे। जान बचाने के लिए सभी चिल्लाने लगे। तभी कुछ लोगों ने शीशे तोड़े और बाहर निकाला। परिवार के सभी लोग सुरक्षित दिखे तो जान में जान आई।
मदद के लिए दौड़ा तो चचेरा भाई फंसा मिला
नवादा आर वासी एडवोकेट अमित ने बताया कि वो पत्नी को लेकर बाइक पर बस के पीछे-पीछे चल रहा था। बस ड्रेन से पहले मोड़ पर पहुंची और देखते ही देखते गड्ढों में पलट गई। उसने बाइक को साइड में लगाया और चिल्ला रही सवारियों को बाहर निकालने के लिए पत्थर से शीशा तोड़ा। इन्हीं सवारियों में ही चचेरा भाई विशाल भी दबा मिला। जो पानीपत कोङ्क्षचग लेने के बाद लौट रहा था।
तुरंत मिली मदद
बस में सवार लोगों के मुताबिक हादसे के तुरंत बाद ही उन्हें मदद मिली। करीब 10-15 मिनट बाद हेड कांस्टेबल सुरेंद्र दहिया मौके पर पहुंचे और सवारियों की मदद में जुट गए। करीब 25 मिनट बाद सनौली थाना प्रभारी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। आधा घंटे के अंदर ही कुराड़ स्थित फार्म हाउस पर खड़ी दो क्रेन लेकर लोग आ गए और बस को उठाया गया।
सामान ढूंढ़ते रहे लोग
हादसे के बाद बस में सवार लोगों का सामान इधर-उधर बिखर गया। किसी का बैग तो किसी का मोबाइल फोन गिर गया। जिनका सामान गुम हुआ वो बाद में घटनास्थल पर उसे ढूंढ़ते दिखे। हालांकि कई का सामान भी नहीं मिल पाया। जो निराश होकर निकल गए।
हादसे के बाद लगा जाम
पानीपत से हरिद्वार रोड पर हादसे के बाद क्रेन की मदद से बस को उठाने के दौरान वाहनों को रोका गया। तभी पहिये थमे तो वाहनों की लंबी कतार लग गई। हालांकि जाम से निपटने के लिए पुलिस ने शामली की तरफ से आने वाले वाहनों को डायवर्ट करके निकाला।
एक के बाद एक एंबुलेंस देख सहम गए मरीज
पानीपत-हरिद्वार मार्ग पर बस पलटने के एक घंटे बाद एंबुलेंस और पीसीआर का सायरन सुन सामान्य अस्पताल में लोग सहम गए। कर्मचारियों ने घायलों और दोनों शवों को बाहर निकाला। एक बार अफरा-तफरी का माहौल हो गया। स्वजनों के अस्पताल परिसर पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई। स्वजन एक-दूसरे का ढाढ़स बंधाते नजर आए। डॉक्टरों ने दो घायलों को पीजीआइ रोहतक रेफर कर दिया।
3:20 बजे पहुंची पहली एंबुलेंस
दोपहर बाद 3:20 बजे पहली एंबुलेंस सामान्य अस्पताल पहुंची। बुजुर्ग पहल सिंह (68) निवासी छाजपुर का उस शव में था। घायल आसी निवासी लोनी स्ट्रेचर पर दर्द से कराह रहा था, वहीं महर निवासी शामली पीछे सीट पर सुधबुध खोए बैठा था। स्वास्थ्यकर्मियों ने सबसे पहले पहल सिंह के शव को बाहर निकाल कर अंदर इमरजेंसी वार्ड में रखवाया। फिर घायल आसी को बाहर निकाल कर स्ट्रेचर पर लिटाकर अंदर ले गए। उसकी बाईं टांग में फ्रैक्चर था। इसके बाद घायल महर को उठाया तो स्वास्थ्यकर्मियों के भी हाथ-पांव ठंडे से पड़ गए। हादसे में महर की दाईं टांग की हड्डी टूटकर बाहर निकली थी, जिससे खून बह रहा था। उसे स्ट्रेचर पर लिटाकर अंदर ले गए। डॉक्टरों ने आसी और महर की गंभीर हालत देख उन्हें प्राथमिक उपचार देते ही पीजीआइ रोहतक रेफर कर दिया।
3:27 बजे पहुंची दूसरी एंबुलेंस
