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नपा में लगाया स्वास्थ्य जांच शिविर

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सौजन्य से कस्बे 47 एसएचजी की 470 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए नगरपालिका में शिविर लगाया गया। 58 महिलाओं के बीपी शुगर और वेट की जांच की गई। एक दर्जन महिलाओं में बीपी की शिकायत मिली।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Sep 2019 08:31 AM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 08:31 AM (IST)
नपा में लगाया स्वास्थ्य जांच शिविर
नपा में लगाया स्वास्थ्य जांच शिविर

जागरण संवाददाता, समालखा : राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सौजन्य से कस्बे 47 एसएचजी की 470 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए नगरपालिका में शिविर लगाया गया। 58 महिलाओं के बीपी, शुगर और वेट की जांच की गई। एक दर्जन महिलाओं में बीपी की शिकायत मिली। शुगर जांच दोपहर 12 बजे के बाद शुरू हुई, जबकि अन्य 10 बजे शुरू थी। महिलाओं की जांच एमपीएचडब्ल्यू की देखरेख में हुई। आऊटसोर्सिंग की महिला वार्ड अटेंडेंट लोगों की बीपी चेक कर रही थी, जबकि वेट की जांच ट्रेनी फार्मासिस्ट द्वारा किया जा रहा है। पत्रकारों के हस्तक्षेप के बाद मधुमेह की जांच के लिए 12 बजे मशीन मंगाई गई। कर्मचारी को बुलाया गया। जानकारी के अभाव में कम अधिकांश महिलाओं को शिविर का लाभ नहीं मिला। महिलाओं के स्वास्थ्य जांच में लेडी डॉक्टर का अभाव

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एसएचजी महिलाओं के स्वास्थ्य जांच के लिए कैंप लगा था, लेकिन वहां महिला डॉक्टर तो दूर स्टाफ नर्स भी नहीं दिखाई दी। एमपीएचडब्ल्यू के नेतृत्व और ट्रेनी व आऊट सोर्सिंग अटैंडेंट की मदद से कैंप की औपचारिकता पूरी की गई। जानकारी के अभाव में करीब 12 प्रतिशत महिलाएं ही इसका लाभ ले सकी। एनयूएलएम के तीन कर्मचारी भी महिलाओं की जांच में सहयोग कर रहे थे।

नपा ने सूचना देने की औपचारिका पूरी की

राष्ट्रीय आजीविका मिशन के विकास ने कहा कि उन्होंने नगरपालिका को स्वास्थ्य शिविर की सूचना दे दी थी। उन्हें स्थानीय डॉक्टरों की टीम को बुलाने कहा था। टीम में एक एक्सपर्ट होनी चाहिए थी। स्वस्थ्य विभाग से जो कर्मचारी आए उनकी सेवाएं ली गई। वहीं सविता रानी, राजो, संतोष आदि ने कहा कि इतनी जांच तो सीएचसी में प्रतिदिन निशुल्क होती है।

फिर यहां बुलाने की क्या जरूरत थी।

मुझे बृहस्पतिवार को मिली सूचना: एसएमओ

डॉ. पवन ने कहा कि उसे एक दिन पहले केवल महिलाओं के बीपी, शुगर और वजन जांच करने की सूचना मिली थी। सीएचसी में स्टाफ की कमी है। तीन डॉक्टरों की अदालत में तारीख थी। अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी सेवा भी चलानी थी। उपरोक्त जांच के लिए जरूरी स्टाफ को भेज दिया गया था। खंड में महिला डॉक्टर नहीं है।


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