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उद्योग मंत्री तक पहुंचा फर्जीवाड़ा, स्टेट जीएसटी अधिकारियों पर गिरेगी गाज: Panipat News

हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स जीएसटी फर्जीवाड़े की शिकायत लेकर उद्योगमंत्री विपुल गोयल से मिले। उन्होंने स्टेट जीएसटी के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 14 Jun 2019 12:08 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jun 2019 12:35 PM (IST)
उद्योग मंत्री तक पहुंचा फर्जीवाड़ा, स्टेट जीएसटी अधिकारियों पर गिरेगी गाज: Panipat News
उद्योग मंत्री तक पहुंचा फर्जीवाड़ा, स्टेट जीएसटी अधिकारियों पर गिरेगी गाज: Panipat News

पानीपत, जेएनएन। जीएसटी फर्जीवाड़े में अब हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स आगे आ गया है। चैंबर के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल ने इसकी न्यायिक जांच की मांग उठाई है। उन्होंने उद्योग मंत्री विपुल गोयल को फोन कर पूरे मामले की बारीकी से जानकारी दी। चैंबर के सामने आने पर यह मामला भी स्पष्ट होता नजर आ रहा है। 

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आरोप हैं कि इतने बड़े-बड़े फर्जीवाड़े में अकेले उद्यमी या व्यापारी नहीं कर सकता। इसमें सेलटैक्स विभाग के छोटे से लेकर बड़े अधिकारी का भी हाथ है। सीजीएसटी और एसजीएसटी की टीम हर बार उद्यमियों को सामने लाकर चली जाती है। इसकी न्यायिक जांच हो तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है। चैंबर के आगे आने पर कई अधिकारियों को पसीना आ गया है। 

दोषी अधिकारियों को मिले सजा
हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स के चेयरमैन विनोद खंडेलवाल ने बताया कि दोषी अधिकारियों को भी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पानीपत दस हजार करोड़ से अधिक का राजस्व दे रहा है। उसके बाद भी यहां औद्योगिक सेक्टरों में सड़कों व पानी की निकासी की समस्या बनी हुई है। इस समस्या पर तत्काल ध्यान दिया जाएं। इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से यहां का उद्योग त्रस्त है। किसी भी विभाग का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। 

सीपीसीबी की सख्त कार्रवाई की बात रखी 
खंडेलवाल ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़े से संबंधित जानकारी उद्योगमंत्री को मेल भी की गई है। इसके साथ सेक्टरों में सड़क, सीवर संबंधी जानकारी दी गई है। उद्योग मंत्री ने न्यायिक जांच कराने का आश्वासन दिया है।  केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की कार्रवाई के बारे में भी चर्चा की गई है। 

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जल्द से जल्द जेडएलडी लगने की मांग
उद्योगों को राहत दिलाने के लिए जल्द से जल्द जेडएलडी लगाने की मांग भी रखी गई है। जिस प्रकार टेक्सटाइल पार्क में पानी की प्रबंधन होता है। उसी तर्ज पर पानी को री-साइकिल किया जाना जरूरी है। इससे उद्योगों पर लटकी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तलवार तो हटेगी ही। साथ ही उद्योगों धंधे सही चल सकेंगे। 

इन मामलों ने कराई फजीहत
मामला नंबर एक 
जनवरी में स्टेट और सेंट्रल जीएसटी ने पानीपत में 920 करोड़ को फर्जीवाड़ा पकड़ा था। जिसमें 23 अलग-अलग मुकद्दमे दर्ज हैं। 12 करोड़ की वसूली करने का स्टेट जीएसटी दावा कर रहा है। थाना चांदनी बाग पुलिस ने दिल्ली के बख्तावपुर वासी जीनेंद्र को मंगलवार को गिरफ्तार किया था। आरोपित को तीन दिन के रिमांड पर लिया है। आरोपित ने अपने दोस्त के डॉक्यूमेंट पर दिल्ली से हरियाणा में आकर फर्म रजिस्टर्ड कराई थी। 

मामला नंबर दो 
दूसरा मामला जून में उस समय पकड़ में आया जब पुलिस ने राजेश मित्तल व उनके चार सहयोगियो गिरफ्तार किया। यह मामला 800 करोड़ तक जाने की संभावना है। मामले में 19 फर्म शामिल हैं। जिसमें 13 सेंट्रल जीएसटी पानीपत व 4 स्टेट जीएसटी में पंजीकृत हैं। दो फर्में लखनऊ से संबंधित है। इस मामले में अभी तक 90 लाख रुपये रिकवर किए जा चुके हैं। इसमें मास्टर माइंड राजेश मित्तल को सात दिन के रिमांड के बाद के बाद कोर्ट पेश किया था। उसका एक दिन का ओर दोबारा रिमांड ले रखा है। 

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