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शराबबंदी की आवाज से राजस्व की चुनौतियों का अंबार, गांव-देहात से विरोध का स्वर Panipat News

आबकारी विभाग के समक्ष राजस्व लक्ष्य पूरे करने में चुनौतियों का अंबार है। गांव में शराबबंदी के स्वर विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 12:00 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 12:01 PM (IST)
शराबबंदी की आवाज से राजस्व की चुनौतियों का अंबार, गांव-देहात से विरोध का स्वर Panipat News
शराबबंदी की आवाज से राजस्व की चुनौतियों का अंबार, गांव-देहात से विरोध का स्वर Panipat News

पानीपत/करनाल, [पवन शर्मा]। शराबबंदी के खिलाफ एक बार फिर आवाज उठी है। जिले में 64 गांवों से ठेका नहीं खोलने के प्रस्ताव मिले हैं। उधर, नई आबकारी नीति से पहले वार्षिक लक्ष्य पूरे करने के लिए एक्साइज विभाग ने भी कमर कस ली है। प्रदेश में अगले वित्त वर्ष में नई आबकारी नीति लागू होने से जुड़ी तैयारियों के बीच गांव-देहात से शराबबंदी का स्वर लगातार मुखर हो रहा है। एक्साइज अधिकारी ऐसे हालात में फोकस कर रहे हैं कि वार्षिक फीस और अन्य स्रोतों के जरिए मुख्यालय स्तर से निर्धारित लक्ष्य की पूर्ति में कोई कसर न रहने पाए। हाल में कार्यभार संभालने वाले करनाल के नवागत आबकारी एवं कराधान उपायुक्त अनिरुद्ध शर्मा ने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के लक्ष्य पूरे करने में चुनौतियां अवश्य हैं लेकिन, हर सूरत में यह कार्य सिरे चढ़ाया जाएगा।

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पूरे प्रदेश से मिले प्रस्ताव

राज्य में अब तक एक्साइज मुख्यालय तक कुल 783 प्रस्ताव पहुंचे हैं। इनमें सर्वाधिक 122 प्रस्ताव भिवानी जिले में हैं। नूहं और रोहतक से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष हरियाणा सरकार ने पंचायतों से कहा था कि उन्हें अपने गांव में शराब का ठेका नहीं चाहिए तो प्रस्ताव पारित करके इसे नई आबकारी नीति की घोषणा से पहले जमा करें।

घटेंगी दुकानें, बढ़ेगी विभागीय चुनौती 

शराबबंदी के तमाम प्रस्ताव मंजूर होने की सूरत में प्रदेश में शराब की दुकानें स्वाभाविक रूप से घट जाएंगी। इससे विभागीय अधिकारियों के समक्ष राजस्व लक्ष्य पूर्ति में चुनौती बढऩा तय है। करनाल में फिलहाल ऐसी कुल 201 दुकानें संचालित हैं। पूरे प्रदेश में इनकी संख्या 2500 है। अगले वित्तीय वर्ष में इनकी संख्या 1800 रह जाएगी।

लक्ष्य हासिल करने में कसर नहीं छोड़ेंगे  

निर्धारित राजस्व लक्ष्य हासिल करने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। वार्षिक फीस और अन्य स्रोतों से यह कार्य किया जाएगा। विभागीय स्तर पर किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। शराब ठेके नहीं खोले जाने के संदर्भ में जितने भी प्रस्ताव आए हैं, सभी मुख्यालय भिजवा दिए गए हैं। तय प्रक्रिया के तहत इन सभी क्षेत्रों में देखा जाएगा कि आसपास फिलहाल कहां ठेेका संचालित है या कहां हो सकता है। इसी आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। 

-अनिरुद्ध शर्मा, डीईटीसी, करनाल। 

  • प्रदेश में कहां कितने प्रस्ताव
  • भिवानी-122
  • जींद-90
  • रेवाड़ी-85
  • नारनौल-69
  • करनाल-64
  • हिसार-56
  • पानीपत-50
  • सोनीपत-37
  • पलवल-34
  • झज्जर-34
  • फतेहाबाद-30
  • कैथल-27
  • गुरुग्राम-25
  • गुरुग्राम वेस्ट-23
  • जगाधरी-20
  • अंबाला-11
  • सिरसा-11
  • फरीदाबाद-08
  • कुरुक्षेत्र-07
  • पंचकूला-03
  • गुरुग्राम ईस्ट-02
  • नूंह-00
  • रोहतक-00 

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