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SMO की सीधी भर्ती के विरोध में Haryana Civil Medical Services, चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर किया कार्य

Haryana Civil Medical Services ने एसएमओ की सीधी भर्ती का विरोध करते हुए कहा विभाग इस फैसले का विरोध करता है। अगर एसएमओ के पद खाली है तो उनको चिकित्सकों की पदोन्नति करके भरा जाए। केंद्र सरकार व बिहार राज्य में लागू पे स्केल को हरियाणा में लागू की जाए।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 11:11 AM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 11:11 AM (IST)
SMO की सीधी भर्ती के विरोध में Haryana Civil Medical Services, चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगाकर किया कार्य
Haryana Civil Medical Services ने एसएमओ की सीधी भर्ती का किया विरोध।

जींद, जागरण संवाददाता। स्वास्थ्य विभाग में सीधे एसएमओ की भर्ती निकालने के विरोध में हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन उतर आई है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेशभर के चिकित्सकों ने मंगलवार को काले बिल्ले लगाकर विभाग के इस फैसले का विरोध किया। चिकित्सकों का कहना है कि विभाग ने पहले भी इस तरह का निर्णय लिया था, लेकिन विरोध के बाद फैसला वापस ले लिया था। अब फिर से विभाग ने एसएमओ की सीधी भर्ती निकालने के प्रयास में हैं। अगर एसएमओ की सीधी भर्ती होती है तो सालों से जनता की सेवा कर रहे चिकित्सक पदोन्नति से वंचित रह जाएंगे।

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डा. रघुबीर पूनिया ने की बैठक की अध्यक्षता

मंगलवार सुबह अस्पताल खुलते ही चिकित्सकों की बैठक उपप्रधान डा. रघुबीर पूनिया की अध्यक्षता में हुई। इसमें सचिव डा. अरूण व सहसचिव डा. राजेश भोला शामिल हुए। उपप्रधान डा. रघुबीर पूनिया व सह सचिव डा. राजेश भोला ने कहा कि एसएमओ की सीधी भर्ती का विभाग विरोध करता है। अगर एसएमओ के पद खाली है तो उनको चिकित्सकों की पदोन्नति करके भरा जाए। केंद्र सरकार व बिहार राज्य में लागू पे स्केल को हरियाणा में लागू की जाए।

अब तक नहीं मिली मंजूरी

वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने उनकी मांग को स्वीकार कर लिया था और फाइनेंस विभाग को भेजने के बात कही थी, लेकिन आज तक वहां से मंजूरी नहीं मिली है। एसीपी इस समय 5, 10 व 15 वर्ष पर मिलता है जिसे 4, 9, 13, व 20 वर्ष पर किया जाए। विभाग के इन फैसलों के विरोध में आज प्रदेशभर में चिकित्सक काले बिल्ले लगाकर विरोध जता रहे हैं। अगर फिर भी सरकार व विभाग ने चिकित्सकों की सुनवाई नहीं की तो चिकित्सक हड़ताल करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। हालांकि चिकित्सकों ने सुबह बैठक करके सामान्य दिनों की तरह ओपीडी की और काले बिल्ले लगाए रखे।


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