Move to Jagran APP

वैकल्पिक खेती से किसान मालामाल, जानिए बागवानी और विविध फसलों का कैसे उठा सकते लाभ

हरियाणा में अब खेती का ट्रेंड लगातार बदल रहा है। अब किसान परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी और विविध फसलों पर जोर दे रहे हैं। इससे किसान को मुनाफा भी अच्‍छा मिल रहा है। सरकार भी इसे बढ़ावा दे रही।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 08:19 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 08:19 AM (IST)
वैकल्पिक खेती से किसान मालामाल, जानिए बागवानी और विविध फसलों का कैसे उठा सकते लाभ
किसान अब बागवानी में भी रुचि दिखा रहे हैं।

करनाल, जागरण संवाददाता। कृषि के साथ बागवानी कर किसान मुनाफा कमा रहे हैं। आम, अमरूद, जामुन, मौसमी, नींबू के बाग से प्रत्येक वर्ष लाभ ले रहे हैं। सरकार के प्रयास से बागवानी खेती का क्षेत्रफल बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादकता की गुणवत्ता पर जोर दिया जा रहा है। ताकि निर्यात के साथ-साथ किसानों की आय दोगुनी की जा सके। साथ ही, प्रौद्योगिकी केंद्र शामगढ़ में आलू के उन्नत बीज तैयार किए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश की जरूरत पूरी करके आलू उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। खंड इद्री, तरावड़ी, नीलोखेड़ी, घरौंडा, असंध के किसान अपने खेतों में पेड़ों के माध्यम से आर्थिक तौर पर मजबूत हो रहे हैं। बागवानी की योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने के साथ-साथ पर्यावरण की भी सुरक्षा कर रहे हैं।

loksabha election banner

आम के साथ फूलों की खेती

तरावड़ी के वार्ड-15 निवासी रणदीप चौधरी ने बताया कि लंबे से आम के बाग ठेके पर लेकर काम कर रहे हैं। प्रदेश के अलावा अन्य शहरों में आम की सप्लाई दी जाती है। गर्मियों के सीजन में आम की काफी डिमांड रहती है। आम खेती करने वाले किसानों को कुछ महीने ही आम के उत्पादन का लाभ मिलता है। ऐसे में बाग में दूसरी फसल की बुआई कर किसान मुनाफा कमा सकते हैं। आम के बाग में फूलों की खेती काफी फायदे का सौदा साबित हुई है। सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर बेरोजगार प्रकृति की संभाल के साथ-साथ अपनी आमदनी बढ़ाई जा सकती है।

अमरुद, सब्जी, नींबू की फसल बेहतर

किसान वेलफेयर क्लब इंद्री के पूर्व प्रधान चरण सिंह मढाण ने बताया कि खेतीबाड़ी आज किसानों के लिए घाटे का सौदा बनी हुई है और किसानों की आर्थिक हालत बिगड़ती जा रही है उसे अगर पारंपरिक खेती की बजाय आधुनिक तरीके से किया जा जाए तो किसान कर्ज के बोझ से मुक्ति ही नहीं पा सकते बल्कि मोटा मुनाफा भी कमा सकते हैं। आधुनिक तरीके से बागवानी करके प्रति वर्ष प्रति एकड़ लाखों रुपए कमा रहे हैं और दूसरे किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं। प्रगतिशील किसान गांव सालवन निवासी रामभूल राणा ने बताया कि वह पारंपरिक तरीके से नरमा व गेहूं की खेती करते थे, जिसमें उन्हें कोई खास आमदनी नहीं होती थी और यह खेती लगातार घाटे का सौदा बनती जा रही थी। उन्होंने अपनी खेती को मोटा मुनाफा देने में बदलने की सोची। उन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़कर बागवानी अपनाई। कृषि विभाग के अधिकारियों से बातचीत करके अमरुद, सब्जी, नींबू की फसल उगाई।

परम्परागत खेती पर ही न रहें निर्भर

बागवानी जिला अधिकारी मदन लाल ने बताया कि किसानों को केवल धान व गेहूं की फसल पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इस बार किसानों को धान की फसल की बजाए मक्का के लिए प्रेरित किया जा रहा है। आलू, गन्ना व मक्का मुख्य खाद्यान फसल है। मक्के की परम्परागत खेती की बजाय बागवानी की खेती अधिक मुनाफा देती है। धान व ईख की खेती के अलावा, केले की खेती भी लाभदायक है। उन्होंने बताया कि किसानों को बागवानी की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। केले की रोपाई के लिए जून-जुलाई सटीक समय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.