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हरियाणा की अंशु मलिक कामनवेल्थ गेम्स में दिखाएगी पहलवानी के दांव, 57 किलो भार वर्ग में किया क्वालीफाइ

हरियाणा की पहलवान अंशु मलिक ने 57 किलो भार वर्ग में कामनवेल्थ गेम्स के लिए क्वालीफाई किया है। लखनऊ में आयोजित ट्रायल में अंशु ने चार महिला पहलवानों को पटखनी दी। अंशु मलिक पहली ऐसी महिला पहलवान हैं जो कुश्ती वर्ल्ड प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची थी।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 05:09 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 05:09 PM (IST)
हरियाणा की अंशु मलिक कामनवेल्थ गेम्स में दिखाएगी पहलवानी के दांव, 57 किलो भार वर्ग में किया क्वालीफाइ
57 किलो भार वर्ग में कामनवेल्थ गेम्स के लिए क्वालीफाई करने पर खुशी जाहिर करती अंशु मलिक।

जींद, जागरण संवाददाता। जींद के गांव निडानी की महिला पहलवान अंशु मलिक ने 57 किलो भार वर्ग में कामनवेल्थ गेम्स के लिए क्वालीफाइ किया है। लखनऊ में आयोजित की गई ट्रायल में अंशु मलिक ने चार महिला पहलवानों को पटखनी देकर भारतीय महिला पहलवान दल में अपनी जगह बनाई है। अगस्त 2022 में इंग्लैंड में होने वाले कामनवेल्थ गेम्स में अंशु मलिक द्वारा क्वालीफाइ किए जाने पर स्वजनों तथा गांव में खुशी का माहौल है।

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अंशु मलिक पहली ऐसी महिला पहलवान हैं, जो कुश्ती वर्ल्ड प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची थी। हालांकि अगस्त 2021 में हुए ओलंपिक में अंशु पदक देश की झोली में नहीं डाल पाई, लेकिन कुश्ती वर्ल्ड प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचकर अपना दमखम दिखाया। दूध, लस्सी, देशी घी तथा ड्राई फ्रूट को डाइट में शामिल करने वाली अंशु मलिक का अगला लक्ष्य कामनवेल्थ गेम्स में देश को गोल्ड दिलाने के साथ-साथ 2024 में आयोजित होने वाले ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड जीतना है।

कोच की देखरेख में कर रही तैयारी

भाई सुरेंद्र सिंह मेमोरियल खेल स्कूल निडानी में अंशु मलिक अपने कोच जगदीश श्योराण और दलीप सिंह मलिक की देखरेख में तैयारी कर रही है। हर रोज तीन घंटे सुबह तथा तीन घंटे शाम को प्रैक्टिस कर रही है। इसके अलावा उसकी डाइट का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है।

पहलवानी से परिवार का है नाता

अंशु मलिक के पिता धर्मबीर मलिक ने बताया कि अंशु ने 57 किलो भार वर्ग में कामनवेल्थ गेम्स के लिए क्वालीफाइ कर लिया है। अंशु का परिवार पहलवानों का परिवार है और वह अंशु के खेल पर उसकी तरह ही पूरा ध्यान किए हुए हैं। अंशु मलिक के पिता धर्मबीर मलिक अपने जमाने के जाने-माने पहलवान रहे हैं। अंशु ने मात्र 11 साल की उम्र से ही अपने भाई अंकित से प्रेरित होकर कुश्ती की दुनिया में कदम रखा। अंशु मलिक के दादा वीर सिंह पूर्व अंतरराष्ट्रीय एथलीट हैं। ताऊ हरियाणा केसरी पवन कुमार साउथ एशियन गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता पहलवान हैं।


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