Haryana Monsoon News : लगातार बदल रही हवाओं की दिशा, आज बारिश नहीं हुई तो करना होगा लंबा इंतजार
मौसम विभाग ने 11 से 13 जुलाई तक तेज बरसात की संभावना जताई थी। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो सोमवार को यदि बरसात नहीं हुई तो आगे और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। लगातार बदल रहीं हवाओं की दिशा ने चिंता बढ़ा दी है।
करनाल, जागरण संवाददाता। लगातार बदल रही हवाओं की दिशा ने मानसून की बरसात को शंका में डाल दिया है। जून माह में भी कम बरसात हुई थी, अब जुलाई माह का पहला पखवाड़ा भी सूखा ही बीत रहा है। पूरे में प्रदेश में जुलाई माह में अब तक 45.4 एमएम बरसात होनी चाहिए थी, लेकिन महज 8.9 एमएम ही हो पाई है। यानि सामान्य से 80 फीसदी बरसात कम दर्ज की गई है। प्रदेश में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं।
बरसात की कमी के कारण उत्तर-पश्चिमी भारत शुष्क बना हुआ है। प्रदेशा का महज मेवात एक ऐसा जिला है जहां पर सामान्य से कहीं अधिक बरसात हुई, बाकी जगह सूखा ही है। धान की रोपाई नहीं हो पा रही है। किसान परेशान हैं। हर रोज बरसात का इंतजार रहता है, लेकिन हो नहीं पा रही है।
चिंता की बात
मौसम विभाग ने 13 जुलाई तक मानसून की अच्छी बरसात की संभावना जताई थी, लेकिन स्थितियां विपरित हो गई हैं। सोमवार शाम तक यदि बरसात नहीं होती है तो आगे भी लोगों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है, यानि बरसात का इंतजार ओर अधिक लंबा हो सकता है। अभी राहत की कोई ओर संभावना भी नजर नहीं आ रही है।
मेवात को छोड़, सभी जिलों में सूखा
महज मेवात में अत्याधिक बरसात हुई है। यहां पर 12 जुलाई तक 16.3 एमएम बरसात होनी चाहिए थी, लेकिन ताबड़तोड़ 89 एमएम बरसात दर्ज की गई है, सामान्य से 446 फीसदी बरसात दर्ज की जा चुकी है। बाकी जिलों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं।
येलो जोन में : जानिये जुलाई के पहले सप्ताह में किस जिले में कितनी होनी चाहिए थी बरसात।
जिला कितने प्रतिशत कम हुई
गुरुग्राम -97 प्रतिशत
फरीदाबाद -97
करनाल -79
जींद -82
कुरुक्षेत्र -87
यमुनानगर -96
अंबाला -87
पंचकुला -91
कैथल -78
फतेहाबाद -94
सिरसा -80
पलवल -80
भिवानी -70
पानीपत -80
सोनीपत -71
रोहतक -63
हिसार -66
झज्जर -65
रेवाड़ी -55
महेंद्रगढ़ -63
नोट : यह आंकड़े मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए हैं।
जानिये मौसम विभाग कैसे करता है बरसात का वर्गीकरण
जिन जगहों पर सामान्य से 60 से 99 फीसद तक कम बरसात होती है उसको येलो जोन में रखा जाता है। जहां पर सामान्य से 20 से 59 फीसद बरसात कम दर्ज की जाती है उसको रेड जोन में रखा जाता है। सामान्य बरसात यानि -19 प्रतिशत से लेकर 19 प्रतिशत तक यदि बरसात का आंकड़ा रहता है तो वह ग्रीन जोन में रहता है। जहां पर सामान्य 60 प्रतिशत से ऊपर बरसात हो जाती है उसको ब्लू जोन में रखा जाता है।