प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान को मिलेगी नई उड़ान, गर्भवती महिलाओं के लिए बनाया हाई रिस्क पोर्टल
प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान के तहत चिन्हित किए जाने वाले हाई रिस्क केसों को किया जा रहा है अपलोड। इन महिलाओं के इलाज की पूरी समरी पोर्टल पर कराई जा रही उपलब्ध। इससे महिलाएं प्रदेश में कहीं भी जाकर आसानी से ट्रीटमेंट करा सकेंगी।
करनाल, जेएनएन। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा अभियान के तहत चिन्हित किए जाने वाले हाई रिस्क केसों का पूरा ब्योरा पोर्टल पर उपलब्ध करना शुरू कर दिया गया है। इसके लिए एचआरपी यानि हाई रिस्क पोर्टल बनाया गया है। अभियान के तहत चिन्हित की गई गर्भवती महिलाओं की गर्भधारण से लेकर डिलीवरी तक की पूरी जानकारी इस पर उपलब्ध कराई जाएगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि महिला प्रदेश में कहीं पर भी जाकर अपना इलाज करा सकेगी। डॉक्टर पोर्टल से महिला के इलाज संबंधी जानकारी लेकर ट्रीटमेंट शुरू कर सकता है। इससे पहले अक्सर दिक्कत आती थी कि गर्भवती महिलाओं का जहां से इलाज चल रहा है वहीं पर ही उनको चेकअप करना पड़ता था। लेकिन अब पोर्टल के माध्यम से प्रदेश में कहीं पर भी वह आसानी से ट्रीटमेंट करा सकेंगी। ई-उपचार की दिशा में स्वास्थ्य विभाग का यह बड़ा कदम है।
जिले में अब तक आ चुके हैं 3578 हाई रिस्क केस सामने
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में अब तक 3578 हाई रिस्क केस निकलकर सामने आ चुके हैं। इनमें से 2112 केस पिछले साल निकले थे। विभाग का कहना है कि पिछले साल के मुताबिक इस इस साल हाई रिस्क केसों की संख्या में काफी कमी आई है। इन केसों पर पूरी नजर रखी जा रही है। अभी तक 90 प्रतिशत महिलाओं का डाटा पोर्टल पर आनलाइन किया जा चुका है।
पोर्टल पर क्या-क्या उपलब्ध होती है जानकारी
हाई रिस्क पोर्टल पर वह गर्भवती महिला जिसको हाई रिस्क चिन्हित किया गया है उसका नाम, पता, उम्र, गर्भावस्था का समय से लेकर डिलीवरी तक का टाइम उपलब्ध होता है। इसके अलावा महिला को कौन-कौन सी दवाईयां दी जा रही हैं और कौन-कौन से टेस्ट कराए जा चुके हैं। संबंधित महिला की पोर्टल पर डाइट तक के बारे में जानकारी दी जाती है, ताकि वह उसका फॉलो अच्छा कर सके।
हर माह की नौ तारीख को होता है चेकअप
प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत हर माह की नौ तारीख को जिले के 36 स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जांच होती है। कैंप के माध्यम से ही जांच कर हाई रिस्क केसों की पहचान की जाती है। जिसके बाद उसके फॉलोअप के लिए पोर्टल पर उसकी जानकारी डाली जाती है।
90 प्रतिशत डाटा किया जा चुका है अपलोड
हाई रिस्क गर्भवती महिलाएं प्रदेश में कहीं पर भी अपना ट्रीटमेंट करा सकें इसके लिए हाई रिस्क पोर्टल तैयार किया गया है। जिले में अब तक 3578 केस सामने आ चुके हैं, जिसमें से 90 प्रतिशत का डाटा अपलोड किया जा चुका है। सरकार की ई-उपचार योजना की दिशा में यह बहुत अच्छा कदम है। इससे विभाग के पास इस प्रकार के केसों का रिकार्ड आनलाइन उपलब्ध होगा।
डॉ. योगेश शर्मा, सिविल सर्जन करनाल।