जब हवलदार को सुरक्षा देने के लिए हाई कोर्ट ने डीजीपी को लगाई फटकार
पानीपत में हवलदार आशीष की सुरक्षा की मांग पर डीजीपी संधू को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई। हवलदार ने शिकायत पर सुरेंद्र रेवड़ी, विधायक महिपाल ढांडा सहित कहीं आइपीएस अधिकारियों पर केस दर्ज है।
पानीपत, जेएनएन : पुलिस लाइन निवासी हवलदार आशीष की सुरक्षा की मांग पर फैसला लेने में बेवजह देरी के लिए पुलिस महानिदेशक बीएस संधू को हाईकोर्ट की फटकार ङोलनी पड़ी।
हवलदार आशीष कुमार ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसकी शिकायत पर पानीपत शहर की विधायक रोहिता रेवड़ी के पति सुरेंद्र रेवड़ी, पानीपत ग्रामीण के विधायक महिपाल ढांडा सहित कई आइपीएस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। आरोपितों में डीएसपी राजेश लोहान का नाम भी शामिल है। वरिष्ठ अधिकारी उस पर केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे और उसे और उसके परिवार को मारने की धमकी दे रहे हैं। इस पर हाईकोर्ट ने आशीष और उसके परिवार की सुरक्षा के संबंध में आदेश दिए थे। दो महीने बाद भी कोई फैसला नहीं लेने पर कोर्ट ने डीजीपी को तलब कर लिया था।
अदालत का समय बर्बाद होता
सुनवाई के दौरान जस्टिस दया चौधरी की पीठ ने कहा कि अधिकतर आपराधिक मामलों की सुनवाई में अदालत में मौजूद पुलिस के अधिकारियों को मामले की जानकारी नहीं होती और इससे अदालत का समय बर्बाद होता है। डीजीपी संधू ने खेद जताते हुए कहा कि उन्हें इस संबंध में अदालत के आदेशों की जानकारी नहीं थी। इस पर हाईकोर्ट ने 11 जनवरी तक सुनवाई स्थगित करते हुए आदेश दिए कि अगली सुनवाई तक फैसला लेकर सूचित करें।
डीएसपी ने हवलदार का अपहरण कर दी थी धमकी
हवलदार आशीष कुमार ने सेक्टर-29 चौकी में शिकायत दी कि गत 15 सितंबर को वह खाना खाने के बाद पुलिस लाइन में टहल रहा था। इसी दौरान उसे वहां तत्कालीन थाना शहर डीएसपी राजेश चौहान की गाड़ी व होमगार्ड खड़ा दिखाई दिया। होमगार्ड विनोद से उसकी पुरानी पहचान होने के कारण वह उससे बातचीत करने लगा। तभी डीएसपी लोहान कोठी से बाहर आए और गनमैन ड्राइवर के साथ वहां से चले गए। करीब 15 मिनट बाद डीएसपी लोहान वापस आए।उन्होंने आते ही गनमैन को कहा कि इसे (आशीष को) गाड़ी में डालो और हवालात ले चलो। आशीष ने आरोप लगाया कि गनमैन ने उसे जबरन कार में बैठा लिया और गाड़ी को इधर-उधर घुमाने लगा। आशीष ने डीएसपी राजेश लोहान के व्यवहार का विरोध किया। वहीं डीएसपी राजेश लोहान ने उसे हाईकोर्ट में चल रहे केस को वापस लेने की धमकी यह कहते हुए दी कि वे उसकी सर्विस खराब कर देंगे। इसकी शिकायत उसने डीजीपी, करनाल रेंज के आइजी, एसपी व सीएम विंडो में दे रखी है।