कैथल में जोरदार बारिश, धान को फायदा, कपास की फसल को नुकसान
कैथल में शुक्रवार को जोदार बारिश हुई। सुबह तीन बजे से आठ बजे तक बारिश हुई। इसकी वजह से जलभराव हो गया। वहीं बारिश की वजह से धान की फसल वाले किसानों में खुशी है तो कपास की फसल वाले चिंतित।
कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल में शुक्रवार सुबह तीन बजे से आठ बजे तक बारिश हुई। इससे मौसम सुहावना हो गया। मौसम विभाग के अनुसार शाम तक बरसात हो सकती है। बरसात होने से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली है। तापमान में भी गिरावट आई है। बता दें कि बुधवार की बरसात के बाद वीरवार को दिनभर मौसम साफ रहा था, अब फिर शुक्रवार को बरसात हो गई है। नौ बजे के बाद बादलों के साथ हल्की धूप निकली आई है। मौसम सुहावना होने पर सुबह के समय लोगों ने मौसम का खूब लुत्फ लिया। बरसात के कारण खेतों व निचली कालोनियों में पानी भर गया है। अगले तीन चार दिनों तक किसानों को खेत में पानी सिचाई करने की जरूरत नहीं है।
धान को फायदा व कपास की फसल को नुकसान की संभावना
बरसात से धान की फसल को फायदा है। वहीं कपास की फसल को नुकसान की संभावना है। कपास के खेत में पिछली बारिश का पानी नहीं उतरा था। आज फिर बारिश से खेतों में जलभराव हो गया है। इससे कपास की फसल सूखने की संभावना बनी रहती है। मौसम समन्वयक रमेश चंद्र ने बताया कि किसान फसलों की विशेषकर ध्यान रखें। कपास की फसल में पानी एकत्रित न होने दे। पानी निकासी का प्रबंध रखें। फसल में थोड़ी सी बीमारी की शिकायत पर डाक्टरों को तुरंत सूचित करें।
इधर, निकासी की व्यवस्था न होने पर कलायत महिला कालेज परिसर सीवरेज प्लांट में तब्दील
श्री कपिल मुनि राजकीय महिला कालेज की दीवार धंसने के बाद शिक्षण संस्थान परिसर सीवरेज के गंदे पानी से लबालब हो गया है। तेजी से सीवरेज मेनहाल से बह रहे पानी ने कालेज परिसर को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। इस तरह कालेज परिसर सीवरेज प्लांट में तबदील हो गया है। बरसात और सीवरेज के पानी का जिस प्रकार कई-कई फीट भराव कालेज परिसर में हुआ है, उसके चलते हालात बेहाल है। अग्रवाल सभा प्रधान राजेंद्र गर्ग, अनिल राठी, विक्रम ङ्क्षसह, सुरेंद्र कुमार का कहना है कि छायादार वृक्ष, विभिन्न प्रजातियों के पौधे-फूलों की बगिया और हरा-भरा खास जल भराव की भेंट चढ़ रहा है। शहर में निकासी की व्यवस्था चौपट है। बरसात और बिना बरसात सीवरेज के गंदे पानी का घरों-दुकानों और सरकारी भवनों में घुसने का सिलसिला लंबे समय से जारी है।
जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ सुरेंद्र दलाल ने बताया कि सीवरेज प्रणाली को सु²ढ़ बनाने के लिए ठोस रूप रेखा तैयार की गई है। इसके लिए सीवरेज ट्रीटेमेंट प्लांट ओवरफ्लो समस्या निराकरण के विकल्प तलाशे जा रहे हैं।