नौकरी लगवाने के नाम पर विधवा महिला से ठगी, आरोपित चलाता है संस्था
गरीबों का विकास नाम से संस्था चलाने वाले युवक पर केस दर्ज हुआ है। उस पर विधवा महिला की नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपये ठगने का आरोप है। मामला बिलासपुर थाना क्षेत्र के गांव छौली का है।
यमुनानगर, जागरण संवाददाता। बिलासपुर थाना क्षेत्र के गांव छौली निवासी विधवा परविंद्र कौर की नौकरी लगवाने के नाम पर पांच लाख रुपये की ठगी कर ली गई। उसे गरीबो का विकास शाह नाम से संस्था चलाने वाले भोगपुर निवासी (अब छछरौली निवासी) रोहित रोजर शाह व गांव मारवा खुर्द निवासी संजीव कुमार ने पति की जगह बैंक में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। नौकरी न लगने पर जब पैसे वापस मांगे, तो आरोपितों ने जान से मारने की धमकी दी। आरोपित रोहित रोजर शाह ने अधिकारियों व मंत्रियों के साथ अपनी फोटो दिखाकर परविंद्र कौर को जाल में फंसाया था। मामले में छछरौली थाना पुलिस ने केस दर्ज किया।
बिलासपुर के गांव छौली निवासी परविंद्र कौर के पति स्टेट बैंक आफ इंडिया में असिस्टेंट क्लर्क के पद पर तैनात थे। उनकी वर्ष 2018 में मौत हो गई थी। इसके बाद से ही परविंद्र कौर अपनी ससुराल गांव उन्हेडी में रह रही थी, लेकिन यहां पर उसका ससुराल वालों के साथ विवाद हो गया था। जिस वजह से वह कभी ससुराल, तो कभी मायके में आकर रहने लगती थी। इस दौरान उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर गरीबों का विकास शाह संस्था के बारे में देखा। जिस पर परविंद्र कौर ने नौकरी के लिए रोहित रोजर शाह से बात की। उसने दो अगस्त 2020 को छछरौली के रेस्ट हाउस में मिलने के लिए बुलाया। जिस पर वह प्रमाण पत्रों की छायाप्रति उसे दे दी।
14 अगस्त 2020 को संजीव ने परविंद्र कौर को काल किया और छछरौली में संस्था के कार्यालय में आकर मिलने के लिए कहा। जब वह मिलने के लिए गई, तो यहां पर रोहित रोजर ने डेढ़ लाख रुपये की मांग की। साथ ही कहा कि जैसे-जैसे नौकरी की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी, तो यह पैसा जमा करना होगा। जिस पर परविंद्र कौर ने 17 अगस्त को रोहित रोजर को 70 हजार रुपये दे दिए। शेष 80 हजार रुपये काम होने के बाद देने की बात तय हुई। इसके बाद दिसंबर 2020 में परविंद्र कौर ने नौकरी के बारे में रोहित रोजर शाह से बात की, तो उसने कह दिया कि कांट्रैक्ट की नौकरी से कुछ नहीं होगा।
वह उसके पति के स्थान पर बैंक में सरकारी नौकरी लगवा देगा। वह खुद एमएलए का चुनाव लड़ चुका है। उसकी मंत्री व अधिकारियों से जान पहचान है। उनसे ही संस्था के नाम से 50-50 लाख रुपये की ग्रांट उसे भी मिलती है। मंत्रियों व अधिकारियों के साथ आरोपित ने अपनी फोटो भी दिखाई। उसकी बातों पर विश्वास कर पांच लाख रुपये में बैंक में नौकरी लगवाने की बात तय हुई।
इस तरह से आरोपित रोहित रोजर शाह व संजीव कुमार ने अलग-अलग कर पांच लाख रुपये ले लिए। इस तरह से करीब छह माह गुजर गए। जब आरोपितों से नौकरी के बारे में बात की, तो वह टाल मटोल करने लगे। जिस पर उनसे पैसे वापस मांगे, तो आरोपितों ने चेक दिए। यह चेक बैंक में लगाए, तो वह बाउंस हो गए। इस बारे में आरोपितों से कहा और पैसे वापस मांगे, तो उन्होंने जान से मारने की धमकी दी।