जल जहर से मुक्ति पर शहर के साथ आई सरकार, उद्योग मंत्री ने जांच के दिए आदेश Panipat News
दैनिक जागरण के जल जहर अभियान के समापन पर उद्योग मंत्री विपुल गोयल और शहर के उद्यमियों ने खराब हो चुके पानी के समाधान की ओर कदम बढ़ाया।
पानीपत, जेएनएन। हैंडलूम नगरी के जहरीले हो चुके भूजल के निवारण पर शहर और सरकार साथ-साथ आगे आए। प्रदेश उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने इसे गंभीर मानते हुए शहर को जहरीले जल से मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से हर रोज निकलने वाले करीब 60 एमएलडी पानी से इंडस्ट्री की जरूरत को पूरा करने पर जोर दिया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र सिंह चहल को इसका नोडल अधिकारी बनाया है।
दैनिक जागरण की ओर से 23 मई से 10 जून तक चलाए गए 'जल जहर' अभियान का बृहस्पतिवार को समापन हो गया। उद्योग मंत्री विपुल गोयल मुख्य अतिथि रहे। विशिष्ट अतिथि ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा, मेयर अवनीत कौर और निगम कमिश्नर ओमप्रकाश रहे।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी से ली जानकारी
उद्योग मंत्री ने अभियान के दौरान प्रकाशित समाचारों की पीपीटी देखी। उन्होंने कहा कि तस्वीर खतरनाक है। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र सिंह चहल से पूरी जानकारी ली। मंत्री ने ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा और मेयर अवनीत कौर के सुझावों पर काम करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि मुद्दा ज्वलंत है। इसके समाधान के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और सीईटीपी की जांच कराई जाएगी। 20 बीओडी लेवल तक के पानी को री-साइकिल किया जाएगा। इसे इंडस्ट्री के प्रयोग में लाया जाएगा। बचे पानी को ङ्क्षसचाई के लिए प्रयोग किया जाएगा। सिंचाई विभाग को भी इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। संबंधित विभाग भी इसके प्रस्ताव पर कार्य कर रहे हैं।
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शहर में सात एसटीपी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भूपेंद्र सिंह चहल ने बताया कि पानीपत में सात सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं। इनका पानी दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है। उद्योग मंत्री ने कहा कि इस पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाए। इसके लिए चंडीगढ़ में वरिष्ठ अधिकारियों की शुक्रवार को बैठक लेंगे।
जागरण की खोज सराहनीय : महीपाल
ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा ने कहा कि दैनिक जागरण की जल जहर खोज सराहनीय है। इस पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट किए पानी को इंडस्ट्री में दे सकते हैं। पेयजल भी शहर में बड़ी समस्या बन रही है। रेनीवेल प्रोजेक्ट सीएम की घोषणा में है। इसे ड्रॉप किया जा रहा था, लेकिन इसकी जरूरत है। साथ सिंचाई के पानी में से शहर को पानी देने की भी बात चल रही है।
डॉक्टर भी पानी के समाधान की बात करते : अवनीत
मेयर अवनीत कौर ने कहा कि पानी जहरीला होता जा रहा है। डॉक्टर भी इसके समाधान की बात कहते हैं। पानी अब बीमारी फैला रहा है। दैनिक जागरण का अभियान सराहनीय है। इसमें कई मुद्दे सामने आए हैं। नगर निगम सदन ने रेनीवेल प्रोजेक्ट और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज का प्रस्ताव पास किया है। रेनीवेल प्रोजेक्ट पर मंजूरी लेने का प्रयास किया जा रहा है।
डाई हाउस एसटीपी का पानी लेने को तैयार
डायर्स एसोसिएशन के प्रधान भीम राणा ने बताया कि सेक्टर-29 की डाइंग यूनिटें सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का पानी लेने को तैयार हैं। वे दैनिक जागरण के मंच से इस विषय को उठा चुके हैं। इससे हर रोज नहर से मिलने वाला 17 एमएलडी पानी भी बचेगा। उद्योग मंत्री ने कहा कि एसटीपी का पानी साफ है तो इसको दोबारा प्रयोग में लाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए। यह सराहनीय कदम होगा।
