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करनाल में शिक्षा कर्मी ने की आत्महत्या, मां, पूर्व पत्‍नी और प्रेमिका के बीच कहासुनी

करनाल में शिक्षा विभाग के कर्मी ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्‍महत्‍या कर ली। शव लेने को लेकर मां पूर्व पत्नी पक्ष तथा लिव इन में रहने वाली महिला पक्ष के बीच तनाव बना रहा। शव लेने को लेकर पांच घंटे तक आमने-सामने रहे।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 03:01 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 03:01 PM (IST)
करनाल में शिक्षा कर्मी ने की आत्महत्या, मां, पूर्व पत्‍नी और प्रेमिका के बीच कहासुनी
शिक्षा विभाग के कर्मचारी ने आत्‍महत्‍या कर ली।

करनाल, जेएनएन। करनाल में शिक्षा विभाग के एक कर्मी ने आत्‍महत्‍या कर ली। जहरीला पदार्थ निगल आत्‍महत्‍या के बाद मां, पूर्व पत्नी तथा लिव इन में रहने वाली महिला शव लेने के लिए आमने-सामने आ गईं। पांच घंटे तक तनाव बना रहा। सभी पक्ष शव को ले जाने की मांग पर अड़े थे। इसको लेकर हंगामा शुरू हो गया। पुलिस ने मां पक्ष को ही शव सौंपा तो लिव इन में रहने वाली महिला ने आत्‍महत्‍या की धमकी दी।

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पिता की मौत के चलते गांव रायपुरा जाटान वासी करीब 38 वर्षीय हरिओम शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत था, जो फिलहाल चालक के तौर पर तैनात था। संदिग्ध परिस्थिति में उसने सेक्टर 32 ग्राउंड में वीरवार को जहरीला पदार्थ निगल लिया। तबियत बिगड़ने पर लिव इन में रहने वाली महिला ने उसे अस्पताल में दाखिल कराया, जहां मौत हो गई।

मामला उस समय गंभीर हो गया जब सुबह करीब नौ बजे लिव इन में रहने वाले महिला अन्य लोगों के साथ पोस्‍टमार्टम हाउस पहुंच गई तो वहीं हरिओम की मां कृष्णा, पत्नी सुमन व अन्य स्वजन भी पहुंच गए। दोनों पक्ष पोस्‍टमार्टम के बाद हरिओम का शव लेने को लेकर अड़ गए, जिससे तनातनी हो गई। दोनों पक्ष एसपी गंगा राम पूनिया के पास भी पहुंचे तो उन्होंने दोनों पक्षों को भरोसा दिया कि अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। दोनों पक्ष फिर मोर्चरी हाउस पहुंचकर आमने-सामने आ गए, जिसके चलते सेक्टर 32-33 एसएचओ जितेंद्र सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मोर्चरी हाउस पर तैनात कर दिया गया। दोनों पक्ष शव लेने पर अड़े रहे तो डीएसपी विजय देशवाल भी पहुंचे और उन्होंने उन्हें समझाने का प्रयास किए। बाद में जब दोनों पक्ष नहीं माने तो पुलिस ने करीब डेढ़ बजे मां पक्ष को शव सौंप दिया।

लिव इन में रहने वाली महिला पुलिस से भिड़ी

पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच जैसे ही शव मृतक की मां पक्ष को सौंपा तो पहले से ही आत्हत्या की धमकी दे चुकी लिव इन में रहने वाली महिला पुलिस से भिड़ गई। जमीन पर लेटकर विलाप करने लगी तो वहीं उनके साथ आई दूसरी महिलाएं भी महिला पुलिसकर्मियों के साथ धक्कामुक्की पर उतर आई। पुलिस ने कड़ी मशक्त कर हालात को काबू में किया और महिला को मृतक का शव दिखाने के लिए मोर्चरी हाउस से लेकर रवाना हो गई।

करीब 10 से हरिओम रह रहा था अलग : कृष्णा

मां कृष्णा देवी ने बताया कि उसका बेटे हरिओम की साल 2001 में शादी कर दी थी। पत्नी सुमन के साथ वह ठीक-ठाक रह रहा था और उन्हें करीब तीन साल बाद ही एक बेटा भी हुआ। लेकिन करीब दस साल पहले वह करनाल आकर रहने लगा और उन्हें पता चला कि वह पंजाब के मुकेरिया, जिला होशियारपुर की रहने वाली महिला के साथ रह रहा है। जब वह उसे परेशान करती तो हरिओम उनके पास आ जाता था। उन्होंने आरोप लगाए कि उसने उक्त महिला से ही मजबूर होकर आत्महत्या की है। मां कृष्णा ने बताया कि हरिओम का पत्नी सुमन से तलाक को लेकर अदालत में केस भी चला हुआ है और कोर्ट के आदेश पर वह पत्नी के नाम करीब आठ हजार रुपये खर्च राशि के तौर पर दे रहा है।

पुलिस बोली, किसे दें शव तो मां ने बेटा खड़ा कर दिया आगे

दोनों पक्षों के बीच तनाव के चलते जब डीएसपी विजय देशवाल कहने लगे कि आखिर शव किसे दें। इस पर हरिओम की मां आगे आई और बोली की मां होने के नाते शव पर उनका हक है। उन्होंने हरिओम का करीब 17 वर्षीय बेटा व पत्नी सुमन को भी पुलिस के आगे पेश किया। यहीं नहीं अन्य स्वजन व ग्रामीण भी अड़ गए, जिसके बाद पुलिस ने शव उन्हें ही सौंप देने का निर्णय लिया।

डेढ़ साल पहले की थी शादी

लिव इन में रहने वाली महिला ने बताया कि वह हरिओम को दस साल से जानती है और करीब डेढ़ साल पहले कलंदरी गेट गुरुद्वारे में दोनों ने लिव इन में रहते हुए शादी भी कर ली थी। वह अपने माता-पिता के घर जाता भी नहीं था और उसके साथ बेहद खुश था। वीरवार को अचानक ही शाम साढ़े पांच बजे हरिओम ने उसे फोन कर कहा कि उसने किसी से कर्ज लिया हुआ है और वे लोग परेशान कर रहे हैं। इसी के चलते सल्फास खा लिया है। उसने उसके पास एक वीडियो भी भेजी, जिसमें उसने कहा कि वह कर्ज के पैसे को लेकर परेशान है। इसलिए आत्महत्या कर रहा है। उसके परिवार के किसी पक्ष का कोई दोष नहीं है। महिला ने बताया कि हरिओम ने कर्ज क्यों, कितना और किससे लिया था, यह वह नहीं जानती, लेकिन उसने उसे फोन पर कहा था कि आत्महत्या का कदम न उठाएं। वे दोनों मिलकर कर्ज चुका देंगे।

मां पक्ष को सौंपा शव : जितेंद्र

सेक्टर 32-33 थाना एसएचओ जितेंद्र सिंह का कहना है कि पुलिस ने पूरे मामले की गहनता से छानबीन करने उपरांत शव मां पक्ष को सौंप दिया गया। अब उसके द्वारा आत्महत्या मामले की हर पहलू से जांच की जाएगी। मृतक ने कर्ज किससे और क्यों लिया था, यह अभी जांच के दौरान पता लगाया जाएगा।

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