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मां का इलाज करा इटली गए बेटे की मौत, 15 दिन बाद गांव पहुंचा शव

मां का इलाज करा इटली गए बेटे की मौत, 15 दिन बाद गांव पहुंचा शव

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Jun 2018 12:56 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 07:19 AM (IST)
मां का इलाज करा इटली गए बेटे की मौत, 15 दिन बाद गांव पहुंचा शव
मां का इलाज करा इटली गए बेटे की मौत, 15 दिन बाद गांव पहुंचा शव

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : बीमार मां का इलाज कराने के बाद इटली लौटे 28 वर्षीय स्नेहदीप की हार्ट अटैक से मौत हो गई। 15 दिन के बाद युवक का शव उसके गांव महलांवाली में पहुंचा। गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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गांव महलांवाली निवासी स्नेहदीप आठ वर्ष पहले इटली के ब्रोशिया शहर में गया था। उसका बड़ा भाई गगन व बड़ी बहन ¨रपी पहले से ही इटली में रहते हैं। दोनों भाई ब्रोशिया शहर के वरोला नोवा इलाके में स्थित फैक्ट्री में जूते बनाते थे। उनके पति सुरजीत ¨सह आर्मी से रिटायर हैं। वह गांव महलांवाली में ही पत्नी हरभजन कौर के साथ रहते हैं। हरभजन कौर पिछले काफी दिन से बीमार थी। घुटनों की बीमारी होने के कारण उन्हें चलने में दिक्कत आ रही थी। सुरजीत ¨सह ने फोन कर स्नेहदीप को घर बुलाया था, ताकि वह अपनी मां का इलाज किसी अच्छे अस्पताल में करवा सके। स्नेहदीप पांच मई को अपने गांव महलांवाली पहुंच गया था। वह 15 दिन की छुट्टी पर आया था। यहां रहते हुए उसने अपनी मां का इलाज कराया। 21 मई को वह इटली लौट गया था। वह अपने भाई के पास नहीं पहुंचा। इस पर बड़े भाई गगन ने उसके लापता होने की शिकायत पुलिस को दी। गगन ने बताया कि उसके जीजा कुरुक्षेत्र के कस्बा पेहवा निवासी कश्मीर ¨सह भी इटली में रहते हैं। उनकी स्थानीय पुलिस से जान पहचान थी। 24 मई को जीजा को पुलिस ने स्नेहदीप की मौत के बारे में बताया। जब यह समाचार उन्हें मिला तो वे हैरान रह गए। वे पुलिस से मिले तो उन्हें बताया गया कि स्नेहदीप की मौत एयरपोर्ट पर ही हो गई थी। डॉक्टर ने बताया था कि उसके पेट की नस ब्लॉक हो गई थी, जिस वजह से उसे हार्ट अटैक आया और उसकी मौत हो गई। गगन ने बताया कि शुक्रवार सुबह स्नेहदीप का शव दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच गया था लेकिन पुलिस ने शव को बाहर निकालने में ही चार घंटे से ज्यादा का समय लगा दिया, जबकि उनके सारे दस्तावेज पूरे थे। शाम को उसका शव जब गांव में पहुंचा तो गमगीन माहौल में उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। 12 दिन से परिजनों को उसके शव का इंतजार था। जैसे ही शव घर पहुंचा तो मां उससे लिपट कर रोने लगी।


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