पानीपत का जहरीला पानी अब चुनौती बन गया है। जन आंदोलन से इसे दूर किया जा सकता है। प्रत्येक नागरिक को जिम्मेदारी लेकर आगे आना होगा। डाइंग यूनिटों का पानी शहर की गलियों में बह रहा है। अधिकारी भी चिंता जता रहे हैं। प्रत्येक दिन 10 लाख लीटर पानी को ट्रीट कर पीने लायक बनाना होगा। तभी समाधान हो सकता है।
-दुष्यंत भट्ट, पार्षद वार्ड-25
उद्योग लोगों के लिए बड़ा संकट बन गए हैं। किसी भी कोने में पीने लायक पानी नहीं है। निगम हाउस में रैनीवेल प्रोजेक्ट और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज लगाने का प्रस्ताव पास किया है। दैनिक जागरण का जल जहर अभियान शहर को बचाने के लिए अच्छा कदम है।
-रविंद्र भाटिया, वार्ड-10
भूजल का दोहन संकट बन गया है। पानी की बर्बादी इसी तरह चलती रही तो भावी पीढ़ी एक-एक बूंद को तरस जाएगी। इसे संजोने की जरूरत है। घरों की रसोई का पानी साफ होता है। इसको सोख्ता गड्ढ़े बनाकर भूजल को रीचार्ज करना चाहिए। शहरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाने चाहिए।
-सुरेंद्र परुथी, पार्षद पति, वार्ड-1
भूजल पूरी तरह से खराब हो चुका है। पर्यावरण प्रदूषण भी गंभीर विषय है। रेन वाटर हार्वेङ्क्षस्टग सिस्टम से पानी को रीचार्ज करने की जरूरत है। इंडस्ट्री को अपने परिसर के आसपास पौधे लगाकर संरक्षण करना जरूरी है। -कोमल सैनी, पार्षद, वार्ड-11
जमीनी पानी जहरीला हो गया है। लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। डाई हाउसों को पानी के लिए मीटर लगाने की जरूरत है। इससे जमीनी पानी का दोहन रुकेगा। दैनिक जागरण का कदम सराहनीय है।
-प्रमोद देवी, वार्ड-17
बाहरी कॉलोनियों में पानी सबसे ज्यादा खराब है। यहां ट््यूबवेलों से सप्लाई होने वाला पानी भी दूषित आ रहा है। लोगों को एलर्जी हो रही है। पीडि़तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शहर में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज प्लांट और रेनीवेल प्रोजेक्ट की जरूरत है।
-अशोक कटारिया, पार्षद वार्ड-7
केमिकल युक्त पानी से शहर की आबोहवा खराब हो रही है। मेरे वार्ड में कई इंडस्ट्री खुले में जहरीला पानी छोड़ रही हैं। मॉडल टाउन जैसे पॉश एरिया में मोटर लगाकर खुले में पानी बहाया जा रहा है। पानी की बर्बादी को रोकना होगा।
-अश्विनी धींगड़ा, वार्ड-23
डाइ हाउसों में केमिकलयुक्त पानी को जमीन में छोड़ा जा रहा है। इसी कारण भूजल जहरीला हो रहा है। नालियों में भी पानी को खुला छोड़ा जा रहा है। घरों में दूषित पानी आना भी गंभीर विषय है। दैनिक जागरण ने गंभीर विषय पर कदम बढ़ाया है।
-अनिल बजाज, वार्ड-5
इंडस्ट्री के कारण पानी जहरीला हुआ है। जमीन में पानी छोडऩे वाले उद्यमी ही आज खुद पछतावा कर रहे हैं। इससे बड़ा खतरा लगातार दोहन होने से जमीनी पानी का तेजी से खत्म होना है। यही हाल रहा तो शहर में पानी नहीं बचेगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाकर बरसात के पानी को संजोना होगा।
-गौरव लीखा, संयोजक, सहयोग परिवार ट्रस्ट।
यमुना एक्शन प्लान 1994 में लाया गया था। इसके तहत शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए थे। यहां पानी ट्रीट करने के बाद ही यमुना में डाला जाता है। अब पानी को स्थानीय इंडस्ट्री में प्रयोग लाना बड़ी चुनौती है। डाइंग यूनिटों पर शिकंजा कसने की जरूरत है।
-नेमचंद जैन, संयोजक, समान नागरिक संहिता अभियान।
पानी जहरीला हो गया है। इससे लोगों को एलर्जी और कैंसर जैसी घातक बीमारी हो गई हैं। यह प्रशासन की विफलता को दर्शाता है। प्रशासन शुरुआत में सख्त कदम उठाता तो आज यह स्थिति नहीं बनती। शहर में कई डाई हाउस खुले में जहरीला पानी छोड़ रहे हैं। इन पर लगाम कसना जरूरी है।
-हरीश शर्मा, पूर्व पार्षद।
उद्योग से निकलने वाले रसायन युक्त पानी से भूजल प्रदूषित हो चुका है। यही हालात रहे तो भविष्य में लोग पानी के लिए तरस जाएंगे। सरकार को उद्यमियों के साथ बैठक करके पानी दूषित होने से बचाना होगा। फैक्ट्रियों में कम से कम भूजल का इस्तेमाल कर सकें इसके लिए नहरी पानी की व्यवस्था की जाना चाहिए।
