Jind Accident: काश! कुछ देर के लिए रुक जाती नींद की झपकी, बच सकती थी 6 लोगों की जान
जींद में दर्दनाक हादसा नींद की झपकी की वजह से हुआ। हरिद्वार से लौट रहा परिवार की गाड़ी ट्रक से टकरा गई। अगर नींद की झपकी न आती तो कुछ देर बाद सभी सकुशल घर पर होते। छह लोगों की जान न जाती।
जींद, जागरण संवाददाता। जींद के गांव कंडेला के निकट हुए भीषण सड़क हादसा पिकअप चालक को नींद की झपकी आने के चलते हुआ है। इसमें एक ही परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गई, जबकि 17 लोग घायल हुए हैं।
नारनौद निवासी सुरेश व शीशपाल का परिवार अपने पिता प्यारेलाल की शनिवार को हुई मौत के बाद अस्थियां विसर्जन करने के बाद रात को करीब दस बच्चे हरिद्वार से चले थे। जहां पर पानीपत से जींद आने वाला रास्ते पर गड्ढे होने के चलते वह गाड़ी को करनाल ले गए और वहां से अलेवा से होते हुए जींद की तरफ आ रहे थे।
परिवार के लोगों ने बताया कि हरिद्वार से जब चले उस समय सुरेश का बड़ा लड़का शेखर गाड़ी को चला रहा था, लेकिन रास्ते में उसको नींद आने लगी और उसने गाड़ी को रोक लिया। इसके बाद उसका पिता सुरेश गाड़ी को चलाने लगा। इससे पहले सुरेश गाड़ी के पीछे सो रहा था। जब वह कंडेला में लक्ष्य मिल्क प्लांट के पास पहुंचा तो उसको अचानक ही नींद की झपकी आ गई।
इस दौरान सामने आ रहे ट्रक चालक की नजर अनियंत्रित हुई गाड़ी पर पड़ी और उसने हार्न भी बजाया, लेकिन उसके बाद भी जब पिकअप नियंत्रित नहीं होती देखी तो ट्रक चालक ने साइड में ट्रक को खड़ा कर लिया। इसी दौरान पिकअप ने ट्रक में सीधी टक्कर मार दी।
इसमें गाड़ी के आगे सो रहे सुरेश के फूफा नारनौद निवासी धन्ना, चाचा पंजाब के तलवंडी निवासी अर्जुन गाड़ी के आगे फंस गए, जबकि गाड़ी के पीछे ज्यादा भीड़ के साथ सभी सदस्य सो रहे थे। जब टक्कर हुई तो पीछे सो रहे लोगों के सिर पिकअप की बाडी से टकरा गए। इसमें सभी लोग घायल हो गए।
हादसा होते ही वहां से निकल रहे दूसरे वाहन चालकों ने डायल 112 को सूचित किया। जहां से गाड़ी में फंसे लोगों को आसपास के लोगों की सहायता से नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने प्यारेलाल के बहनोई नारनौद निवासी धन्नाराम, पोते अंकुश, पुत्रवधू भंतो देवी, चचेरा भाई तलवंडी पंजाब निवासी अर्जुन, पत्नी सुरजी देवी, बेटे शीशपाल को मृत घोषित कर दिया।
हादसे में यह लोग हुए घायल
पिकअप के पीछे सो रही संतोष, नैना, विवेक, विनय, सुरेंद्र, आयुष, शीतल, राजबाला, विक्की, वीरभान, पलक, सुरेश कुमार, अंजली, आयषा, शेखर, रामपाल घायल हो गए। एक साथ इतनी संख्या में घायल आने से नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी फुल हो गई। जहां पर घायलों को प्राथमिक उपचार दिया गया। जहां पर शीतल, सुरेंद्र, राजबाला, अंजली, पलक, रामपाल, शेखर, विवेक, संतोष, आयुष की गंभीर हालात देखते हुए पीजीआइ रोहतक रेफर कर दिया।
लंबी दूरी चलने के दौरान रखें ये ख्याल
अगर सुस्ती आए तो तुरंत गाड़ी को रोक लें और किनारे लगाकर आराम कर लें।
तीन से चार घंटे की ड्राइविंग के बाद रुककर चाय या पानी पीकर फ्रेश हो जाएं।
अगर रात की नींद न पूरी हुई हो तो सुबह को गाड़ी लेकर न निकलें।
पूरी रात सफर करने से बचें।
चालक की सीट के बगल में बैठे व्यक्ति को नहीं सोना चाहिए।