सात मिनट बाद दूसरी एंबुलेंस पहुंची। इसमें घायल मोहित निवासी अछाड़, बागपत, उप्र ने बताया कि वह सफेदे के पेड़ और बस के बीच में फंस गया था। इस कारण उसकी कमर और निचले हिस्से में दर्द हो रहा है। दूसरा शव जगदीश(68) निवासी चरथावल, मुजफ्फरनगर का था। पीछे घायल कंडक्टर संजय निवासी शामली मिट्टी से सने कपड़ों में लोगों की मदद से पैदल चलकर इमरजेंसी वार्ड में दाखिल हुआ। गीले कपड़ों की ठंड के कारण उसकी कंपकंपी छूट रही थी। डॉक्टरों की टीम ने चंद सेकेंड में ही घायलों को उपचार देना शुरू कर दिया था।
पिता का शव देख फूट पड़ा सोनू
स्वास्थ्यकर्मियों ने मृतक पहल सिंह की जेब टटोली तो उसका फोन मिला। बेटे सोनू के नंबर पर हादसे की सूचना दी। लगभग आधे घंटे बाद सोनू सामान्य अस्पताल पहुंचा। पिता का शव देखते ही वह फूट पड़ा। उसने बताया कि पिता पहल सिंह कपड़ा खरीदने के लिए कैराना जा रहे थे। वह छाजपुर गांव के अड्डे से बस में सवार हुए थे और डेढ़ किलोमीटर पर ही हादसा हो गया।
आखिरी बार बेटियों से मिला था जगदीश
नाती शंकर ने बताया कि उसकी मां सुषमा, मौसी निर्मला और बबीता सैनी कॉलोनी में रहती हैं। उसके नाना जगदीश मुजफ्फरनगर से उसकी मां और मौसी से मिलने के लिए पानीपत आए थे। तीनों से मिलने के बाद दोपहर एक बजे बस में सवार होकर गांव जा रहे थे। रास्ते में हादसा हो गया। स्वास्थ्यकर्मियों ने उसकी मां के फोन पर हादसे की सूचना दी। नाना की मौत की खबर लगते ही वह मां के साथ अस्पताल आ गया। मां की तबीयत बिगड़ी तो उसे घर भेज दिया।
एक झटका लगा और खाल में जा गिरा: कंडक्टर संजय
कंडक्टर संजय ने बताया कि छाजपुर से सवार यात्रियों का टिकट काटने के लिए वह पिछले दरवाजे के पास गया था। वह बस के पिछले दरवाजे के पास खड़ा होकर यात्रियों के टिकट काट रहा था। बस लगभग डेढ़ किलोमीटर ही चली थी कि एकाएक झटका लगा। वह दरवाजे से निकलकर बाहर खेत की खाल में जा गिरा। तभी बस पलट गई और यात्रियों में चीख पुकार मच गई। उसे नहीं पता चालक अख्तर कहां गया।
हाल-चाल पूछने अस्पताल पहुंचे अधिकारी
बस पलटने की खबर लगते ही डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. नवीन सुनेजा और एमएस डॉ. आलोक जैन 3:34 बजे इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। उन्होंने डॉ. सुखदीप कौर और उनकी टीम से घायलों को दिए जा रहे प्राथमिक उपचार के बारे में पूछताछ की। डॉ. सुखदीप कौर ने हालात काबू में होने और घायलों के लिए कई खाली बेड होने की बात कही। घटनास्थल से घायलों को सामान्य अस्पताल पहुंचाने के बाद 3:44 बजे एसडीएम दलबीर ङ्क्षसह सामान्य अस्पताल पहुंचे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा की।
बस पलटने की सूचना पर टीम मौके पर पहुंची। घायलों को एंबुलेंस में सामान्य अस्पताल में भिजवाया। क्रेन की मदद से बस उठाकर मृतकों के शव निकलवा दिए। तेज रफ्तार बस चलाने वाले चालक अख्तर के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रवि कुमार, सनौली थाना प्रभारी
एक महिला और दो युवकों की जान ले चुकी यह बस