-शेर सिंह खर्ब, प्रधान, बार एसोसिएशन।
भूमिगत जल उद्योगों की वजह से दूषित हो रहा है। सरकार ने टीमें गठित करके लगातार उद्योगों की जांच करानी चाहिए। जो भी उद्योग दूषित पानी छोड़ता है उस पर जुर्माना लगाया जाए। सील किया जाए। पानी के सैंपलों की लगातार जांच के लिए विशेष दस्ता तैयार किया जाना चाहिए।
-अमित राठी, एडवोकेट।
डाई हाउस तेजी से भूजल को प्रदूषित कर रहे है। डाई हाउस संचालकों को एनजीटी के आदेश की पूरी तरह पालना करनी चाहिए। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पानी को साफ करने की जरूरत है।
-विशाल गोस्वामी।
आस-पास किसी नल से व्यर्थ बहता पानी देखकर आमजन को नल बंद करके कर्तव्य निभाना चाहिए। जागरूकता ही जल संरक्षण का एकमात्र उपाय है। सरकार कितने भी प्रयास करे, बिना लोगों के जागरूक हुए जल संरक्षण नहीं हो सकता।
-सोनू सलूजा।
जिला डार्क जोन घोषित हो चुका है। पेयजल किल्लत भयानक रूप लेने वाली है। हम आज बचत शुरू करेंगे तभी आने वाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित हो पाएगा। एक बार प्राकृतिक संसाधन खत्म हुए तो लगभग सभी जीव नष्ट हो जाएंगे।
-शुभम कौशिक, मॉडल टाउन
जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए गांवों और शहरों में बड़े स्तर पर नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया जाना चाहिए। आमजन जागरूक होंगे, तभी पानी की बचत संभव है। हमें इस्तेमाल हो चुके पानी को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए।
-सुरेंद्र खर्ब, नारा।
दैनिक जागरण ने उद्योग मंत्री विपुल गोयल के समक्ष पानीपत के पानी के सच को दिखाकर सराहनीय कार्य किया है। विडंबना यह है कि ऐसे हालात पैदा क्यों हुए? शासन लाचार है। प्रशासन बेलगाम है। 35 एमएलडी पानी एसटीपी में साफ करके नाले में गिरा दिया जाता है। इससे भद्दा मजाक क्या हो सकता है? समय रहते कार्रवाई की जाए।
-रोशन लाल गुप्ता, प्रधान हरियाणा व्यापार मंडल।
पानी का सच जानने को मिला। दैनिक जागरण ने सही मंच उपलब्ध कराया। उद्योग मंत्री के समक्ष पानी की स्थिति रखी। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जो पानी साफ होता है। उसको दोबारा प्रयोग किया जाना चाहिए। यदि हालत यही रहे तो आने वाले समय में पीने का पानी नहीं मिल पाएगा। हम सबकी ड्यूटी बनती है कि पानी की उचित प्रयोग करें।
-राजेंद्र खुराना. कोषाध्यक्ष हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स
भूजल दोहन को रोकना होगा। यह प्राकृतिक संपदा है। पानीपत में जल जहर बनता जा रहा है। इसे रोकना होगा। अधिक से अधिक पौधारोपण होना चाहिए। शासन अपनी जिम्मेवारी निभाए। यदि यही हालात रहे तो आने वाली पीढियों को पीने का पानी नहीं मिल पाएगा। दैनिक जागरण सदैव सामाजिक सरोकार के लिए काम करता है। यह मुद्दा उठाकर सराहनीय कार्य किया गया है।
- राकेश भाटिया, उद्यमी।
भूजल की जो स्थिति बनती जा रही है। वह आने वाले समय में विकराल होगी। जितना पानी निकाला जा रहा है। उसका 25 फीसद भी रीचार्ज नहीं होता। हमें एसटीपी, सीईटीपी से पानी साफ करके दोबारा प्रयोग में लाना होगा। सरकार को सख्त कदम उठाने होंगे। दैनिक जागरण ने यह अभियान चलाकर सराहनीय कार्य किया।
- मनीष अग्रवाल, महासचिव हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स।
अब पानी पानीपत के अस्तित्व का विषय : सतीश
दैनिक जागरण के समाचार संपादक सतीश श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए पूरे अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पानी का सही प्रयोग और शोधन अब पानीपत के अस्तित्व का सवाल बन गया है। प्रदूषित जल औद्योगिक शहर के उजडऩे का कारण बन सकता है। व्यवस्थागत सुधार के लिए सरकार की तरफ से सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है। महाप्रबंधक पुष्पेंद्र सिंह ने कार्यक्रम में पहुंचने पर मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री विपुल गोयल और सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।
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