बिजली बिल देख जनस्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के छूटे पसीने
नलकूपों के एक माह के बिजली बिल लाखों में होने से जनस्वास्थ्य कर्मी हैरान हैं। उनका मानना है कि 20 घंटे नलकूपों के चलने पर भी इतना बिल नहीं आ सकता है।
जागरण संवाददाता, समालखा : पांच गांव के नलकूपों के एक माह के बिजली बिल लाखों में होने से जनस्वास्थ्य कर्मी हैरान हैं। उनका मानना है कि 20 घंटे नलकूपों के चलने पर भी इतना बिल नहीं आ सकता है।
पसीना कलां के नलकूपों का 28 जुलाई से 28 अगस्त तक का बिजली बिल 4.96 लाख रुपये आया है। वहीं आट्टा के नलकूपों का 2.46 लाख, हथवाला के नलकूपों का 2.79 लाख, मच्छरौली के 1.69 लाख और ताजपुर के 1.44 लाख रुपये बिल आए हैं। पब्लिक हेल्थ सुबह, दोपहर और शाम में 8 घंटे पानी सप्लाई ग्रामीणों को देता है। उनके नलकूपों पर 12 से 15 एचपी की मोटर लगी है। एक नलकूपों का औसतन बिजली बिल हर माह 25 से 35 हजार रुपये के बीच आता है। पब्लिक हेल्थ के पास कुल 74 गांव हैं, जिनमें 21 गांवों के नलकूपों की देखरेख उनके पास है, जबकि शेष की देखरेख पंचायत स्वयं संभाल रही है। बिजली मीटर चालू होने के बाद यह हाल है। वहीं निगम अधिकारी की मानें तो तकनीकी गलती से ऐसा हो जाता है। शिकायत आने पर बिल में सुधार कर दिया जाता है।