शामली-पानीपत रूट पर चलने वाली अंजू गुप्ता के नाम से रजिस्टर्ड यह बस पहले भी यह बस एक महिला और दो युवकों की जान ले चुकी है। शामली रूट पर चलने वाले यात्री इसे हत्यारी बस कहते हैं। छाजपुर गांव के ग्रामीणों ने बताया कि एक नवंबर 2019 को उनके गांव के अड्डे पर इसी बस ने बाइक सवार दो ममेरे भाइयों को टक्कर मार दी थी। हादसे में मामा विक्रम के घर आए शामली (उप्र) के सांपला गांव के आकाश (22) की मौके पर ही मौत हो गई थी, वहीं उसका ममेरा भाई विशाल निवासी छाजपुर गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके अलावा इस बस ने 6 दिसंबर 2019 को हैदराबादी अस्पताल के सामने सड़क पार कर रही लगभग 45 वर्षीया एक महिला को भी कुचल दिया था। हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई। उसकी शिनाख्त भी नहीं हो पाई। आरोपित चालक बस छोड़कर फरार हो गया था।
बीते साल 283 लोगों की हो चुकी है मौत
पानीपत में पिछले वर्ष सड़क हादसों में 283 लोगों की जान जा चुकी है। 509 लोग घायल हो गए। ये हादसे जीटी रोड, सनौली रोड, असंध रोड और गोहाना रोड पर हुए हैं। इनमें से 60 फीसद वे हैं जो दोपहिया वाहनों पर सवार थे।
- पिछले वर्ष बसों के हादसे
- 5 जनवरी को पानीपत डिपो की बस ने नंगलापार गांव के पास बाइक को टक्कर मार दी। इसमें बाइक सवार राणामाजरा के कयूम की मौत हो गई।
- 10 जनवरी को पानीपत डिपो की बस ने खुखराना गांव के पास खुखराना के दीपक को कुचल दिया। इस हादसे में दीपक की मौत हो गई।
- 22 जून को हरियाणा रोडवेज की बस ने कैत गांव के पास कार को टक्कर मार दी थी। हादसे में दो युवक घायल हो गए थे।
- 25 जुलाई को चंडीगढ़ से भरतपुर जा रही बस ने ट्रक में टक्कर मार दी। इसमें बस चालक वीरेंद्र की मौत हो गई, 15 सवारी घायल हो गईं।
- 28 जुलाई को रोहतक डिपो की बस की टक्कर से एनसी कॉलेज कांवडि़ए दिनेश की मौत हो, जबकि तीन घायल हो गए।
- 12 अक्टूबर को कृपाल आश्रम के पास निजी बस जोहड़ में पलट गई। इसमें दो की मौत और 17 यात्री घायल हो गए।
- इन हादसों में हुई बाइक सवारों की मौत
- 16 जून को रेरकलां गुरुद्वारे के नजदीक कार ने तीन बाइकों को टक्कर मार दी। इसमें धर्मगढ़ के रामकुमार की मौत हो गई। पांच घायल हुए।
- 20 जून को असंध रोड सेंट मैरी स्कूल के पास दो बाइकों की टक्कर हो गई। इस हादसे में दरियापुर के बबलू की मौत हो गई।
- 5 जुलाई को बबैल रोड स्थित सरबती फैक्ट्री के पास दो बाइकों की भिड़ंत हो गई। इसमें मनमोहन नगर के संतू की मौत हो गई।
- 24 सितंबर को सिंगला पैलेस के सामने ट्राले से बाइक टकरा गई। इसमें बाइक सवार बागपत के योगेंद्र धामा और बिहार के मधुबनी के गांव रिठाला धारापट्टी के दोस्त अजय की मौत हो गई।
- हादसे के जिम्मेदार तीन बड़े सवाल
- बस पर ओवरलोड सवारियां बैठाने पर पुलिस सख्ती क्यों नहीं करती है?
- ओवरस्पीड बसों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन क्यों नहीं ठोस कदम उठाता है?
- चालक की गलती से हादसे को अंजाम देने वाले बस मालिकों पर क्यों नहीं कार्रवाई की जाती है।