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हेपेटाइटिस की जांच प्रोथोमिन टाइम और एपीआरआइ टेस्ट से

सिविल अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीन से केवल गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रासाउंड हो पाता है। लिवर कितना खराब है हेपेटाइटिस के संदिग्ध मरीजों को अल्ट्रसाउंड कराने के लिए प्राइवेट केंद्रों में जाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 08:28 AM (IST)Updated: Sat, 19 Oct 2019 08:28 AM (IST)
हेपेटाइटिस की जांच प्रोथोमिन टाइम और एपीआरआइ टेस्ट से
हेपेटाइटिस की जांच प्रोथोमिन टाइम और एपीआरआइ टेस्ट से

जागरण संवाददाता, पानीपत : सिविल अस्पताल में लगी अल्ट्रासाउंड मशीन से केवल गर्भवती महिलाओं का ही अल्ट्रासाउंड हो पाता है। लिवर कितना खराब है, हेपेटाइटिस के संदिग्ध मरीजों को अल्ट्रसाउंड कराने के लिए प्राइवेट केंद्रों में जाना पड़ रहा है। अब डॉक्टर प्रोथोमिन टाइम (पीटी) और एसपी प्लेटलेट्स रेशो इंडेक्स (एपीआरआइ) से रोग की पुष्टि करेंगे।

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हेपेटाइटिस के जिला नोडल अधिकारी डॉ. श्यामलाल ने बताया कि संभावित मरीज को जीनोटाइप कूपन दिया जाता था।इस कूपन से मरीज फ्री अल्ट्रासाउंड करा सकता था। वह लंबे समय से जारी होना बंद हो गया। इससे मरीज का इलाज खर्च बढ़ रहा था। मरीजों का अल्ट्रासाउंड खर्च बच जाए, इसके चलते पीटी और एपीआरआइ टेस्ट से हेपेटाइटिस का पता लगाने का निर्णय लिया गया है।

डॉ. श्यामलाल ने दावा किया कि अस्सी फीसद संभावित रोगियों की पुष्टि इन दोनों जांच से हो जाती है। बाकी को अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा जाएगा। हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी और ई का पता लगाने के लिए वायरल लोड टेस्ट कराया जाता है। ग्यारह दिन से मेडिसिन के कूपन भी खत्म :

सिविल अस्पताल से मरीज को एक कूपन जारी होता रहा है। इस कूपन से मरीज डॉ. लाल पैथ लैब में फ्री टेस्ट करा सकता था। इसी कूपन से अस्पताल से मेडिसिन मिलती थी। आठ अक्टूबर से कूपन खत्म हैं। करीब 100 नए मरीजों का इलाज शुरू नहीं हो सका है।


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