Haryana Cabinet Extension: जीटी बेल्ट से चार मंत्री, मनोहर की कैबिनेट में एक महिला विधायक भी Panipat News
पहली बार विधानसभा पहुंची कलायत से विधायक कमलेश ढांडा को राज्यमंत्री बनाया गया है। 23 साल बाद कलायत हलके को मंत्रिमंडल मे जगह मिली है।
पानीपत/कैथल, जेएनएन। हरियाणा की राजनीति में जीटी बेल्ट को कोई भी सरकार दरकिनार नहीं कर सकती है। यही वजह है कि जीटी बेल्ट से इस बार चार विधायकों को हरियाणा सरकार की कैबिनेट में शामिल किया है। इसमें पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं महिला विधायक भी शामिल हैं। कलायत से कमलेश ढांडा, पिहोवा से संदीप सिंह, अंबाला से अनिल विज, जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है।
कलायत हलके से पहला चुनाव लड़ते हुए कमलेश ढांडा को मनोहर सरकार की टीम में राज्यमंत्री बनाया गया है। मनोहर मंत्रिमंडल में कमलेश ढांडा एक मात्र महिला मंत्री है। उनके मंत्री बनने से हलके में खुशी का माहौल है। अंबाला रोड स्थित राजेंद्रा सेठ कालोनी में पहुंचे समर्थक खुशी मनाते नजर आए, आतिशबाजी व लड्डू बांटे गए। कलायत शहर सहित उनके गांव संदलखेड़ी में भी कमलेश के मंत्री बनाए जाने पर खुशी जाहिर की गई।
कलायत विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 1996 में हविपा पार्टी से विधायक बने रामभज ने बाद में इनेलो का समर्थन कर दिया था। भाजपा-हविपा गठबंधन की सरकार टूटने के बाद इनेलो व भाजपा ने गठबंधन करते हुए सरकार बनाई थी। इस गठबंधन की सरकार में कलायत हलके से विधायक बने रामभज को एक साल तक वन विभाग का मंत्री बनाया गया था। इसके बाद कलायत हलके से कोई भी विधायक किसी भी सरकार में मंत्री नहीं बना।
2004 में कांग्रेस की टिकट पर गीता भुक्कल विधायक बनी थीं , लेकिन उन्हें सरकार के मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली। 2009 व 2014 में यहां से विपक्ष के विधायक बने, यानि 2009 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी तो यहां से इनेलो की टिकट पर रामपाल माजरा विधायक थे, 2014 में भाजपा की सरकार बनी तो यहां से निर्दलीय के रूप में जयप्रकाश विधायक बने थे। अब 23 साल बाद इस क्षेत्र को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इस हलके से भाजपा ने भी पहली बार चुनाव में जीत दर्ज करते हुए कमल खिलाया। कमलेश ढांडा ने विधानसभा चुनाव में 53 हजार 805 वोट हासिल करते हुए कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश को 8 हजार 972 वोटों से हराया। जेपी को 44 हजार 831 वोट मिले थे।
पति नरसिंह ढांडा की मौत के बाद राजनीतिक में आईं कमलेश ढांडा
कमलेश ढांडा के पति नरसिंह ढांडा दो बार विधायक बनते हुए मंत्री रहे हैं। पाई हलके से वर्ष 1982 व वर्ष 1987 की देवीलाल सरकार में खाद्य आपूर्ति विभाग एवं जेल विभाग के मंत्री रहे। वर्ष 1996 में वे इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। पाई हलके से 1996 में हविपा की टिकट पर व भाजपा की टिकट पर 2000 व 2004 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नसीब नहीं हुई। 14 दिसंबर 2009 को बीमारी के चलते उनका निधन हो गया। पति की मौत के बाद कमलेश ढांडा ने उनकी राजनीतिक विरासत को संभाला। 2011 में उन्होंने भाजपा को छोड़ते हुए इनेलो ज्वाइन कर ली। 2014 का विधानसभा चुनाव नजदीक आने पर भाजपा का दामन थाम लिया, तभी से हलके में पूरी तरह से सक्रिय थी। पति नर सिंह ढांडा की हलके में साफ छवि व ईमानदारी का भी कमलेश ढांडा को फायदा मिला। कमलेश ढांडा की भी हलके में अच्छी छवि है, जिसका फायदा उन्हें चुनाव के दौरान मिला।
लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 36 हजार की बनाई थी लीड
2014 के लोकसभा चुनव में कलायत हलके से भाजपा को करीब 20 हजार वोटों से हार मिली थी। इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा का बेहद खराब प्रदर्शन रहा और भाजपा प्रत्याशी रहे धर्मपाल शर्मा इस चुनाव में 25 हजार वोटों से के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे। इनेलो के गढ़ माने जाने वाले कलायत विधानसभा क्षेत्र में कमलेश ढांडा ने अपनी टीम तैयार करते हुए यहां भाजपा को मजबूत करने का काम किया, जिसका परिणाम 2019 के लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। इस चुनाव में भाजपा ने 36 हजार की बढ़त बनाई, जो विधानसभा चुनाव में काम आई। भाजपा ने कलायत विधानसभा क्षेत्र से कमलेश ढांडा पर भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा और उन्होंने इससे सही साबित करते हुए जीत हासिल की।
- कमलेश ढांडा का जीवन परिचय
- नाम - कमलेश ढांडा
- विधायक - कलायत विधानसभा क्षेत्र
- गांव - संदलखेड़ी।
- एजुकेशन - बीएससी प्रथम वर्ष होम साइंस
- परिवार में बड़ी बेटी हर्षिता, छोटी बेटी अंकिता व सबसे छोटा एक बेटा तुषार ढांडा।
हर्षिता ने इंजीयरिंग व दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की पढ़ाई की है। अंकिता ने एमबीए की पढ़ाई की है, जो इन दिनों गुरुग्राम में प्राईवेट सेक्टर में जॉब कर रही हैं। बेटे तुषार ढांडा ने भी दिल्ली विश्वविद्यालय से वकालत की है।
कलायत हलके से कब कौन रहा विधायक
पंजाब से अलग राज्य बनने के बाद वर्ष 1967 में कलायत हलके से मांडू राम विधायक बने। वर्ष 1968 में कांग्रेस की टिकट पर भगत राम, 1972 में एनसीओ की टिकट पर भगत राम, 1977 में जेएनपी से प्रीत सिंह राठी, 1982 में लोकदल की टिकट पर जोगी राम, 1987 में लोकदल की टिकट पर बनारसी दास, 1991 में जनता पार्टी से भरत सिंह, 1996 में हविपा की टिकट पर रामभज, 1999 में इनेलो की टिकट पर दिना राम, 2004 में कांग्रेस की टिकट पर गीता भुक्कल, 2009 में इनेलो की टिकट पर रामपाल माजरा, 2014 में जयप्रकाश निर्दलीय विधायक बने थे। इस क्षेत्र से वर्ष 1954 में पेप्सू राज्य में कलायत हलके से चुनाव लड़ते हुए बाबू बृषभान विधायक बने थे, जो पंजाब के मुख्यमंत्री पद पर रहे।