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नवदंपती ने एक साथ फंदा लगा दे दी जान, एक महीने पहले हुआ निकाह

Haryana Panipat Crime News अभी तो बधाइयों के ही दिन चल रहे थे। पानीपत के राजनगर में नवविवाहित जोड़े ने पंखे से लटक जान दी। काम नहीं मिलने से गुमसुम रहता था।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 01:46 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 01:46 PM (IST)
नवदंपती ने एक साथ फंदा लगा दे दी जान, एक महीने पहले हुआ निकाह
नवदंपती ने एक साथ फंदा लगा दे दी जान, एक महीने पहले हुआ निकाह

पानीपत, जेएनएन। एक महीने पहले ही निकाह हुआ। अभी तो बधाइयां मिलने का दौर ही चल रहा था। पड़ोसी दुल्‍हन को देखने आते थे। सुबह-सुबह आई एक खबर ने हर किसी को हिलाकर रख दिया। नवदंपती ने एकसाथ खुद को फांसी लगाकर जान दे दी। दोनों ने ऐसा कदम क्‍यों उठाया, अभी इसका पता नहीं चल सका है। हालांकि स्‍वजनों ने इतना जरूर कहा है कि काम नहीं होने के कारण उनका बेटा परेशान था। शादी के दो-चार दिन बाद ही गुमसुम रहने लगा था। उन्‍हें नहीं पता था कि दोनों खुदकुशी कर लेंगे।

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मामला पानीपत के राजनगर का है। यहां रहने वाले 28 वर्षीय आवेद का निकाह  दस अगस्‍त, 2020 को विकास नगर की 19 वर्षीय नजमा के साथ हुआ था। वेल्‍डिंग का काम करने वाले आवेद का कुछ महीने पहले काम छूट गया था। बीच-बीच में थोड़ा काम मिल जाता। अनलॉक में उसे उम्‍मीद थी कि काम चल जाएगा। इस बीच, निकाह भी हो गया। पर कई दिन से काम नहीं मिल रहा था। घर से सुबह जाता और शाम को खाली लौट आता।

आवेद परेशान था पर हमें लगा सब ठीक हो जाएगा

आवेद के बड़े भाई जावेद ने बताया कि वे एक ही घर में रहते हैं। वह पहली मंजिल पर परिवार के साथ रहता है। उनकी दो छोटी बहने हैं। उनका भी निकाह हो गया है। एक बहन का निकाह तो आवेद के निकाह के दिन ही हुआ था। आवेद को कुछ दिन से परेशान तो देखा था पर हमें लगा कि जल्‍द ठीक हो जाएगा। नई-नई गृहस्‍थी है, संभाल लेगा।

दरवाजा तोड़कर उतारे शव

सुबह जावेद नीचे उतरा तो आवेद और उसकी पत्‍नी नजमा दिखाई नहीं दिए। खिड़की से झांककर देखने पर पता चला कि दोनों ने फंदा लगाया हुआ था। तभी पड़ोसियों को बुलाया। दरवाजा तोड़कर इन्‍हें नीचे उतारा। जब तक अस्‍पताल लेकर गए, तब तक मौत हो चुकी थी।

32 वर्ष पहले अलीगढ़ से आया था परिवार

जावेद ने बताया कि वे मूलरूप से अलीगढ़ के रहने वाले हैं। 32 वर्ष पहले पानीपत में बस गए थे। पिता और वह मजदूरी करते हैं। छोटा भाई वेल्‍डिंग की दुकान पर लगा हुआ था। लॉकडाउन के बाद उसका काम छूट गया। वह और पिता मजदूरी पर जाते हैं, पर काम कम ही है।


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