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हरियाणा के शिक्षामंत्री कंवरपाल ने कहा, किसानों को गुलाम रखना चाहती है कांग्रेस

किसानों की ओर से लगातार सरकार के विरोध के चलते शिक्षामंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कांग्रेस हमेशा से किसान को गुलाम बनाकर रखना चाहती थी। भाजपा सरकार ने किसानों के हित में फैसला लिया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 05:50 PM (IST)Updated: Tue, 22 Sep 2020 05:50 PM (IST)
हरियाणा के शिक्षामंत्री कंवरपाल ने कहा, किसानों को गुलाम रखना चाहती है कांग्रेस
पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में पत्रकारों से बात करते शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर।

पानीपत/यमुनानगर, जेएनएन। हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि वह स्वयं साधारण किसान परिवार से आते हैं। वह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित कृषि विधेयक का स्वागत करते हैं। वे सोमवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस जगाधरी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जीएसटी बिल, सीएए, राफेल, धारा-370 के बिल लेकर आई और इन सभी बिलों का कांग्रेस ने विरोध किया। यह तीन कृषि अध्यादेश बिल किसान के हित में आया है। इस देश में कोई भी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था खत्म नहीं कर सकती है। यह सभी सरकारों की जिम्मेदारी है। यह कदम किसानों की उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेगा।

उन्‍होंने कहा, कांग्रेस किसानों की तरक्की में बाधा उत्पन्न कर रही है। वर्ष 2014 में अक्टूबर माह से पहले किसानों को डीएपी खाद, यूरिया व अन्य कृषि खादों के लिए लाइनों में ही खड़े देखा था। बिजली की तो कांग्रेस सबसे बड़ी दुश्मन थी। रातभर जाग कर किसान खेतों में पानी देते थे। किसानों के परिजन गैस सिलेंडर के लिए लाइनों में लगे रहते थे। आज वही कांग्रेस किसानों को झूठ बोलकर गुमराह करने का काम कर रही है।

कंवरपाल ने कहा कि केंद्र व हरियाणा में भाजपा सरकार बनने के बाद वर्तमान भाजपा सरकार में आज घर का गैस सिलेंडर, गैस एजेंसी वाले घर आकर होम डिलवरी दे रहे है। खाद, बीज की कोई कमी नहीं है। किसानों को कांग्रेस  सहित अन्य विपक्षी पार्टियों की झूठी व गलत बातों में बिल्कुल नहीं आना चाहिए। कांग्रेस देश के किसानों को गुलाम ही रखना चाहती है। वर्ष 2004 से 2014 तक प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने किसानों की जमीन के नाम पर सीएलयू का गंदा खेल खेलकर किसानों को बर्बाद करने का काम किया था। उन्होंने कहा कि अनाज मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के तहत फसल की सरकारी खरीद जारी रहेगी।


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