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HBSE: हरियाणा बोर्ड ने 10वीं का सत्र के बीच में बदला कला का पाठ्यक्रम, जानिए क्‍या हुआ बदलाव

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने इसी सत्र के बीच में पाठ्यक्रम बदल गया है। 10वीं का कला का पाठ्यक्रम बदल दिया गया है। इससे कला अध्‍यापक संघा ने रोष जताया है। उनका कहना है कि पुराने पाठ्यक्रम से ही परीक्षा करवानी चाहिए।

By Popin kumarEdited By: Anurag ShuklaPublished: Fri, 30 Sep 2022 11:08 AM (IST)Updated: Fri, 30 Sep 2022 11:08 AM (IST)
HBSE: हरियाणा बोर्ड ने 10वीं का सत्र के बीच में बदला कला का पाठ्यक्रम, जानिए क्‍या हुआ बदलाव
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने पाठ्यक्रम बदला।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी ने सत्र के बीच में 10वीं कक्षा के कला विषय के पाठ्यक्रम में परिवर्तन कर दिया। जिससे विरोध में कला अध्यापक संघ आ गया है। इस पर गहरा रोष प्रकट किया है। इससे छात्रों की पढ़ाई और रिजल्ट प्रभावित होगा। उन्होंने बोर्ड से इस सत्र में पुराने पाठ्यक्रम से ही परीक्षा करवानी की आवाज उठाई है।

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35 साल से ज्यादा का अनुभव है नहीं ली राय

वरिष्ठ कला अध्यापक एवं राज्य शिक्षक अवार्ड प्राप्त कला अध्यापक राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि बोर्ड ने आधे से भी अधिक सत्र बीत जाने पर पाठ्यक्रम को बदलने की सूचना भेजी है जो की न्याय संगत नहीं है। न ही पाठ्य क्रम बदलने बारे किसी वरिष्ठ कला अध्यापक से सुझाव लिया गया। गुप्ता ने कहा कि वह न केवल जिले के बल्कि राज्य के भी सबसे वरिष्ठ कला अध्यापक है। पाठ्यक्रम में बदलाव बारे ऐसे अध्यापकों से सुझाव लिए जाए जिनका अध्यापन अनुभव कम से कम 15 वर्ष हो। उनका उनुभव 35 साल से ज्यादा का है।

इंजीनियरिंग करने वाले छात्रों को होगी दिक्कत

गुप्ता का कहना है कि पाठ्यक्रम से ज्यामिति व स्केल को समाप्त करना उन बच्चों के साथ बहुत अन्याय है जो की इंजीनियरिग आदि में दाखिला लेते हैं। इस विषय से छात्रों को गणित में भी बहुत सहायता मिलती है। आगे की पढ़ाई में उनके काम आते थे। ज्यामिति व स्केल के स्थान पर 40 अंक का माडल और 20 नंबर के ऑब्‍जेक्‍ट‍िव टाइप प्रश्न कर दिए हैं। इसका बच्चों का उतना लाभ नहीं मिलेगा।

वरिष्ठ अध्यापकों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए : प्रधान

वहीं राजकीय अध्यापक संघ 70 संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ के जिला प्रधान महेंद्र सिंह कलेर ने कहा की कला अध्यापकों की यह मांग जायज है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को इस पर विचार करना चाहिए। कलेर ने कहा कि स्टेट अवार्डी व वरिष्ठ अध्यापकों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। उनके अनुभव का लाभ लेना चाहिए।


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